सुप्रीम कोर्ट ने ब्लू व्हेल गेम को एक राष्ट्रीय समस्या है बताया है। केवल इंडिया में ही नहीं बल्कि आधे से अधिक देशों में ब्लू व्हेल गेम के कारण कई बच्चे सुसाइड कर चुके हैं। इस कारण सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी चैनलों और दूरदर्शन से निजी चैनलों से उनके प्राइम टाइम प्रोग्राम में जागरुकता फैलाने को कहा है।
देश की शीर्ष अदालत ने ब्लू व्हेल गेम की वजह से हो रहे नुकसानों को कम करने के लिए चैनलों से जागरुकता फैलाने की बात कही है।
ब्लू व्हेल गेम अब तक कई लोगों की जान ले चुका है। माना जाता है कि अब तक दुनिया में लगभग 200 से ज्यादा लोग इसके कारण सुसाइड कर चुके हैं। इस कारण ब्लू व्हेल पर बैन लगाने के लिए वकील एन एस पोन्नैया ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। तमिलनाडु के एक 73 वर्ष के व्यक्ति ने भी ब्लू व्हेल चैलेंज गेम पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली थी।
Blue whale game ban plea: SC said Doordarshan & pvt channels must create awareness by telecasting its hazards in their prime time programme
— ANI (@ANI) October 27, 2017
इन्हीं याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल चैलेंज को एक राष्ट्रीय समस्या बताया है। साथ ही सभी चैनलों को सलाह देते हुए कहा है कि उन्हें अपने प्राइम टाइम पर इसके खिलाफ जागरूकता फैलानी चाहिए।
इससे पहले इसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सहित सभी राज्य सरकारों से तीन हफ्तों के अंदर विस्तृत जवाब मांगा था। जिस पर जवाब देते हुए केंद्र ने कहा था कि उसने इस मामले के लिए एक कमेटी बनाई है जो 3 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी।
इस याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खनविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की बेंच ने कर रही है।
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