सभी माँ-बाप अपने बच्चे के बेहतर भविष्य की कामना करते है और साथ ही उस सपने को साकार करने का प्रयत्न भी करते है । अक्सर माता-पिता उस सपने को पूरा करने की चाह में यह भूल जाते है की उनके बच्चे का बेहतर भविष्य, उसकी शैछिक योग्यता और उसकी रूचियों दोनों पर निर्भर करता है ।
बच्चे कच्ची मिटटी की तरह होते है और उन्हें सही अकार देने में सबसे अहम भूमिका माँ-बाप की होती है और उसी तरह उसके भविष्य को भी सही अकार माता-पिता ही देते है । हम अपनी आकांक्षाओं के चलते यह भूल जाते है की हर बच्चे का दिमाग एक समान नहीं होता और नही उसकी रुचियाँ एक समान होती है। बच्चों की प्रतिभा और रुचियों को पहचानना और उनका सम्मान करना बहुत ही आवशयक है अथवा वो परिवार के प्रति उदासीन हो जाते है । हमे इस बात को समझना होगा की हर व्यक्ति की प्रतिभा उसे बाकियों से अलग बनती है । अगर सचिन तेंदुलकर क्रिकेट छोड़कर पढाई पर धयान देता तो वो सचिन नहीं होता ठीक उसी प्रकार जरूरी नहीं की आपका बच्चा पढाई में अच्छा हो, उसकी रूचि नाचने अथवा गाने में भी हो सकती है ।
हर जिंदगी से खास बातचीत में इंडिया का टायलेंट के फाउंडर आशीष बाहुखंडी ने बताया कि,,एक जिम्मेदार अभिभावक होने के नाते हमारा यह फर्ज बनता है की ,न सिर्फ हम उनकी प्रतिभा और रुचियों को पहचाने बल्कि उनका सही मार्गदर्शन भी करें । अगर आप अपने बच्चे को एक बेहतर भविष्य देना चाहते है तो कुछ बातों का ध्यान रखे और उनको अपनी जीवनशैली का अंश बना ले।बातचीत के दौरान आशीष ने बच्चों की परवरिश के लिए अभिभावकों को और भी कई जरूरी टिप्स दिए-
उनसे उनकी रुचियों के बारे में बात करें
अक्सर ऐसा देखा गया है की बच्चे अपनी रुचियों को खुलकर माँ बाप से व्यक्त करने से हिचकिचाते है ऐसे में आपका उनसे बात करना न की उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा बल्कि आपके रिश्ते को भी और मजबूत करेगा । ऐसा करने पर बच्चे आपसे खुलकर अपनी रुचियों के बारे में बात कर सकेंगे बल्कि आपको भी उन्हें और बेहतर जानने का मौका मिलेगा । बच्चे बहुत ही नाजुक दिल के होते है इसी लिए यह उनसे बात करते वक्त इस बात का खासतौर पर ध्यान रखे की आप उनकी रुचियों और प्रतिभा का सम्मान करे ।
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उनकी और रुचियों को समझे और जानें
ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चो की प्रतिभा को ऊट पटांग शौक समझ कर उन्हें नज़रअंदाज़ कर देते है, ऐसा ना करे बल्कि उनकी प्रतिभा को समझने के लिए इंटरनेट इत्यादि पर पूरी तरह से जांच । बल्कि उनसे भी उनकी सलाह लें और उनके विचारों को जानने का प्रयत्न करे ऐसा करने से आपको उन्हें सही दिशानिर्देशन करने में मदद मिलेगी । अगर आपके बच्चे को हिप-हॉप डांस में रूचि है तो उसके बारे में जानने का प्रयत्न करे, ऐसा करने से ही आप उसकी प्रतिभा को सही दिशा दे पाएंगे ।
उनको कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करे
प्रोत्साहन किसी भी व्यक्ति का मनोबल बढ़ने में बहुत मददगार होता है, ठीक उसी प्रकार बच्चों का कोमल ह्रदय भी जरा से प्रोत्साहन से उत्साहित हो जाता है । जिस प्रकार हम खेल के दौरान खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए उनका नाम लेते है, ठीक उसी प्रकार हमे अपने बच्चो का मनोबल बढ़ाना है जिससे वो और भी बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
उन्हें उनकी प्रतिभा के प्रति जागरूक करें
किसी भी प्रतिभाशाली व्यक्ति का उसकी योग्यता के प्रति जागरूक होना उतना ही जरूरी है जितना किसी पक्षी के लिए उड़ना । बच्चो को उनकी योग्यता के लिए जागरूक करे उन्हें उनके क्षेत्र की उपलब्धियों के बारे में बताय ऐसा करने पर उन्हें अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए एक प्रेरणास्रोत मिल सकेगा । उन्हें उनके क्षेत्र के सफल व्यक्तियों का उदाहरण दें और उनके जैसे बनने के लिए प्रेरित करें ।
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