श्वेता की तबियत खराब है, इसलिए वह आज ऑफिस नहीं गई। मगर ऑफिस में उसके बॉस को आज उसकी कमी बहुत खल रही है। कोई भी काम सही से नहीं हो रहा। यहां तक की बॉस ने कुछ काम पेंडिंग ही छोड़ दिए हैं, ताकि स्वेता ही आकर उन्हें करे। क्योंकि बॉस को श्वेता के अलावा किसी पर भरोसा ही नहीं है। बॉस का श्वेता के प्रति यह व्यवहार यही संकेत देता है कि वह कितनी एफिशियंट एंप्लॉय है। मगर ऐसा नहीं है कि श्वेता की टीम में काम करने वाले लोग एफिशियंट नहीं है। काम सभी को आता है मगर बॉस को केवल श्वेता के काम पर भरोसा है। कठिन से कठिन काम ऑफिस में श्वेता को ही दिया जाता है। श्वेता भी पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना काम करती है। शायद यही वजह है कि बॉस को श्वेता की आदत सी हो गई है। श्वेता के बिना ऑफिस में उसे अधूरापन सा लगता है।
जाहिर है, ऐसी फीलिंग को आम भाषा में लोग यही कहेंगे कि बॉस को श्वेता से प्यार हो गया है। मगर ऐसा नहीं है। यह फीलिंग तब आती है जब एक कर्मचारी से बॉस का एक अलग ही रिश्ता कायम हो जाता है और टेक्निकली इस रिश्ते को वर्कस्पाउस कहा जाता है। जी हां, ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है और इस रिश्ते को बनाए रखने में कोई भी बुराई नहीं है। मगर इस रिश्ते की आहट को कैसे समझा जाए यह थोड़ा मुश्किल है। चलिए हम आपको बताते हैं कि कैसे आपको पता चलेगा कि आप बन चुकी हैं अपने बॉस की वर्कस्पाउस।
जब बॉस आपको देने लगे बड़ी जिम्मेदारियां
आपकी टीम में कई लोग हैं मगर बॉस हमेशा आपको ही बड़ी जिम्मेदारियां देता है। हो सकता है कई बार आपके मन में नेगेटिव थॉट्स आएं कि बॉस आपको चेक कर रहे हैं कि आपको काम करना आता है या नहीं आता है मगर ऐसा नहीं है। चेक करने के बहुत से दूसरे तरीके हो सकते हैं मगर कोई भी जिम्मेदारी वाला काम आपको बॉस तब तक नहीं देगा जब तक उसे आप पर भरोसा न हो जाए कि आप वह काम बहुत ही अच्छी ढंग से करेंगी। इस लिए आपको जब भी कोई जिम्मेदारी वाला काम दिया जाए तो उसे पूरी इमानदारी के साथ करें और अपना बेस्ट दें।
बॉस आपसे से मांगे सलाह
बॉस टीम के दूसरे कर्मचारियों को तो सलाह देता है मगर आपसे मांगे तो समझ जाएं कि उसे आप पर किता भरोसा होगा। दरअसल बॉस हमेशा राइट नहीं होता यह बात उसे भी पता होती है। इसलिए उसे हमेशा तलाश रहती है कि टीम में उसे कोई ऐसा बंदा मिल जाए जो उसे बता सके कि जो स्ट्रैटजीस वो प्लान कर रहा है वह कितनी इफेक्टिव रहेंगी। अगर बॉस आपको ऐसा करने के लिए चुने तो यह बहुत अच्छी बात है।
बॉस के इशारे जब समझने लगें आप
बॉस को क्या पसंद है और क्या नहीं। बॉस को किस बात पर गुस्सा आ सकता है और किस पर नहीं। क्या करने पर बॉस को खुशी होगी और क्या करने पर दुख। यह बात अगर आपको मात्र बॉस के इशारों से समझ आने लग जाए तो यह संकेत है कि आप उसकी वर्क स्पाउस बन चुकी हैं। बॉस को भी इस बात का अहसास हो जाता है कि आपको कोई बात समझाने में उसे ज्यादा महनत करने की जरूरी नहीं पड़ेगी। केवल इशारों में ही आप उसकी बात समझ जाएंगी।
छोटी गलतियों पर भी आपको डांटे
आपकी टीम के दूसरे सदस्य जब ब्लंडर करते हैं तब भी आपका बॉस उन्हें ज्यादा कुछ नहीं कहता मगर आप जब छोटी गलती भी करती हैं तो आपको डांट पड़ जाती है। ऐसे में आपको जरा भी डिसकरेज होने की जरूरत नहीं है। आपको डांट इसलिए पड़ी क्योंकि आपसे बॉस गलतियां एक्सपैक्ट भी नहीं करता है। इसलिए उनकी डांट को दिल पर लेने की जगह लेसन की तरह हमेशा याद रखिए। एक बात और जान लीजिए कि बॉस की डांट आपको नई चीजें सीखने के लिए इंकरेज करेगी।
अपनी फैमिली से मिलवाए
बॉस अगर थोड़ा पर्सनल होने लगे और अपने फैमिली से आपको मिलवाए तो इसमें बुरा मानने या बॉस में शक करने की जरूरत नहीं बल्कि ऐसा करके वो आपके लिए काम और आसान कर देता है। जाहिर काम होता है तो बॉस को लेट नाइट कॉल भी करना पड़ता है कभी बॉस के साथ ऑफिस में लेट नाइट रुकना भी पड़ सकता है। ऐसे में फैमिलीज को यह बात पता हो कि आप किसके साथ काम कर रही हैं और उसका व्यक्तित्व कैसा है तो इससे काम करना और आसान हो जाता है।
छोटी बड़ी बातों को आप से करें डिसकस
जब बॉस आपसे ऑफिस की हर बात डिसकस करने लगे तो यह इस बात को दर्शाता है कि वह आप पर भरोसा करता है और उसे आपकी चिंता है इसलिए ऑफिस में होने वाली हर बात को वो आपसे शेयर करता है। इससे आपको ऑफिस की वे बातें भी पता चल जाती हैं जो और कर्मचारियों को कुछ समय के बाद पता चलती हैं।
हमेशा मोटीवेट करें
अगर आपका बॉस हमेशा आपको मोटीवेट करे और आपको ऑफिस के अलावा दूसरे काम में भी सहयोग करे तो समझ जाइए कि आप उसकी वर्कस्पाउस बन चुकी हैं। यह बहुत अच्छी बात है कि बॉस आपको इतना पसंद करता है कि आपकी आउट ऑफ द बॉक्स जा कर मदद करता है।
Recommended Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों