'न मंगलसूत्र और न ही बिंदी, आखिर पति क्यों दिखाएगा दिलचस्पी', घरेलू हिंसा के मामले में महिला से जज ने किया हैरान करने वाला सवाल! कोर्ट में न्याय नहीं राय मिलना क्या कहलाता है?

महाराष्ट्र के पुणे जिला अदालत में तलाक और घरेलू हिंसा के एक केस के दौरान, जज ने महिला से एक अजीबोगरीब सवाल किया। जज का कहना था कि महिला ने मंगलसूत्र या बिंदी नहीं लगाई है...अगर वह विवाहित महिला की तरह व्यवहार नहीं करेगी, तो उनका पति क्यों उसमें दिलचस्पी दिखाएगा।
image

महिलाओं को बात-बिना बात सलाह मिल जाना तो कई नई बात नहीं है। महिलाओं को सलाह देने या फिर उनसे जुड़ी किसी भी बात पर टिप्पणी करने को अमूमन हमारे समाज में लोग अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। लेकिन, जरा सोचिए कि अगर आप कोर्ट में न्याय मांगने जाएं और वहां भी आपको न्याय की जगह राय मिले...तो आप क्या सोचेंगी। जी हां, महाराष्ट्र के पुणे से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर से महिलाओं को देखने के समाज के नजरिए पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुणे के सेशंस कोर्ट के एक जज ने घरेलू हिंसा के मामले में कपल के केस की सुनवाई करते हुए एक ऐसा कमेंट कर डाला, जिसने सभी को हैरत में डाल दिया है। जज ने महिला से कहा कि अगर वह सिंदूर नहीं लगाती हैं, मंगलसूत्र नहीं पहनती हैं, तो उनका पति उनमें दिलचस्पी क्यो दिखाएगा? क्या है यह पूरा मामला और कैसे इसे लेकर सोशल मीडया पर बहस छिड़ गई है। चलिए, आपको बताते हैं।

सिंदूर और मंगलसूत्र नहीं पहनतीं, तो पति इंट्रेस्ट क्यों दिखाएगा...जज ने कोर्ट में महिला से पूछा अजीबोगरीब सवाल

Social media reacts to Pune judge statement
पुणे के एक एडवोकेट अंकुर आर. जहागीरदार ने लिंक्डइन पर इस घटना को शेयर किया है। उन्होंने इसे शेयर करते हुए लिखा कि कई बार कोर्ट में ऐसी टिप्पणी होती हैं, जिनसे असल में महिलाओं के लिए मुश्किलें कम होने के बजाय और बढ़ जाती है। उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि यह मामला घरेलू हिंसा का था। जज कपल को आपसी सहमति से मामला सुलझाने के लिए कह रहे थे। इस दौरान जज साहिबा ने कहा कि क्योंकि महिला ने मंगलसूत्र और बिंदी नहीं पहनी है..वह विवाहित महिला की तरह व्यवहार नहीं कर रही हैं, तो उनका पति उनमें दिलचस्पी क्यों दिखाएगा। इस पोस्ट ने एक बार फिर से महिला अधिकारों और समाज के महिला के प्रति नजरिए पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुल मिलाकर इस केस में मेन मुद्दे से ध्यान हटाकर महिला के शादीशुदा स्टेटस को ही सवालों के घेरे में ला दिया।

क्यों महिलाओं के लिए हर बार खुद को शादीशुदा प्रूफ करना जरूरी है?

Women rights and traditional expectations in India

मंगलसूत्र पहनना...सिंदूर लगाना...बिछिया पहनना और भी न जाने क्या क्या..महिलाओं के लिए तो शादीशुदा होने के कई प्रमाण पत्र बना दिए गए हैं। हम बिल्कुल भी धार्मिक आस्था को गलत नहीं ठहरा रहे हैं। लेकिन, महिला की सोच और उसकी चाहत का भी सम्मान होना चाहिए। कभी सिंदूर लंबा होने से पति की लंबी उम्र को जोड़ दिया जाता है, तो कभी कहा जाता है कि मंगलसूत्र के काले मोती पति को नजर लगने से बचाएंगे। सवाल यह है कि जब यह रिश्ता बराबरी का है, तो सिंदूर, मंगलसूत्र से लेकर व्रत-उपवास तक, पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की जिम्‍मेदारी का बोझ केवल पत्‍नी के कंधों पर क्‍यों?

एक पत्नी जो अपने साथ हुई घरेलू हिंसा की शिकायत लेकर इस उम्मीद के साथ कोर्ट पहुंची कि उसे न्याय मिलेगा, उससे इस तरह के सवाल करना कितना सही है?

यह भी पढ़ें- 'पत्नी के साथ जबरन अननेचुरल यौन संबंध बनाना जुर्म नहीं'...छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस फैसले ने खड़े किए अहम सवाल!

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit: Shutterstock, Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP