हिंदी सिनेमा की सुपर स्टार, वो एक्ट्रेस जिसकी खूबसूरती के सभी दीवाने थे, वो एक्ट्रेस जो अपने करियर की बुलंदी पर पहुंच गई थी। ये कहानी है ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी की। वो मीना कुमारी जिन्होंने अपनी जिंदगी में सिर्फ गम ही गम देखे और पर्दे पर इतनी सफल होने के बाद भी वो जिंदगी भर उस प्यार और कद्र को तरसती रहीं जिसकी वो हकदार थीं। हर कोई अपनी जिंदगी में ऐसा इंसान चाहता है जो उसकी कद्र करे। पर मीना कुमारी की जिंदगी एक ऐसी किताब बनकर रह गई जिसमें सिवाए दर्द और कोई भी कहानी नहीं लिखी जा सकी।
मीना कुमारी उर्फ महजबीन बानो ने अपनी जिंदगी का ज्यादातर वक्त दूसरों की जरूरतें पूरी करते हुए बिता दिया। अन्नू कपूर के चर्चित शो 'द गोल्डन एरा विद अन्नू कपूर' में मीना कुमारी को लेकर कई किस्से बताए गए हैं। उन्हीं में से कुछ हम आपको आज बताते हैं। ये किस्सा अन्नू कपूर ने खुद अपने शो में सुनाया था। ये किस्सा है 2 रुपए का जिसके कारण कमाल अमरोही ने मीना कुमारी का दिल तोड़ दिया था। तो चलिए जानते हैं मीना कुमारी की जिंदगी के कुछ अनसुने पहलू।
जब अनाथालय में जाने वाली थीं मीना कुमारी
मीना कुमारी के पिता बहुत ही गरीब हारमोनियम वादक थे और उनके घर की माली हालत उस वक्त बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी। मीना कुमारी का जन्म महजबीन बानो के रूप में हुआ। वो पिता की तीसरी संतान थीं और घर में उस वक्त इतने पैसे नहीं हुआ करते थे कि तीन संतानों को पाला जा सके। ऐसे में नन्ही महजबीन को अनाथालय में छोड़ने का फैसला किया गया। इसी कारण महजबीन को अनाथ आलय में छोड़ने का फैसला किया गया। हालांकि, किसी तरह से नन्ही बच्ची को अपने से अलग नहीं कर पाए उनके माता-पिता।
घर की माली हालत ठीक नहीं थी और इसी कारण मीना कुमारी को गुड्डे-गुड़ियों से खेलने की उम्र में काम पर जाना पड़ा। 6-7 साल की उम्र से ही मीना कुमारी कमा रही थीं। उन्हें एक फिल्म सेट पर काम मिला और वो 1939 की फिल्म 'लेदरफेस' में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नजर आईं। धीरे-धीरे मीना को फिल्मों में काम मिलने लगा और वो महजबीन से बेबी मीना बन गईं। मीना की कमाई पर ही घर चलने लगा और फिल्मी सफर शुरू हो गया। सुबह से रात तक बेबी मीना काम करती रहीं और स्कूल कभी न जा सकीं, लेकिन पिता को लगा कि कमाई के लिए अनपढ़ होना ठीक नहीं तो हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू की शिक्षा घर पर ही चलती रही।
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मीना कुमारी और कमाल अमरोही
मीना कुमारी को पहली नजर में कमाल अमरोही से प्यार नहीं हुआ था बल्कि ये तो कई मुलाकातों का सफर बन गया था। मीना बचपन से ही प्यार को तरसती रहीं और वो सिर्फ काम ही करती रहीं ऐसे में कमाल अमरोही के साथ लव स्टोरी शुरू होने के बाद मीना का दिल गुदगुदाया। फिल्म 'अनारकली' (जो कभी बन नहीं पाई) में मीना कुमारी को कमाल अमरोही की वजह से ही लिया गया था और इसकी खुशी में मीना अपने पिता और बहनों के साथ घूमने गई थीं जहां उनका एक्सीडेंट हो गया था और कमाल अमरोही दिल्ली से पूना (पुणे) सिर्फ उन्हें देखने पहुंच गए थे। यही थी मीना और कमाल की कहानी के खूबसूरत सफर की शुरुआत।
