कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंगकायम करने और कोरोना से बचाव के लिए धार्मिक स्थल भी पूरी तरह से बंद थे। धीरे-धीरे जहां ज़िन्दगी फिर से पटरी पर आने लगी है वहीं महाराष्ट्र में सभी धार्मिक स्थलों को आठ महीने के लंबे इंतज़ार के बाद एक बार फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। महाराष्ट्र सहित पूरे देश में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए मार्च में लॉकडाउन का ऐलान हुआ था और इसके साथ ही सभी मंदिर बंद कर दिए गए थे। मुंबई का सिद्धि विनायक मंदिर हो, शिरडी का साईं मंदिर हो या फिर मुंबई की हाजी अली दरगाह सभी धार्मिक स्थल कोरोना काल में फिर से खोले गए हैं। लेकिन इसके साथ ही मंदिरों और सभी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं। इन सभी नियमों का पालन करके ही धार्मिक स्थलों में प्रवेश हो सकता है। आइए जानें इन धार्मिक स्थलों पर किन नियमों के साथ प्रवेश किया जा सकता है।
धार्मिक स्थलों में प्रवेश के नियम
शिरडी मंदिर के लिए ऑनलाइन होगी बुकिंग
यदि आप शिरडी केसाईं बाबा मंदिर जा रहे हैं तो वहां पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन समय लेना होगा, साथ ही मंदिर में प्रवेश के समय मुख्य द्वार पर आरटी-पीसीआर टेस्ट की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
गाइडलाइन्स करनी होंगी फॉलो
सभी धार्मिक स्थलों में कोरोना से बचाव की गाइडलाइन्स को फॉलो करना जरूरी होगा। सभी स्थानों पर शारीरिक दूरी बनाए रखने और मास्क लगाने समेत सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। धार्मिक स्थलों में एक-एक कर प्रवेश दिया जाएगा और मुख्य प्रवेश स्थान पर हाथों को सैनेटाइज किया जाएगा।
सिद्धिविनायक में लिमिटेड श्रद्धालुओं का प्रवेश
सिद्धिविनायक मंदिर में रोज एक हजार श्रद्धालुओं को ही प्रवेश मिलेगा। श्रद्धालुओं को मोबाइल एप के माध्यम से पूजा के लिए अलग-अलग समय दिया जाएगा। ऐप के माध्यम से श्रद्धालु दर्शन के लिए समय बुक कर सकते हैं। श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए अपने मोबाइल फोन पर ‘श्री सिद्धिविनायक मंदिर’ एप डाउनलोड करना होगा। उन्हें सभी डिटेल्स भरने होंगे और दर्शन के लिए समय बुक करना होगा जिसके बाद निर्धारित समय के साथ ‘क्यूआर कोड’ जनरेट होगा। दिन भर में एक हजार लोगों के लिए ‘क्यूआर’ कोड का सृजन किया जाएगा।
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कुछ विशेष दिशानिर्देश
- सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार बिना मास्क श्रद्धालुओं को धार्मिक स्थलों में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- कोविड की सभी गाइडलाइन्स फॉलो करनी जरूरी होंगी।
- सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर एक-दूसरे के बीच छह फीट की दूरी रखनी होगी।
- 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और बीमार व्यक्तियों को घर पर रहने की सलाह दी गई है अतः उन्हें धार्मिक स्थलों में प्रवेश नहीं मिल सकेगा ।
- सभी जगह सैनिटाइज़र (घर पर बनाएं सैनिटाइज़र) की व्यवस्था होगी।
- सभी धार्मिक स्थानों के बाहर भक्तजनों के तापमान की थर्मल जांच होगी और बैरियर तभी खोला जाएगा जब श्रद्धालु के शरीर का तापमान सामान्य होगा और वह मास्क पहने होगा।
इन सभी उपर्युक्त दिशा निर्देशों का पालन करके ही श्रद्धालु धार्मिक स्थलों में प्रवेश करपाएंगे। इसलिए इन स्थानों पर प्रवेश से पहले यहां के नियमो का पालन करना न भूलें।
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Image Credit: Pinterest and freepik
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