आज अचानक से मेरे यूट्यूब के फीड में बेपनाह का छोटा सा क्लिप आया। ऑफकोर्स वीडियो क्लिप के थम्ब इमेज में जेनिफर विंगेट थी तो देखना तो बनता था। तो मैंने देखा। लेकिन यह क्या... उस वीडियो क्लिप में जेनिफर विंगेट को फ्लाइट में बैठने से डर लगने का सीन था। उस सीन में फ्लाइट में जेनिफर फ्लाइट के विंडो सीट में आकर बैठती है। उसके बगल में ही सीरियल का होरी बैठा था और उसका चेहरा रेड कलर की जैकेट से ढका था। तभी फ्लाइट टेक ऑफ करती है और फिर इंडियन टीवी की हर एक्ट्रेस की तरह जेनिफर विंगेट को शायद फ्लाइट में बैठने से डर लगता है और वह आंख बंद कर कुछ बड़बड़ाने लगती है और हीरो का हाथ पकड़ लेती है।
क्या बकवास है यह...? वो भी 21वीं सदी में। उस समय मेरे मन से बिल्कुल चीख निकल रही थी कि प्लीज़ नाटक के नाम पर कुछ भी मत दिखाओ और अपने मीडियम होने के नाम को भी बदनाम मत करो।
प्यार तो होना ही था...
ऐसा सीन फिल्म प्यार तो होना ही था... में था जिसमें काजल पहली बार फ्लाइट में बैठती है तो डरती है। लेकिन वो नब्बे की दशक की बात थी और उसके पीछे लॉजिक था कि वह पहली बार फ्लाइट में बैठ रही थी। क्योंकि फिल्म के एंड में जब वो फ्लाइट में बैठती है तो डरती नहीं है।
लेकिन इंडियन टेलीविजन में तो हद है। एक अमीर और पढ़ी-लिखी लड़की को फ्लाइट में बैठने से डर लग रहा है और वह डर के कारण बगल में बैठे लड़के का हाथ पकड़ लेती है।
ये कुछ ज्यादा ही नाटक नहीं है...?
पहरेदार पिया की
ऐसे ही पिछले साल पिया के पहरेदार नाम से एक टीवी सीरियल शुरू हुआ था। उसमें एक नौ साल के छोटे बच्चे की शादी एक बीस साल की लड़की से कराई जाती है। वो भी इसलिए की वह उस बच्चे की रक्षा कर सके।
अरे यार बहन ही बना देते हैं या फिर मां बना देते हैं... पत्नी बन कर ही रक्षा होती है क्या?
खैर बाद में इस टीवी सीरियल पर काफी बवाल होने के बाद इस सीरियल में बच्चे को बड़ा कर दिया गया था। लेकिन क्या ऐसा असल में होता है? इसका जवाब एक देश की प्रथा के बारे में कह कर दे दिया जाएगा। किसी देश में एक प्रथा है कि बड़ी महिलाओं की शादी छोटे लड़को से होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि वो महिलाएं लड़कों को बड़े होने तक उन्हें पालती हैं और फिर जब लड़के बड़े होते हैं तो वह अपनी पत्नियों को पालते हैं।
लेकिन इस सीरियल में ऐसा कुछ भी नहीं था। इस सीरियल में उस बच्चे को उस लड़की से प्यार हो जाता है और वह उससे शादी करना चाहता है। तभी कुछ ऐसी घटना होती है और बच्चे की मां मर जाती है। जिसके बाद बच्चे की शादी उस लड़की से करा दी जाती है। हद है।
ऐसे सीरियल्स को देखकर अगर आपके बच्चे शादी करने की जिद करने लगे तो ऐसे में अपने बच्चे को नहीं एक बार इन सीरियल्स को जरूर दोष दे दें।
नागिन, ये रिश्ता क्या कहलाता है, कुमकुम भाग्य...
नागिन, ये रिश्ता क्या कहलाता है, कुमकुम भाग्य, नामकरण, सीआईडी... आधि ना जाने कितने सारे सीरियल्स अभी इंडियन टेलीविडन में चल रहे हैं जिन्हें देखकर केवल गुस्सा और इरिटेशन होता है। अब भी पूरी सीरियल में एक हीरोइन होती है और वैम्प उसके खिलाफ साजिश रचती है। यार अब तो बाहर निकलो इस तरह के प्लॉट और कहानियों से।
पहले के सीरियल होते थे ज्यादा अच्छे
आज के सीरियल्स को देखकर लगता है कि पहले के सीरियल्स ज्यादा अच्छे थे। जैसे कि अगर मैं आज के टीवी सीरियल्स की बात करूं तो लोग दिया और बाती की बात करेंगे। लेकिन वह सीरियल भी कुछ नहीं था। उसमें भी संध्या की सास उसको हमेशा टॉर्चर करते रहती थी। वहीं 1989 में टेलीकास्ट हुआ उड़ान सीरियल ज्यादा प्रोग्रेसिव था। वह इंडियन टेलीविजन में पहला ऐसा सीरियल था जिसने फीमेल आईपीएस ऑफिसर की कहानी दी गी थी।
इसके अलावा नब्बे के दशक का सबसे फॉप्यूलर सीरियल शांति भी लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया था और आज भी पसंद किया जाता है। उस समय के चाहे हमलोग हो या फिर करमचंद... उन्हें देखकर लगता है कि हमारी सीरियल साल दर साल प्रोग्रेस करने के बजाय डिग्रेड ही हो रहा है।
I hope... कि ये जल्द सुधरेगा लेकिन इसकी उम्मीद कम है।
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