मीना कुमारी ने अपने पिता से छुपकर कमाल अमरोही से शादी की थी और इसके कारण पिता ने मीना कुमारी को घर से बाहर भी निकाल दिया था। मीना ने अब तक सिर्फ परिवार के लिए काम किया था और पिता ने जिद में आकर मीना को ही घर से निकाल दिया था।
मीना और कमाल की जिंदगी में कलह
मीना और कमाल अमरोही की जिंदगी में कुछ समय तक सब ठीक रहा। मीना एक के बाद एक फिल्में करती रहीं और कमाल अमरोही से ज्यादा फेमस होती गईं। शायद ऐसे ही किसी दौर में मीना और कमाल के बीच दूरियां आईं। एक किस्सा ऐसा ही है जहां कमाल अमरोही ने गवर्नर साहब को टोक दिया था कि वो मीना कुमारी के पति नहीं हैं बल्कि मीना कुमारी उनकी पत्नी हैं और एक इवेंट से गुस्से में निकल गए थे। मीना की हंसती खेलती जिंदगी में उदासी आने लगी थी।
2 रुपए का वो किस्सा जिसने तोड़ दिया था मीना का दिल
अन्नू कपूर के शो के मुताबिक मीना कुमारी हमेशा मालिश करवाया करती थीं। मीना भले ही काफी कमाती थीं, लेकिन पैसे का हिसाब कमाल अमरोही और उनके असिस्टेंट ही रखते थे। मीना की मालिश करवाने जो महिला आया करती थी वो काफी समय से मीना से तनख्वाह में 2 रुपए बढ़ाने की बात कर रही थी। मीना ने ये बात कमाल साहब को बताई तो सही, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। मीना ने जब ये दोबारा कहा तो कमाल अमरोही ने जवाब दिया, 'आखिर तुम्हे महीने भर मालिश करवाने की जरूरत ही क्या है?' मीना कुमारी ने पति से कुछ न कहा और मन मसोस के रह गईं। मीना कुमारी ने उसके बाद हर रोज़ मालिश करवाना छोड़ दिया पर उन्होंने पति से इस बारे में कुछ न कहा।
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एक पर्स और मीना और कमाल का रिश्ता
ये किस्सा दिल्ली प्रेस की 'सरिता' पत्रिका में छपा था। मीना और कमाल की लव स्टोरी बहुत ही खूबसूरत रही, लेकिन पुरुषवादी मानसिकता को तोड़ न पाई। 1955 में फिल्म 'परिणीता' के लिए मीना कुमारी को फिल्म फेयर पुरस्कार मिलना था। मीना कुमारी और कमाल अमरोही एक साथ बैठे हुए थे जब मीना स्टेज पर गईं तो अपना पर्स कुर्सी पर ही भूल गईं और उसके बाद वो घर चली गईं।
बाद में अभिनेत्री निम्मी ने मीना कुमारी को उनका पर्स लाकर दिया। मीना कुमारी ने बाद में कमाल अमरोही से पूछा, 'क्या आपको मेरा पर्स नहीं दिखा?', तब कमाल ने जवाब दिया, 'दिखा पर उठाया नहीं, आज मैं तुम्हारा पर्स उठाता, कल तुम्हारे जूते।' इस जवाब से मीना सक्ते में रह गई थीं और धीरे-धीरे इस हसीन जोड़ी के टूटने की नौबत आ गई।
कथित तौर पर कमाल अमरोज के सचिव ने भी एक बार मीना पर हाथ उठा दिया था और इसके बाद ही मीना ने कमाल का घर छोड़ा था। ये वो दौर था जब इन दोनों की शादी लगभग टूट ही गई थी और फिल्म 'पाकीजा' 14 सालों के लिए अटक गई थी। पर ये किस्सा फिर कभी।
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नोट: इस स्टोरी में दिए गए फैक्ट्स का सोर्स अन्नू कपूर का शो 'द गोल्डन एरा' और दिल्ली प्रेस की पत्रिका 'सरिता' है।
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