सुकन्या समृद्धि खाता योजना की शुरुआत साल 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार की तरफ से हुई थी और यह स्कीम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का हिस्सा है। बेटियों और देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से इस स्कीम की शुरुआत की गई। आइए जानते हैं सुकन्या समृद्धि स्कीम से जुड़े हुए कुछ अहम पहलू, ताकि बेटी के लिए यह खाता खुलवाते हुए आपको कोई समस्या ना हो-
सरकार ने लड़कियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की। यह योजना सिर्फ लड़कियों के लिए है। इसके अंतर्गत लड़की के नाम पर एक खाते में उसके माता-पिता / कानूनी अभिभावक की तरफ से पैसे की नियमित बचत की जाती है ताकि इसका उपयोग आगे चलकर बेटी की शिक्षा या पढ़ाई में किया जा सके। देश में बड़ी संख्या में डाकघर हैं और दूरदराज के इलाकों में, जहां बहुत ज्यादा विकास नहीं हुआ है, ऐसी जगहों पर डाकघर में सुकन्या समृद्धी खाता योजना की उपलब्धता से महिलाओं को फायदा होता है, क्योंकि इससे वे बचत की शुरुआत कर सकती हैं। वैसे डाकघर के अलावा यह खाता किसी भी प्राधिकृत बैंक में खोला जा सकता है।
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सुकन्या समृद्धि खाता खोलने के लिए किसी अधिकृत बैंक से फॉर्म लें और इसे पूरी तरह से भरने के बाद और आवश्यक सभी दस्तावेजों के साथ फार्म जमा करें। सुकन्या समृद्धी खाता खोलने से पहले आपको इन बातों के बारे में जरूर जानकारी होनी चाहिए-
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सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर पंकज मठपाल बताते हैं,'सुकन्या समृद्धि योजना में बेटी के नाम से निवेश किया जा सकता है। इस पर मिलने वाला ब्याज कर मुक्त होता है यानी कि ब्याज पर टैक्स नहीं लगता। साथ ही निवेश की राशि पर भी आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट भी मिलती है। वार्षिक निवेश की न्यूनतम राशि रूपये 1000 रुपये और अधिकतम रूपये 1,50,000 रुपये है। मौजूदा ब्याज दर 8.50 प्रतिशत है, लेकिन हर तिमाही में इन ब्याज दरों की समीक्षा होती है और ब्याज दरों में बदलाव होता रहता है। निवेश की परिपक्वता राशि कितनी होगी, इसकी गणना शुरुआत में नहीं की जा सकती, क्योंकि ब्याज दरें समय-समय पर बदलती रहेंगी।'
अगर किसी वजह से आपकी बेटी का सुकन्या समृद्धि खाता नियमित नहीं रह पाया और यह बंद हो गया तो खाते को दोबारा शुरू करने के लिए 50 रु का जुर्माना देकर इसे फिर से एक्टिव करने का प्रावधान है। इस स्थिति में एक वित्त वर्ष के लिए इसमें 1000 रु की न्यूनतम जमा राशि जमा करानी होगी।
आपको खाता खोलने की तिथि से 14 वर्ष तक धन जमा करना होगा इसका मतलब है कि अगर आपकी बेटी 6 साल की है तो आप उसके 20 साल की होने तक खाते में पैसे जमा कर सकते हैं। खाता परिपक्वता के बाद बंद हो जाता है, लेकिन अगर आपकी बेटी खाते की परिपक्वता से पहले शादी कर लेती है तो खाता उस वर्ष ही बंद हो जाएगा।
बेटी से जुड़े खर्चों को देखते हुए आप जमा राशि का 50% तब निकाल सकती हैं, जब लड़की की उम्र 18 वर्ष की हो तो, यह धन बेटी की पढ़ाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। बाकी बची रकम खाते मैच्योरिटी के समय तक खाते में जमा रहेगा और उस पर चक्रवृद्धि ब्याज बेनिफिशियरी को मिलेगा। अगर आप किसी दूसरे शहर में रहने जा रहे हैं या फिर आपका ट्रांसफर वहां हो रहा है तो उस स्थिति में इस खाते को ट्रांसफर करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
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