बदल गई है सिंगिंग इंडस्ट्री, अब अच्छा दिखना भी हो गया है ज़रूरी- ऋतु पाठक

बॉलीवुड की इंडस्ट्री जितनी चमकीली दिखती है वो उतनी है नहीं। हाल ही में सिंगर ऋतु पाठक ने भी अपने करियर और बॉलीवुड को लकर कई राज खोले। 

  • Shikha Sharma
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-03-19, 14:40 IST
ritu pathak shares her exeperience on singing industry main

बॉलीवुड इंडस्ट्री में बहुत कुछ बदल गया है, फ़िल्म मेकिंग से लेकर फ़िल्म को पर्दे पर पेश करने तक। फ़िल्मों के गानों में भी अब काफी बदलाव आ गया है और इन्हें भी पर्दे पर उतारने के तरीके में दिन-रात का अंतर आ गया है। इस बदलती इंडस्ट्री के बारे में हमने हाल ही में बात की मशहूर सिंगर ऋतु पाठक से।

जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि ऋतु ने ‘गन्दी बात...’, ‘राकेट सैयां...’, ‘जलेबी बाई...’ जैसे कई हिट गाने गाए हैं। ऋतु आज इंडस्ट्री की बेहतरीन सिंगर्स में से एक हैं। ऋतु ने हमसे इस ख़ास बातचीत में अपने स्ट्रगल की कहानी भी शेयर की और सिंगिंग इंडस्ट्री में आए कई बदलावों के बारे में भी बात की।

नहीं जानती थी कि किस का दरवाज़ा खटखटाऊं

ऋतु ने बताया कि लड़की होने की वजह से लोगों को अपने काम के लिए एप्रोच करना काफी मुश्किल हो जाता है। "आपको नहीं पता होता कि आपकी किस बात का क्या मतलब निकाला जा सकता है। जब मैं नई थी तो मेरे लिए यह और ज्यादा मुश्किल था और मुझे लगता है यह लड़कियों के लिए ज्यादा मुश्किल है। मैं यहाँ किसी को जानती नहीं थी और मुझे पता ही नहीं था कि कहाँ जा कर किसका दरवाज़ा खटखटाऊँ। म्यूज़िक डायरेक्टर्स के नंबर लेने में परेशानी हुई फिर उन्हें कॉल करने में और फिर उके साथ मीटिंग फिक्स करने में और फिर अपने काम की एहमियत बताने में...” ऋतु ने कहा।

लड़कों के मुकाबले लड़कियों की आवाज़ को कम आंका जाता है

ऋतु ने कहा कि लड़कों और लड़कियों में अन्तर आपको हर फील्ड में दिखेगा। आम ज़िन्दगी हो या बॉलीवुड की दुनिया। सिंगिंग इंडस्ट्री को ही देख लीजिये, ऐसा नहीं है कि लड़कियां है ही नहीं, मगर लड़कों के मुकाबले बहुत कम है। सिंगिंग इंडस्ट्री में लड़कियों की आवाज़ को को कम ही आंका जाता है। आज हर गाना लड़के की आवाज़ में ही होता है। जब एक लड़की अपनी आवाज़ सुनाना चाहती है तो लोग उसे बहुत लाइटली लेते हैं, वहीं लड़कों को खूब सपोर्ट किया जाता है।

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लड़कियों की आवाज़ को ‘पर्टिकुलर थीम’ के लिए इस्तेमाल किया जाता है

ऋतु ने बताया कि वो मेल सिंगर्स को ज़रूर पसंद करती है मगर उन्हें लगता है कि लड़कियों की आवाज़ को पर्टिकुलर थीम के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। या तो आयटम नंबर या फिर किसी रोमांटिक गाने में कुछ लाइन्स, यह बहुत अजीब है! इस वजह से लड़कियां अक्सर अपने सिंगल लांच करती हैं।

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बदल गई है सिंगिंग इंडस्ट्री, “लुक मैटर्स’’

ऋतु ने कहा कि अब सिर्फ अच्छी आवाज़ होना ज़रूरी नहीं है, आपको अच्छा दिखना भी बहुत ज़रूरी है। “आजकल के रियलिटी शोज ही देख लो... बच्चे हो या बड़े हर कोई वेल ड्रेस्ड होता है। और उनके सिलेक्शन में भी उनके लुक्स पर पूरा ध्यान दिया जाता है। आपको हमेशा प्रेजेंटेबल रहना ज़रूरी है, जो कि अच्छी बात है पर मुझे लगता है कि लुक्स को सिंगिंग टैलेंट के बाद में देखा जाना चाहिए।

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न्यूकमर्स के लिए हैं ये टिप्स

ऋतु ने बताया कि आने वाली जनरेशन वैसे ही बहुत समझदार है। वो वेल ट्रेन्ड होते हैं और अपना अच्छा बुरा अच्छी तरह जानते हैं। मगर, फिर भी मैं उन्हें टिप्स देते हुए कहना चाहूंगी कि खुद पर विश्वास रखें, भले ही लोग शुरुआत में आपका मज़ाक उड़ाएं या फिर आपको नीचा दिखाएं, आपको बस अपने करियर पर फोकस करना चाहिए। दूसरी बात, शॉर्टकट ना आपनाएं, किसी भी तरह का...आपको लोग अजीबोगरीब सुझाव देंगे मगर, अपने रियास और अपने गुरु की दी गई तालीम पर विश्वास रखें और आगे बढ़ें। अपने आपको स्ट्रेस-फ्री रखना भी बहुत ज़रूरी है। मैं अपने आपको हमेशा खुश रखने की कोशिश करती हूँ और अब यह मेरी आदत हो गई है। थोड़ी सी भी टेंशन आती है तो मैं उसे 15-20 मिनट बाद भुला देती हूँ और खुश रहती हूँ और इसका असर आपको अपने काम में भी दिखेगा।

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