हिन्दू धर्म में अनुसार अमावस्या तिथि का अपना अलग महत्त्व है। साल में 12 अमावस्या तिथियां होती हैं और एक महीने में 2 अमावस्याएं होती हैं। प्रत्येक अमावस्या तिथि का अपना अलग महत्त्व होता है और हर अमावस्या में अलग तरीके से दान -पुण्य और पूजन का महत्त्व है।
अमावस्या तिथि में पवित्र नदियों में स्नान ध्यान करना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन होती है, तब इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। आइए नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी से जानें अप्रैल के महीने में कब पड़ रही है अमावस्या तिथि और इसका क्या महत्त्व है।
जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस साल सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल 2021, सोमवार को मनाई जाएगी। पुराणों के अनुसार,सोमवती अमावस्या के दिन स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का बहुत महत्व है। 12 अप्रैल को साल 2021 की पहली सोमवती अमावस्या तिथि है, इसलिए इसका विशेष महत्व है। इस पूरे साल में एक ही सोमवती अमावस्या पड़ रही है इसलिए इस दिन दीपदान का एवं पितरों को याद करने का विशेष महत्त्व है।
किसी भी अमावस्या तिथि को पवित्र नदी अथवा जलकुंड में स्नान करना बहुत फलदायी माना जाता है। परन्तु इस बार कोरोना महामारी की वजह से स्नान करना संभव नहीं है तो आप घर पर ही पानी में पवित्र गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं, जिससे नदियों में स्नान के बराबर ही पुण्य प्राप्त होगा। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन यदि कोई व्यक्ति पवित्र नदी में स्नान करता है और दान पुण्य करके पितरों को याद करता है, तो उसके सभी कष्ट दूर होते हैं।
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पुराणों के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य को अर्ध्य देना भी शुभ माना जाता है। इसलिए इन दिन पापों से मुक्ति के लिए प्रातः उठकर स्नान करके सूर्य को अर्ध्य दें और ईश्वर की प्रार्थना के साथ पितरों को भी याद करें।
कहा जाता है कि पीपल का वृक्ष अत्यंत पवित्र होता है और इसमें पितरों का वास होता है। इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने के साथ पीपल में दीप प्रज्ज्वलित करें। पीपल की यथा शक्ति परिक्रमा करके जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से मुक्ति भी पायी जा सकती है।
सोमवती अमावस्या के दिन दान पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन गरीबों, साधु, महात्मा तथा ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और स्नान- दान आदि के अलावा इस दिन पितरों के नाम काका तर्पण करने से परिवार पर पितरों की कृपा बनी रहती है। इस दिन पितरों के नाम का दीपक जरूर प्रज्ज्वलित करें। ऐसा करने से कई दोषों से मुक्ति मिलती है।
सोमवती अमावस्या के दिन की जाने वाली पूजा, स्नान और दान आदि का विशेष पुण्य जीवन में प्राप्त होता है। इस दिन पितरों को भी याद करके पवित्र नदियों या नदियों के जल से स्नान करना शुभकारी होता है। इस दिन पितरों के नाम से तर्पण करने और दान -पुण्य करने से रोग दोष से मुक्ति मिलने के साथ पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।
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Image Credit: free pik and unsplash
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