Indian Priests Salary: कितनी होती है भारतीय मंदिरों में पुजारी की सैलरी?

मंदिर में भक्तों के अलावा अगर कोई भगवान की सेवा करते हैं तो वो होते हैं पुजारी लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति कैसे होती है और कितनी होती है इनकी तनख्वा। आइये जानते हैं इस बारे में।  

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Bhartiya Puajriyon Ki Income: मंदिर जाने की परंपरा बहुत पुरानी है और इसी परंपरा को आज भी बहुत से घरों में निभाया जाता है। यकीनन आप में से भी बहुत से लोग मंदिर जाते होंगे। मंदिर में हम जैसे भक्तों या दर्शनार्थियों के अलावा एक और व्यक्ति ऐसा होता है जो भगवान की सेवा, पूजा-पाठ निरंतर करता रहता है। उस व्यक्ति को हम सब पुजारी के रूप में जानते हैं।

मंदिर के पुजारी न सिर्फ भगवान की नित्य सेवा करते हैं बल्कि भक्तों की भेंट भगवान तक और भगवान का प्रसाद भक्तों तक पहुंचाते हैं लेकिन यह सब करके इन्हें मिलता क्या है? अगर आपका जवाब है पुण्य तो बता दें कि सिर्फ पुजारी पुण्य ही नहीं बल्कि धन भी कमाते हैं। हालांकि आगे बढ़ने से पहले एक गलतफहमी आपकी और दूर कर दें कि मंदिर में कोई भी यूं ही पुजारी नहीं बन सकता है।

मंदिर में पुजारी की नियुक्ति के लिए बाकायदा किसी ऑफिस की ही तरह इंटरव्यू होते हैं, टेस्ट होते हैं और फिर अगर पुजारी के पद पर नियुक्ति हो जाए तो अच्छी सैलरी के साथ प्रमोशन भी होता है। ये बात चौंका देने वाली भले ही है लेकिन दिलचस्प और सत्य है। तो चलिए ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर कैसे एक मंदिर में नियुक्त होता है पुजारी और क्या होती है भारतीय मंदिरों में पुजारी की सैलरी।

पुजारी बनने का क्राइटेरिया

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हर राज्य की राज्य सरकार अपने राज्य के प्राचीन मंदिरों में पूजा-पाठ (पूजा-पाठ के दौरान रखें इन बातों का ध्यान) करवाने के लिए पुजारी पद की वैकेंसी निकालती है। इस पद के लिए आवेदन देने के लिए 18 से 35 वर्ष तक की आयु तय की गई है। पुजारी पद के आवेदन के लिए व्यक्ति की क्वालिफिकेशन वरिष्ठ उपाध्याय या उत्तर मध्यमा या 12वीं से संस्कृत पास आउट होनी चाहिए।

पुजारी बनने के लिए एग्जाम

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वहीं साइंस, कॉमर्स जैसे नार्मल कोर्सेज से पुजारी के पद के लिए आवेदन नहीं दिया जा सकता है। इन सभी क्राइटेरियाज को पास करने के बाद राज्य सरकार द्वारा पुजारियों के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाता है। यह ठीक ऐसा ही है जैसे कि यूपीएससी के लिए एस्पिरेंट्स होते हैं वैसे ही पुजारी के लिए एस्पिरेंट्स होते हैं।

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ऐसे मिलता है पुजारी का पद

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एग्जाम क्लियर करने वाले पुजारियों को ही मंदिरों में उच्च पुजारी पद मिल पाता है। बता दें कि पुजारी वाली जॉब को समय समय पर करवाना और मंदिरों के लिए पुजारी चुनना हर राज्य सरकार के देव स्थान विभाग के अंतर्गत आता है। एग्जाम क्लियर करने वाले पुजारियों को अलग-अलग मंदिरों में भेजा जाता है और उन्हें उनका वर्क प्रोफाइल थमा दिया जाता है।

कैसा होता है पुजारी का वर्क प्रोफाइल

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एक मंदिर के पुजारी का काम भगवान की सेवा करना ही नहीं बल्कि मंदिर का रख-रखाव करना, मंदिर में हवन-अनुष्ठान आदि करना, मंदिर की व्यवस्था देखना, भक्तों को बिना किसी बाधा के मंदिर में भगवान के दर्शन करवाना, मंदिर में साफ-सफाई रखना और मंदिर में स्थापित भगवान का हर उचित प्रकार से ध्यान रखना जैसे सजाना, श्रृंगार करना, भोग लगाना, आरती करना और उनकी नींद का ध्यान रखना आदि ये सब भी होता है।

मंदिर के पुजारी को मिलता है टास्क

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मंदिर के पुजारी को समय समय पर टास्क भी दिए जाते हैं। जिसमें मुख्य रूप से उन्हें त्याहारों के समय मंदिर में व्यवस्था बनाए रखना और मंदिर में हर वस्तु को उपलब्ध कराना, भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था कराना और तिलक आदि का भी ध्यान रखना शामिल है। विशेष बात यह कि अगर मंदिर में कुछ भी गम हो जाए या कोई चोरी हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी भी मंदिर के ही पुजारी की होती है।

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मंदिर के पुजारी की प्रमोशन और डेज़ीग्नेशन

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एक मंदिर में कई पुजारी होते हैं। वह दिखने में एक जैसे भले ही हों लेकिन इनका पद अलग-अलग होता है। पद के अनुसार ही मंदिर (मंदिर की सीढ़ियों को स्पर्श क्यों करते हैं) के हर एक पुजारी की वर्क प्रोफाइल होती है और अपने काम की उन्हें आगे रिपोर्ट भी देनी होती है। मंदिर के छोटे पंडित के पद से लेकर मंदिर के मैनेजर पद तक पुजारी पहुंचते हैं और इसी पद के अनुसार उन्हें सैलरी दी जाती है।

कितनी होती है पुजारी की तनख्वा

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मंदिर के पुजारी की रिक्रूटमेंट का जिम्मा राज्य सरकार होता है इसलिए इनकी तनख्वा भी राज्य सरकार ही तय करती है। मंदिर के पुजारी की बेसिक सैलरी मात्र 17,900 रुपए होती है। मंदिर के पुजारियों को महंगाई भट्टा 17% यानी कि 3000 रुपए मिलते हैं। इसके अलावा, इन्हें हाउस रेंट के 2900 रुपए भी सरकार से प्राप्त होते हैं। यानी कि कुल सैलरी मिलाकर हुई 24,000 रुपए। हालांकि सैलरी का डिस्ट्रीब्यूशन हर राज्य का अपना-अपना होता है।

तो इतना कमाते हैं भारत के मंदिरों के पुजारी और ऐसे होता है इनका सिलेक्शन। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: freepik, shutterstock

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