केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल ने बठिंडा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को हरा दिया है। बठिंडा से दो बार की सांसद हरसिमरत कौर ने वडिंग को 21,772 मतों से पराजित किया। हरसिमरत ने 4,92,824 वोट हासिल किए तो वडिंग को 4,71,052 वोट मिले है। 2014 के लोकसभा चुनावों में हरसिमरत ने यहां से 19,395 मतों से जीत दर्ज की थी।
राजनीतिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वालीं हरसिमरत कौर बादल वर्तमान में भारत सरकार में खाद्य प्रसंस्करण के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं। हरसिमरत बठिंडा से संसद हैं और शिरोमणि अकाली दल की सदस्य हैं। संसद के अपने जोरदार भाषण के लिए जानी जाने वाली हरसिमरत कौर गरीबों और खास तौर पर कमजोर महिलाओं के विकास के लिए हमेशा आगे रहती हैं और उनके इन कामों को अंतर्राष्ट्रीय सराहना भी मिल चुकी हैं। उनके काम करने का अंदाज बिल्कुल अलग है और उन्होंने पंजाब के विकास के लिए कई परियोजनाओं की शुरूआत भी की हैं। तो आइए जानते हैं, एक ताकतवर राजनीतिक घराने की बहू और बेटी होने के नाते उन्होंने अपना अब तक सफर कैसे तय किया। आज हम आपको बताएंगे उनके निजी और राजनीतिक जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
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उनका जन्म 25 जुलाई, 1966 को मजीठिया परिवार में एक सिख परिवार में सत्यजीत सिंह मजीठिया और सुखमंजुस मजीठिया के घर हुआ था। हरसिमरत कौर बादल ने नई दिल्ली के लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने टेक्स्टाइल डिजाइनिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की हैं।
एक ताकतवर राजनीतिक घराने की बहू और बेटी हरसिमरत कौर बादल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। 21 नवंबर 1991 को हरसिमरत कौर की शादी सुखबीर सिंह बादल से हुई। हरसिमरत और सुखबीर के तीन बच्चे हैं, दो बेटियां और एक बेटा। हरसिमरत के भाई बिक्रम सिंह मजीठिया भी राजनीति में हैं और मजीठा सीट से शिरोमणि अकाली दल के विधायक हैं।
हरसिमरत कौर बादल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2009 के भारतीय आम चुनावों के साथ की थी। इन चुनावों में शिरोमणि अकाली दल की ओर से हरसिमरत कौर बादल ने चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार राहींदर सिंह को भारी मतो से हराया था और भटिंडा विधानसभा क्षेत्र से 15वीं लोकसभा सदस्य चुनी गई थीं। इसके बाद हरसिमरत कौर बादल ने 2014 के आम चुनावों में भटिंडा सीट से पुन: जीत प्राप्त की और वर्तमान में भारत सरकार में खाद्य प्रसंस्करण के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं।
हरसिमरत कौर ने पंजाब में घट रहे महिला लिंग अनुपात के खिलाफ और पेड़ों को बचाने के लिए 'नन्ही छांह' नामक एक परियोजना शुरू की है। यह परियोजना कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ संघर्ष और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के सशक्तिकरण की एक पहल है। पंजाब के गावों में इस नन्हीं छांह पहल के माध्यम से 75 सिलाई केन्द्र खोले गए हैं, जिनमें 1900 से अधिक बच्चियों को कपड़ों की सिलाई, दरियों की बुनाई और फुलकारी बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
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28 नवंबर 2018 हुए करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए हरसिमरत कौर पाकिस्तान गई थीं। हरसिमरत करतारपुर साहिब से वापसी पर अपने साथ घर के लिए उस पावन सरजमीं की मिट्टी और लोगों के लिए गुरुद्वारा साहिब की रोटियां लाई थीं। उन्होंने यात्रा को सुखद तथा सफल बताया था।
Photo courtesy- instagram.com(@harsimrat_kaur_badal, Twitter.comHarsimratBadal_,The Economic Times, The Quint, Times of India, Pinterest)
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