herzindagi
image

Maa Vindhyavasini Dham Yatra: देवी मां के मंदिर में गणेश जी हैं पहरेदार, बिना ये एक काम किए नहीं होते दर्शन

अगर आप भी नवरात्रि के इस पावन अवसर पर माता रानी के दरबार में जाने का सोच रहे हैं। तो आइए इस लेख में मां विंध्यवासिनी मंदिर के बारे में बताएंगे।
Editorial
Updated:- 2024-10-04, 23:00 IST

सनातन धर्म में माता रानी के कई मंदिरें हैं। जहां भक्तों की सभी समस्याएं दर्शन मात्र से ही दूर हो जाती है। महालक्ष्मी की रूप मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। वहीं उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी विंध्याचल के दर्शन जरूर करें। ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान श्रीराम ने पश्चिम दिशा की ओर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की थी। इसी कारण यह जगह रामेश्वर नाम से प्रसिद्ध हुई और इस जगह को शिवपुरी के नाम से जाना जाता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से मां विंध्यवासिनी के बारे में जानते हैं। साथ ही इस मंदिर का इतिहास और मान्यता क्या है।

भगवान गणेश के जरूर करें दर्शन

104088862

अगर आप मा विंध्यवासिनी देवी के मंदिर दर्शन करने के लिए जा रहे हैं, तो सबसे पहले भगवान गणेश के दर्शन जरूर करें। उनके दर्शन के बिना मां विंध्यवासिनी के दर्शन करना अधूरा माना जाता है। सबसे पहले मंदिर आएं, उसरे बाद भगवान गणेश की पूजा करें और फिर मां विंध्यवांसिनी के दर्शन करें। ऐसा करने से भक्तों की सभी परेशानियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का वरदान भी मिलता है।

इसे जरूर पढ़ें - मां दुर्गा से जुड़े हुए इन सवालों के जवाब दे पाएंगे आप?

पद्मपुराण में भी है इस मंदिर का जिक्र

मिर्जापुर के विंध्या पर्वत पर बसी मां विंध्यावासिनी के दरबार की महिमा बेहद ही निराली है। इतना ही देवी मां के इस मंदिर का जिक्र महाभारत और पद्मपुराण में भी किया गया है। हर जदह मां के इस स्वरूप का वर्णन मिलता है। मां विंध्यवासिनी की पूजा के बारे में ऐसा कहा जाता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा सृष्टि के आरंभ से ही होती आ रही है और मां के इस सृष्टि का विस्तार भी माना जाता है।

इसे जरूर पढ़ें - Maa Durga ke 9 Swaroop ki Kahani: नवरात्रि के दिनों में होती है माता के इन नौ स्वरूपों की पूजा, हर रूप का है खास महत्व

बेहद प्रसिद्ध है विंध्यवासिनी धाम

2b109b1c-c6d5-4545-a25c-9910b7b7d585maa vindhyavasini 01

मां विंध्यवासिनी का मंदिर महामाया और योगमाया के स्वरूप में भी जाना जाता है। उनकती पहचान पराशक्ति के रूप में की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी विंध्यवासिनी ही वह कन्या थीं जिन्हें कंस ने मारने का प्रयास किया था। मारने से पहले ही उन्होंने कंस को अपने वध की भविष्यवाणी की थी। माना जाता है कि महामारी के समय में मां विंध्यवासिनी की पूजा करने से संकट टल जाते हैं।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- HerZindagi

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।