इन दिनों फोन लोगों के लिए सिर्फ एक-दूसरे से बातचीत करने का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि यह एंटरटेनमेंट का भी साधन बन गया है। इसलिए लोग ट्रेवल करते समय अपना अधिकतर समय फोन पर ही बिताते हैं और इस दौरान दूसरों को समस्या ना हो, इसके लिए वह हेडफोन या इयरफोन का इस्तेमाल करते हैं, ताकि साउंड बाहर ना जाए। लेकिन लंबे समय तक हेडफोन का इस्तेमाल करना आपके कानों के लिए हानिकारक हो सकता है और इसलिए यह जरूरी है कि जब इनका इस्तेमाल किया जाए तो कुछ सेफ्टी टिप्स को जरूर फॉलो किया जाए।
ऐसी कई छोटी-छोटी बातें हैं, जिन्हें हेडफोन पहनते समय ध्यान दिया जाना चाहिए, अन्यथा इससे आपके कानों व सुनने की शक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही सेफ्टी टिप्स के बारे में बता रहे हैं-
इयरबड की जगह चुनें हेडफोन
अगर बात इयरबड व हेडफोन में से किसी एक का चयन करने की हो तो आप इयरबड्स के बजाय हेडफ़ोन का उपयोग करने पर विचार करें। यह आपके कानों के लिए अधिक बेहतर ऑप्शन माने जाते हैं। दरअसल, हेडफोन(हेडफोन जैक नहीं कर रहा काम तो आजमाएं ये ट्रिक्स) इयरड्रम्स के उतने करीब नहीं होते हैं, इसलिए वे आपके कानों पर अपना बहुत अधिक विपरीत प्रभाव नहीं डालते हैं।
वाल्यूम का रखें ध्यान
जब आप हेडफोन को यूज कर रही हैं तो उसके वॉल्यूम पर ध्यान दिया जाना बेहद आवश्यक है। ध्यान दें कि आप अपने डिवाइस पर वॉल्यूम की सीमा को 70 प्रतिशत से अधिक वॉल्यूम पर सेट ना करें। यह आपके कानों व सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। आपने शायद ध्यान दिया होगा, जब आप हेडफोन लगाने के बाद उसका वॉल्यूम बढ़ाते हैं तो फोन में भी एक सेफ्टी मैसेज आता है, जिसमें वॉल्यूम को ना बढ़ाने की सलाह दी जाती है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप एक तय सीमा से अधिक वॉल्यूम कभी ना बढ़ाएं।
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अपनाएं 60/60 नियम
जब हेडफोन इस्तेमाल करने के सेफ्टी टिप्स की बात हो तो उसमें 60/60 नियम का प्रयोग जरूर किया जाना चाहिए। ध्यान दें कि आप हेडफोन को ज्यादा देर तक न सुनें। इस नियम के अनुसार 60 मिनट के लिए 60 प्रतिशत वॉल्यूम पर इसे सुनें और फिर अपने कानों को आराम देने के लिए कम से कम 30 मिनट के लिए ब्रेक लें।
नाइस-कैंसिलिंग हेडफोन का करें इस्तेमाल
इन दिनों मार्केट में नाइस-कैंसिलिंग हेडफोन मिलने लगे हैं, जिनकी खासियत यह होती है कि यह बाहर से आने वाले शोर को ब्लॉक कर देते हैं। कानों की सेफ्टी के लिहाज से इन्हें इस्तेमाल करना एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। दरअसल, अगर आप तेज़ वातावरण में संगीत सुनते हैं तो ऐसे में आपको अपने फोन का वॉल्यूम भी बढ़ाना पड़ता है, जो आपके कानों पर विपरीत प्रभाव डालता है। लेकिन नाइस-कैंसिलिंग हेडफोन का इस्तेमाल करने पर आपको अपना वॉल्यूम बढ़ाने की ज़रूरत नहीं है।
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रात में इस्तेमाल करने से करें परहेज
यह भी एक सेफ्टी टिप्स है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। कुछ लोगों की आदत होती है कि वह रात में सोने से पहले इयरबड को कानों में लगाकर संगीत सुनते हैं और फिर उसे सुनते-सुनते सो जाते हैं। लेकिन यह तरीका बेहद गलत है। ऐसा करने से आपके कानो में इयरबड लंबे समय तक लगे रह जाते हैं तो आपके कानों व इयरड्रम्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, अगर आपको रात में संगीत सुनना अच्छा लगता है तो ऐसे में इयरफोन या इयरबड के स्थान पर उसे फोन में ऐसे ही चलाएं(ईयरफोन से लगातार सुनने से होने वाली बीमारियां)। ताकि यह आपके कानों से थोड़ा दूर हो और उसे नुकसान ना पहुंचाए।
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Image Credit- freepik
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