देशभर से रेप के कई मामले सामने आने से हर तरफ असंतोष की लहर है। एक तरफ जम्मू के कठुआ में नन्ही आसिफा के रेप और हत्या का मामला वहीं दूसरी तरफ उन्नाव में 17 वर्षीया किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सात साल पुराने रेप और अपहरण के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दायर लॉसूट को वापस ले लिया, जिसमें उन पर अपने ही आश्रम में एक लड़की के साथ बलात्कार का आरोप था।
Dear govt,plz change #BetiBachao to #BetiHumHiSeBachao.Your MLAs are making a mockery of your slogan.A victims father is killed in jail?Don’t claim to be #Hindu.You don’t view women as Goddess forms,so end this hypocrisy NOW! #JusticeForAshifa #VarnikaKundu pic.twitter.com/rpA2dPH5eP
— TheRichaChadha (@RichaChadha) April 10, 2018
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर हरिद्वार के अपने आश्रम में किशोरी के साथ रेप करने का आरोप लगा था
कठुआ में नन्हीं आसिफ के साथ मंदिर में जिस बर्बरता के साथ रेप और बाद में हत्या का मामला सामने आया और इसमें पुलिस की कार्रवाई में हिंदुवादी ताकतों ने काफी गतिरोध खड़ा किया। उन्नाव रेप मामले की बात करें तो इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर किशोरी के साथ रेप का आरोप है। जाहिर है ये मामले बीजेपी सरकार की साख पर बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं और इन पर जवाब दे पाना सरकार के लिए काफी मुश्किल होगा। जिस बेटी बचाओ के नारे के साथ सरकार सत्ता में आई थी, उसी के शासन में बच्चियों के साथ यौन दुराचार के मामले सामने आना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। रेप की घटनाओं के विरोध में आम जनता ही बॉलीवुड से भी विरोध की लहरें उठ रही है। जानी मानी अभिनेत्री रिचा चड्ढा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए तंज कसा,‘बेटी बचाओ’ नहीं, कहो ‘बेटी हम ही से बचाओ’।
मामले पर रिचा चड्ढा ने क्या कहा
रिचा चड्ढा ने बीजेपी सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा बदल देने की बात कही। रिचा ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘डियर सरकार, कृपा करके ‘बेटी बचाओ’ को बदलकर ‘बेटी हम ही से बचाओ’कर दीजिए। आपके विधायक ही आपके नारे का मजाक बना रहे हैं। पीड़िता के पिता की जेल में हत्या कर दी गई? हिंदू होने का दावा नहीं करें, क्योंकि आप महिलाओं को देवी की नजर से नहीं देखते हैं। इसीलिए अब इस पाखंड को बंद करें।’
यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने मोदी सरकार को निशाना बनाया है। इससे पहले उन्होंने डेमोक्रेसी में विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर सरकार की आलोचना की थी। तब उन्होंने कहा था कि आज शासन करने का तरीका यही है कि कोई भूखा हो तो उससे कहो कि वह राष्ट्रगान गाए। रिचा ने उस वक्त कहा था कि लोकतंत्र के असल मायने हैं कि आप जो चाहें, जहां चाहें और जैसे चाहें अपनी बात कह सकते हैं। इसमें सरकार आपके प्रति पूरी तरह से जवाबदेह रहेगी। अभिनेत्री ने कहा था कि वह लेफ्ट, राइट या सेंटर की तरफ नहीं हैं। वह टैक्स अदा करती हैं और बदले में सरकार की जवाबदेही चाहती हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि लोग डरे हुए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी याद दिलाया था कि भारत में जनतंत्र है यानी जनता ही असली शासक है।
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