"इतना ना मुझसे तु प्यार बढ़ा, कि मैं एक बादल आवारा...." गाने के ये बोल और धुन मेरे कानों में अभी तक गूंज रही हैं और मैं अभी भी खुद को उसी नाटक की दर्शक दीर्घा में पा रही हूं, जहां मैं कल शाम को बैठ कर एक मुधर शाम का आनंद उठा रही थी। जी हां, मैं बात कर रही हूं 2 सितंबर 2024 की शाम दिल्ली के इंडियन इंटरनेशनल ऑडीटोरियम में हुए एक म्यूजिक ड्रामा की, जिसमें सुपरस्टार सिंगर तलत महमूद के जीवन को बहुत ही खूबसूरती के साथ दर्शाया गया था। यह नाटक एक किताब 'Talat Mahmood : The Definitive Biography'पर आधारित था। इस किताब की राइटर सहर ज़मान न केवल एक पूर्व पत्रकार रह चुकी हैं बल्कि रिश्ते में तलत महमूद साहब की ग्रैंड नीज भी लगती हैं।
शो के दौरन सहर से हुई मुलाकात में न केवल तलत साहब के जीवन से जुड़े कुछ अव्यक्त पेहलुओं पर बात हुई, बल्कि इस किताब को लिखते वक्त सहर की भावनाओं और अनुभवों पर भी खुल कर चर्चा हुई ।
'मुम्बई नाना' कौन हैं?
सहर ज़मान सिंगर तलत महमूद की बेटी की बेटी की बेटी हैं। बेशक सुनने में रिश्ता दूर का लगता है, मगर जो रिश्ते दिल से जुड़े होते हैं उनकी करीबी को आंकना मुश्किल होता है। सहर भी अपने मुम्बई नाना से दिल से जुड़ी थीं। मुम्बई नाना यानी तलत साहब। सहर कहती हैं, "नाना जी मुम्बई में रहते थे और इसलिए मैं उन्हें इसी नाम से पुकारती थी। आज भी जब मैं उन्हें याद करती हूं तो यही नाम मेरे जहन में आता है।"
अपनी पेहचान बनने के लिए किया स्ट्रगल
एक ऐसे परिवार का हिस्सा होने, जहां तलत महमूद जैसे टैलेंटेड सिंगर का जन्म हुआ है, जहां घर के हर सदस्य के गले में सुर की देवी बैठी हैं, बावजूद इसके सहर ने कभी भी अपनी पेहचान बनने के लिए उनकी लोकप्रियता का सहरा नहीं लिया। वह कहती हैं, "मुझे इस बात का बहुत ज्यादा दुख है कि मैंने क्यों नहीं सिंगिंग में करियर बनाया। कम से कम मैं संगीत को सीख तो सकती थी, मगर मैंने इस पर बहुत बाद में ध्यान दिया और आज मुझे इस बात का पछतावा भी है। मगर मुझे खुशी है कि मैंने पत्रकारिता को चुना और आज इसी की बदौलत मैं यह किताब लिख पाई हूं। हालांकि, पत्रकारिता में 2 दशक बीतान के बाद भी मेरे बहुत कम दोस्तों को पता है कि मैं लेजेंड तलत महमूद के परिवार से हूं और जिन्हें पता भी है वो भी बहुत देर में इस हकीकत को जान पाए क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि मैं नाना जी के नाम का सहारा लेकर आगे बढ़ू।"
घरवालों की नराजगी का करना पड़ा था सामना
कहते हैं न कि सफलता का स्वाद चखना आसान नहीं है। यह कहावत सहर के ऊपर एकदम फिट बैठती है। सहर ने जब तय किया कि उन्हें तलत साहब के जीवन पर किताब लिखनी है, तो रिसर्च वर्क उन्होंने अपने घर से ही शुरू किया था। मगर जैसे हर किसी के जीवन के कुछ खट्टे-मीठे सच होते हैं, वैसे ही तलत साहब की जिंदगी में भी ऐसी कई रोचक घटनाएं घटी थीं, जिनसे उनके परिवार के कुछ सदस्य राजी नहीं थे। सहर ऐसी ही एक घटना का जिक्र करती हैं, "हम लखनऊ से हैं। तहजीब के उस शहर से जहां गायन और नृत्य को कला तो कहा गया, मगर इसमें हिस्सा लेने वालों को उस दौर में अच्छा नहीं माना जाता था। हमारे परिवार के लिए संगीत हमेशा से ही इंटरटेनमेंट का एक साधन था। ऐसे में घरवालों से बगावत करके तलत साहब संगीत के क्षेत्र में आए थे। इससे भी अव्वल उन्होंने गैर मुस्लिम को अपनी जीवन संगनी चुन लिया था। इन सब बातों का जिक्र मैं अपनी किताब में करना चाहती थी और किया भी, मगर अपने कई रिश्तेदारों की नराजगी का समना करके।" हालांकि, सहर अपने घरवालों की शुक्रगुजार भी हैं कि उनसे उन्हें तलत साहब के बारे में गहराई से जानने का मौका मिला।
म्यूजिक ड्रामा के बारे में
किताब लिखने के बाद सहर सोच ही रही थी कि आगे वह ऐसा क्या करें कि तलत महमूद को दुनिया और भी ज्यादा कीरब से जान सके, तब ही कुछ ऐसा हुआ जिसके बारे में सहर खद ही बताती हैं, " मेरे पास वेटरेन डायरेक्टर सोहेला कपूर जी की तरफ से एक ऑफर आया कि क्यों न हम मेरी लिखी किताब के आधार पर तलत जी के ऊपर एक म्यूजिक ड्रामा बनाएं। इसके बाद अनुराधा कौर दार जी ने इसे प्रोड्यूस करने का जिम्मा उठाने की बात कही। दो लेजेंड्स जब मिलकर एक लेजेंड के लिए इतना कुछ करने के लिए तैयार थे तो मैं पीछे क्यों हटती। बस यही से ड्राम लिखने और उसे हकीकत में स्टेज पर देखने का काम शुरू हुआ।"
आपको बता दें कि इस ड्रामा में आपको तलत महमूद के जीवन से जुड़ी कुछ बेहद पुरानी तस्वीरें और उनसे जुड़े रोच तथ्य जानने को मिलेंगे, साथ ही उनके यादगार गानों का जो आनंद आप ले पाएंगे, वो तो कॉमप्लीमेंट्री है। इतना ही नहीं, इसमें दौरान आपको कुछ कलाकार किताब में मौजूद खूबसूरत तथ्यों को अपनी अदाकारी के साथ नरेट करते हुए भी दिख जाएंगे, जो पूरे ड्रामा को एक अलग ही आयाम देता है।
अगर आप भी तलत महमूद साहब के फैन हैं तो सहर ज़मान द्वारा लिखी किताब 'Talat Mahmood : The Definitive Biography'को जरूर पढ़ें और इस म्यूजिकल ड्रामा का अपने शहर में लुत्फ उठाएं। यह म्यूजिकल ड्रामा दिल्ली के अलावा जल्द ही देश के अन्य शहरों में भी मंच पर देखा जा पाएगा।
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