इस साल चंद्रग्रहण 16 जुलाई आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है। चंदग्रहण 16 जुलाई की रात 1:32 मिनट पर शुरु होगा और 17 जुलाई की सुबह 4:30 तक रहेगा। ग्रहण की अवधि दो घंटे अठावन मिनट रहेगी। वहीं, ग्रहण का सूतक काल 16 जुलाई शाम 4 बजकर 31 मिनट से शुरु होगा और सुबह 4 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। आपको बता दें कि चंद्रग्रहण में सूतक 9 घंटे पहले लगता है, जबकि सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लगता है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक समय को अशुभ मुहूर्त माना जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ या नए काम की शुरुआत नहीं की जाती है। इस दौरान पूजा पाठ भी नहीं करनी चाहिए और ना ही भगवान के दर्शन करने चाहिए। इसलिए इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद करते है और किसी भी तरह की पूजा-अर्चना या आरती नहीं होती है। चंद्रग्रहण के दौरान अगर हम सूतक की बात करें तो धार्मिक नियमों के अनुसार मान्यताओं के नौ घंटे पहले से ही सूतक लग जाता है और यह ग्रहणकाल के समाप्त होने के मोक्ष काल के बाद ही समाप्त होता है।
भारत में तुलसी को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। तुलसी का पौधा हमेशा से आस्था का केंद्र रहा है। तुलसी के तीन प्रकार होते हैं- कृष्ण तुलसी, सफेद तुलसी और राम तुलसी। इनमें कृष्ण तुलसी को सबसे अच्छा माना जाता है। इस तुलसी में खड़ी मंजरियां उगती हैं। इन मंजरियों में छोटे-छोटे फूल होते हैं। तुलसी के बारे में यह मान्यता है कि देव और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के समय जो अमृत धरती पर छलका, उसी से तुलसी की उत्पत्ति हुई। वहीं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी का प्रतिदिन दर्शन करना पापनाशक समझा जाता है और ऐसा माना जाता है कि इसकी पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि तुलसी पत्र से पूजा करने से व्रत, यज्ञ, जप, होम, हवन करने का पुण्य प्राप्त होता है। ऐसा कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी अत्यंत प्रिय है। वहीं, मान्यता है कि तुलसी होने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
वहीं, तुलसी के कई औषधीय गुण भी है और यह सेहत के लिए भी वरदान है। तुलसी में कई बीमारियों से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। तुलसी की पूजा में भूल कर भी न करें ये 5 गलतियां पढ़ें।
ग्रहण के दौरान किसी भी वस्तु को शुद्ध करने के लिए तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। कहा माना जाता है कि ग्रहण के समय बना हुआ खाना खराब हो जाता है। इसलिए तुलसी का पत्ता रखा जाता है। ग्रहण से पहले ही तुलसी का पत्ता खाने में रख देना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि इसका क्या कारण है।
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Photo courtesy- (Just Herbs, Garden and Happy, Carousell)
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