कहीं आप अपनी रिलेशनशिप में पति की ज्यादती का शिकार तो नहीं हो रहीं?

रिश्ता निभाना तकलीफदेह होता है जब महिलाएं अपने पति के खराब व्यवहार को चुपचाप सहती रहती हैं। भावनात्मक रूप से चोट पहुंचाने वाले ऐसे व्यवहार को खत्म करने के लिए आज से ही करें पहल। 

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रिलेशनशिप में महिलाएं अक्सर किसी ना किसी तरह की प्रॉब्लम का सामना करती हैं। कभी पार्टनर के साथ कंपेटिबिलिटी इशु आते हैं तो कभी छोटी-बड़ी चीजों पर मनमुटाव हो जाते हैं, लेकिन भारत में रिलेशनशिप में सबसे बड़ी समस्या है इमोशनल अब्यूज की। पारिवारिक जिंदगी में भी पुरुषों का वर्चस्व कोई नहीं बात नहीं है। भारतीय महिलाएं आमतौर पर ऐसे ही परिवेश में रहती हैं, जहां हर छोटी-बड़ी चीज पुरुषों के हिसाब से होती है, लेकिन मुश्किल तब आती है जब महिलाएं रिलेशनशिप में ज्यादती का शिकार होती हैं।

अगर आप कंट्रोलिंग रिलेशनशिप में रही हैं तो आप जानती होंगी कि महिलाएं इसमें कितनी बुरी तरह से फंस जाती हैं। इसकी शुरुआत बहुत सामान्य तरीके से होती है मसलन महिलाओं से उनके पति पूछ देते हैं, अब यही ड्रेस रह गई है पार्टी में पहनने के लिए?', 'क्या तुम कभी कोई काम ढंग से कर सकती हो', ' खाना में कभी कुछ ढंग का भी बना दिया करो'। इस तरह के कमेंट्स महिलाएं पॉजिटिव तरीके से लेती हैं। उन्हें लगता है कि ये कमेंट उनसे जुड़ाव के नाते ही किए जा रहे हैं, आपको उनकी बात सुननी चाहिए, आखिर वो आपके पति हैं। इसे आप इमोशनल टॉर्चर बिल्कुल नहीं मानती।

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वैसे बात छोटे-मोटे झगड़े पर ही खत्म हो जाए तो कोई परेशानी भी नहीं, लेकिन असली चुनौती तब आती है जब समय के साथ पति के ताने और ज्यादा बढ़ने लगते हैं। आपके पति आप पर तीखी टिप्पणी करते हैं, बात-बात में आपकी इंसल्ट करते हैं, आपको होने वाली तकलीफ के बारे में फिक्रमंद नहीं होते, आपसे भावनात्मक जुड़ाव महसूस नहीं करते। लेकिन इस स्थिति में आपको उदास नहीं होना चाहिए।

ये हो सकती हैं पति के कंट्रोलिंग बिहेवियर की वजह

  • पति जब खुद को असहाय महसूस करते हैं।
  • खुद को बेहतर महसूस कराने के लिए वह आपके साथ रूखा व्यवहार करते हों।
  • परेशानियों से पल्ला झाड़ने के लिए आप पर सबकुछ थोप देना।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि कहीं आप उन्हें छोड़ ना दें।
  • पति के मन में यह बात हो कि कोई उन्हें चाहता नहीं है।

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इन तरीकों से अपना खोया आत्मविश्वास फिर से पाएं

अगर आपको लगे कि आप अपने पति का इमोशनल टॉर्चर सहते-सहते थक गई हैं और जिंदगी से हताश होने लगी हैं तो आपको जल्द से जल्द खुद को सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास करना चाहिए।

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खुद को बनाएं सशक्त

अगर रिलेशनशिप में आप लगातार भावनात्मक रूप से दुखी हैं तो आपको सबसे पहले उससे दूरी बनानी चाहिए। इससे आप अंदर से सशक्त महसूस करती हैं और आगे की रणनीति बिना किसी डर के पूरी तरह सोच-समझ कर उठाती हैं।

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बहुत ज्यादा आलोचना ना सहें

अपने पार्टनर को जताएं कि आपको उनके कड़वे बोल दुख पहुंचाते हैं। उन्हें बताएं कि उनकी बातें आपको किस तरह से प्रभावित करती हैं और अगर वे इस तरह का व्यवहार आपके साथ जारी रखेंगे तो आपके लिए उनके साथ शांति के साथ रहना मुश्किल हो जाएगा।

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तनाव वाले मुद्दों पर करें बात

अगर आपके पति आपसे कुछ बातों पर नाराज हैं या आपसे परेशान हैं तो आपको उनके साथ बैठकर इन इशुज पर बात करनी चाहिए। मुमकिन है कि शांति से बात करने पर आप किसी सॉल्यूशन तक पहुंच जाएं। इस बात का ध्यान रखें कि राजी ऐसी ही बातों के लिए हों, जिनमें आपके आत्मसम्मान को ढेस ना पहुंचे। लेकिन अगर आपके लिए चीजें सही नहीं हैं और आपको ऐसी बातें मानने को मजबूर किया जाए जिनसे आप सिर्फ दुखी ही होती हैं तो सिर्फ रिश्ता सलामत रखने के लिए खुद को टॉर्चर ना होने दें।

स्पष्टता है जरूरी

अपनी जिंदगी की वरीयताएं, जरूरतें और लक्ष्यों के बारे में गंभीरता से सोचें। यह भी सुनिश्चित करें कि अपने फैसलों में आप अपने साथ अन्याय न करें। अपने पति को यह स्पष्ट कर दें कि आप उनके लिए क्या कर सकती हैं और क्या आपके सामर्थ्य से बाहर है। आप अपनी बात खुलकर रखें और कोई भी बात कहने में संकोच ना करें। अगर आपको कोई बात स्वीकार्य नहीं है तो उसे साफ तौर पर बता दें। अगर आप दोनों में रजामंदी नहीं बन पा रही है तो आपके लिए अलग हो जाने का विकल्प ही बेहतर होगा।

सपोर्टिव लोगों के साथ रहें

जब आप लोगों के साथ कनेक्ट करती हैं तो आपके अपनी शक्ति का सही मायने में अहसास होता है। इसीलिए अपने परिजनों के साथ बातचीत करती रहें और ऐसे लोगों के साथ भी संपर्क में रहें, जो आपको प्रोत्साहित करते हों।

आखिरकार यह फैसला आपको करना है कि आप अपने पार्टनर के साथ रहना चाहती हैं या नहीं। रिलेशनशिप ऐसी होनी चाहिए कि जिसमें आपकी ग्रोथ संभव हो ना कि ऐसी, जिसमें आप खुद को कमजोर पाएं। प्यार आपको हमेशा शक्ति देता है, कभी आपको कमजोर नहीं बनाता। इसीलिए आपका रिश्ता भी ऐसा होना चाहिए जो आपको स्ट्रेंथ दे। खुद से शुरुआत करें। खुद की केयर करें और खुद का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए प्रयास जारी रखें।

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