हर साल की तरह इस वर्ष भी नवंबर का महीना त्योहारों से भरा हुआ है। दिवाली के अलावा इस माह कई बड़े तीज-त्योहार आएंगे। अगर आप सभी त्योहारों की तिथि और उनमें पूजा करने का शुभ मुहूर्त तलाश रही हैं, तो आपको यह आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें हमनें हिंदी पंचांग के अनुसार त्योहार की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व बाताया है।
रमा एकादशी
तिथि- 1 नवंबर 2021
पूजा का शुभ मुहूर्त- 31 अक्टूबर दोपहर 2:27 बजे से लेकर 1 नवंबर दोपहर 1:21 तक।
महत्व- शास्त्रों में बताया गया है कि माता लक्ष्मी का एक नाम रमा भी है। इस एकादशी का नाम देवी लक्ष्मी के नाम पर ही पड़ा है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की पूजा की जाती है। इस एकादशी का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन की गई पूजा और व्रत के फल स्वरूप जातक को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, सााि ही कर्ज से मुक्ति मिलती है।
धनतेरस
तिथि- 2 नवंबर
पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 6:18 से रात 8:11 तक।
महत्व- इस दिन आयुर्वेद के जनम भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत का कलश लेकर अवतरित हुए थे। इसलिए इस दिन को धनतेरस कहा गया। इस दिन सोना, चांदी, पीतल, तांबा, या स्टील का कोई बर्तन खरीदने की परंपरा है। इतना ही नहीं, इस दिन बर्तन की पूजा भी की जाती है।
नरक चतुर्दशी
तिथि- 3 नवंबर
पूजा का शुभ मुहूर्त- 3 नवंबर सुबह 9:02 पर आरंभ हो कर 4 नवंबर सुबह 6:03 तक नरक चतुर्दशी रहेगी। पूजा के लिए 3 नवंबर दोपहर 1:33 से दोपहर 2:17 का समय सबसे अच्छा रहेगा।
महत्व- इस दिन भगवान कृष्ण, यम देव, माता काली, हनुमान जी, भगवान शिव और वामन देवता की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने दैत्य नरकासुर का संहार किया था। नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन नाली के पास एक कच्ची मिट्टी का दीया जला कर रखा जाता है।
दिवाली
तिथि- 4 नवंबर
पूजा का शुभ मुहूर्त- लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6:10 से रात 8:06 तक है।
महत्व- धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी जी अवतरित हुई थीं, इसलिए दिवाली पर हर घर में लक्ष्मी पूजन होता है।
गोवर्धन पूजा
तिथि- 5 नवंबर
पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 6:35 से सुबह 8:47 तक रहेगा।
महत्व- ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज भूमि के निवासियों को गोवर्धन पर्वत की पूजा के लिए कहा था ताकि देवराज इंद्र का अहंकार नष्ट हो सके। इस दिन श्री कृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
भाई दूज
तिथि- 6 नवंबर
पूजा का शुभ मुहूर्त- दोपहर 1:10 से शाम 3:21 तक रहेगा।
महत्व- मान्यता है कि इस दिन यम देव अपनी बहन यमुना के घर बुलाने पर पहुंचे थे और उनके घर पर भोजन किया था। इसलिए इस दूज पर बहनों को अपने भाई घर बुला कर भोजन करना चाहिए।
छठ पूजा
तिथि- 10 नवंबर और 11 नवंबर
पूजा कर शुभ मुहूर्त- 10 नवंबर को संध्या अर्घ्य देने के लिए सूर्यास्त का समय शाम 5:30 बजे और 11 नवंबर को उषा अर्घ्य देने के लिए सूर्योदय का समय सुबह 6:40 बजे है।
महत्व- इस त्योहार पर सूर्य देव की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन छठी माता का व्रत रखने से संतान को दीर्घायु मिलती है।
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