नेगेटिविटी से बचने के लिए घर में इन चीजों को रखने से बचें

अगर आप नेगेटिविटी से बचना चाहते हैं तो वास्‍तु के अनुसार आपको घर में कुछ चीजों को रखने से बचना होगा।

  • Ridhi Bahl
  • Editorial
  • Updated - 2020-06-10, 13:54 IST
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आजकल हमारा लाइफस्‍टाइल इतना खराब हो गया है कि हर कोई खुद को नेगेटिविटी से घिरा हुआ पाता है। इसके अलावा कोरोना वायरस के डर और घर में लंबे समय तक रहने से भी लोगों में बहुत ज्‍यादा नेगेटिविटी आ गई हैं। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि अगर आपके घर की चीजें वास्तु के अनुसार नहीं हैं, तो भी नेगेटिव एनर्जी बढ़ सकती है और इससे आपको मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से नुकसान हो सकता है। ऐसे में वास्‍तु शास्‍त्र ही ऐसा है जो घर में नेगेटिव एनर्जी को कम करने में हेल्‍प करता है। जी हां वास्तु शास्त्र, जिसका शाब्दिक अर्थ 'वास्तुकला का विज्ञान' है, वास्तुकला एक प्राचीन भारतीय दर्शन है। यह प्रकृति के पांच मूल तत्‍वों सूर्य, हवा, पानी, पृथ्वी और अंतरिक्ष और उनसे उत्पन्न होने वाली विभिन्न ऊर्जाओं पर निर्भर करता हैं। वास्तु के सिद्धांतों का पालन करके, इन ऊर्जाओं को घरों में शांति और समृद्धि बढ़ाने के लिए बैलेंस किया जा सकता है। जी हां घर को असल में घर बनाने के लिए बहुत काम करने की जरूरत होती है। लोग, चीजें और माहौल; जब सभी एक साथ मिलते हैं, तो वे एक साथ मिलकर अपने परिवेश को शांति और एनर्जी देते हैं। ऊर्जाओं का प्रभाव कई संस्कृतियों में अच्छी तरह से व्याप्त है।

अगर आप अच्‍छा और खुशनुमा जीवन जीना चाहते हैं, तो वास्तु के अनुसार घर होना बेहद जरूरी है। इसलिए आज हम कुछ चीजों के बारे में बता रहे हैं, जो सपनों के खूबसूरत घर में अपने परिवार के साथ तनाव मुक्त और शांतिपूर्ण जीवन का आनंद लेने के लिए नहीं रखनी चाहिए। घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे, इसके लिए एक पॉजिटीव माहौल में रहना बेहद जरूरी होता है।

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शीशा

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हालांकि शीशे को सबसे बड़ा वास्तु दोष निवारण उपकरण माना जाता है। शीशे में अकल्पित भाग्य, धन और खुशी को आकर्षित करने की क्षमता होती है। लेकिन, अगर किसी घर में शीशा, वास्तु के नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं होता है, तो इससे दुर्भाग्य और निगेटिविटी बढ़ सकती हैं। शीशे का इस्‍तेमाल करते समय इन बातों को ध्यान में रखें;

  • ओवल और राउंड शेप के शीशे को लगाने से बचें।
  • बच्चों के कमरे में स्‍टडी टेबल के पास शीशा टांगने से बचें, क्योंकि इससे पढ़ाई में एकाग्रता में कमी आती है।
  • शीशे को कभी भी एक दूसरे के विपरीत न रखें, क्योंकि यह अधीरता का कारण बनता है और बेचैन करने वाली एनर्जी को बढ़ाता है।

टूटी हुई मूर्तियां रखने से बचें

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में ऐसी चीजें नहीं रखनी चाहिए, जिससे लड़ाई-झगड़ा और अशांति बढ़े। कुछ ऐसी वस्तुएं हैं, जो घर का वातावरण प्रभावित करने लगती हैं। इसमें टूटी हुई मूर्तियां भी शामिल है। घर से नेगेटिव एनर्जी दूर भगानेे के लिए घर में टूटे हुए शीशे और टूटी हुई मूर्ति या भगवान और देवी की मूर्ति न रखें।

युद्ध की तस्‍वीरें

रामायण और महाभारत के युद्ध की तस्‍वीरों को घर पर नहीं रखा जाना चाहिए। कुछ पेंटिंग परिवार के सदस्यों के बीच प्रतिद्वंद्विता दर्शाती हैं। इसके अलावा इससे घर में नेगेटिव एनर्जी आती है। आप चाहे तो अपने घर के लिए हरे-भरे या नीले रंग के आकाश जैसे जीवंत रंगों की पेंटिंग चुनें। इसमें फूलों, पहाड़ों और झरने के पेंटिंग शामिल हो सकती हैं।

देवी महालक्ष्मी की मूर्ति

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देवी महालक्ष्मी की मूर्ति/तस्वीर को कभी भी बाहर की ओर न लगाएं, क्योंकि इससे घर से धन का बहिर्वाह माना जाता है।

कैक्‍टस और बोनसाई पौधे

घर में कैक्‍टस का पौधा नहीं लगाना चाहिए, क्‍योंकि कैक्‍टसकांटे वाला पौधा है। यह रिश्‍तों में दरार लाता है और घर में लड़ाई-झगड़े ज्‍यादा होते हैं। बोनसाई पौधे को भी घर में लगाने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इसेे हम काटकर छोटा कर देते हैं। इसे लगाने से इंसान की ग्रोथ रुक जाती है।

आर्टिफिशियल प्लांट

आर्टिफिशियल प्लांट भी घर में नहीं रखने चाहिए, क्‍योंकि ये भी नेगेटिविटी को बढ़ाते हैं। इसलिए घर में नेचुरल फ्लावर लगाने की कोशिश करें। खासतौर पर भगवान की मूर्ति पर आर्टिफिशियल या कपड़े की फूलों की माला भी नहीं चढ़ानी चाहिए। बल्कि नेचुरल फूलों की माला को ही चढ़ाना चाहिए।

बॉक्‍स वाले बैड

आजकल घरों में बॉक्‍स वाले बैड होते हैं, और हम इन्‍हीं में अपने सामान को स्‍टोर करते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैैंं कि इसका असर हमारे रिश्‍ते पर पड़ता है। इसलिए कोशिश करें कि बैड बॉक्‍स के अंदर धार वाली नुकीले या टूटी-फूटी चीजें न रखें। इससे लड़ाई-झगड़ा होने की संभावना बढ़ जाती है।

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ताजमहल

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ताजमहल के किसी भी शो पीस या चित्र को घर पर नहीं रखना चाहिए, यह एक कब्र है और मृत्यु और निष्क्रियता का प्रतीक है। हालांकि लोग इसे प्रेम के प्रतीक के रूप में पहचानते हैं, लेकिन यह वास्तव में मुमताज महल की कब्र है।

सीढ़ियों के नीचे मंदिर

सीढ़ियों के नीचे मंदिर कभी न बनाएं, क्‍योंकि हम सीढ़ी पर चढ़कर जाते हैं। इसके मतलब यह है कि आप भगवान के ऊपर से पांव रखकर जा रहे है। यह घर की तरक्‍की, उन्‍नति और लक्ष्‍मी को बुलाने के लिए अच्‍छा नहीं होता है। सीढ़ी के नीचे आप टॉयलेट या स्‍टोर बना सकते हैं।

अगर घर से नेगेटिविटी को दूर करना चाहते हैं तो इन चीजों को घर में रखने से बचें। वास्‍तु से जुड़ी ऐसी ही जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।

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