सावन का महीना हिंदुओं में बेहद पवित्र माना जाता है। इस महीने में सोमवार को बहुत महत्व है साथ ही सावन में पड़ने वाली शिवरात्री का महत्व भी बहुत अधिक है। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पष की चतुर्दशी को आती है मगर सावन में आने वाली शिवरात्रि को विशेष तरह से मनाया जाता है। हिंदुओं में वैसे तो महाशिवरात्रि को सबसे अधिक मनाया जाता है मगर सावन के महीने में पड़ने वाली शिवरात्री भी खास होती है। दरअसल, सावन को शिव जी की पूजा केलिए सबसे श्रेष्ठ महीना माना गया है। इस महीने के सारे सोमवार और शिवारात्रि के दिन भगवान शिव जी की विशेष पूजा की जाती है। आपको बता दें कि ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव पूरे परिवार के साथ पृथ्वी पर निवास करने आते हैं और उन्हें जगतपिता की तरह पूजा जाता है। शिवरात्रि का दिन भगवान शिव को अति प्रिय होता है। इस वर्ष सावन शिवरात्रि 30 जुलाई को पड़ रही है। चलिए जानते हैं कि इस दिन व्रत और पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन शिव जी की पूजा किस तरह की जानी चाहिए।
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शुभ मुहूर्त
30 जुलाई को चतुर्दशी दोपहर 2 बज कर 50 मिनट पर लगेगी और 31 जुलाई को सुबह 11 बज कर 57 मिनट तक रहेगी। वैसे तो आप पूरे दिन शिव जी की पूजा कर सकती हैं मगर, 31 जुलाई को सुबह 5 बजकर 46 मिनट से लेकर 11 बजकर 57 मिनट तक की गई पूजा काफी फलदायक होगी।
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क्या है सावन शिवरात्रि का महत्व
सावन की शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए बहुत ही विशेष होती है। सावन जैसे ही शुरू होते हैं। शिव भक्त कांवड़ लेकर हरिद्ववर और गौमुख तक पैदल यात्रा कर पवित्र जल लाते हैं और शिवरात्रि के दिन इस जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग का जलाभिषेक बेहद पुण्यकारी और कल्याणकारी होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि जिन लोगों की मुरादे पूरी होती हैं वह लोग कांवड़ यात्रा करते हैं। वहीं कुछ लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कांवड़ यात्रा करते हैं।
सावन शिवरात्रि की पूजन विधि
- आपको जिस दिन शिवरात्रि है उस दिन सुबह जल्दी उठना है। सर्य उदय से पहले ही आपको स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनने है।पंडित जी से जानें राशि के अनुसार कैसे करें भगवान शिव की पूजा
- इसके बाद आपको भगवान शिव का व्रत करने का संकल्प करना है और पूरे दिन व्रत रखना है।
- इस दिन आप घर पर या किसी शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर पंचामृत जरूरी चढ़ाएं। आप घर पर ही आसानी से पंचामृत बना सकती हैं।
- अलग-अलग मनोकमाना के लिए आप अलग-अलग चीजों से भगवान शिव का अभिषेक कर सकती हैं।शिवलिंग का 7 अलग-अलग धाराओं से करेंगी अभिषेक तो मिलेंगे ये 7 फल
- इसके बाद आपको शिवलिंग पर भगवान शिव के प्रिय फल और पुष्प चढ़ाने होंगे।
- भगवान शिव को बेल-पत्र अति प्रिय है। बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने के कुछ नियम और कायदे हैं। भगवान शिव बेलपत्र आदि चढ़ाने से बहुत प्रसन्न होते हैं।क्या है शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का महत्व और लाभ
- इसके बाद आपको पूरे दिन 'ॐ नमः शिवाय' का पाठ करना है।
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