Twin Babies के आने के बाद कैसी बदली हैं लीज़ा रे की ज़िन्दगी, आइए उन्हीं से जानते हैं

 फ़िल्म ‘कसूर’ और ‘वॉटर’ में दिखाई दीं लीज़ा ने हमसे ख़ास बातचीत के दौरान यह बताया कि बेबीज़ होने के बाद उनकी लाइफ कितनी बदल गई है और वो अपने मदरहुड को कितना एन्जॉय कर रही हैं।

lisa ray talking about her life after being a mother main

सितम्बर 2017 में सरोगेसी की मदद से मां बनीं एक्ट्रेस लीज़ा रे अब जल्द ही वेब शो ‘फोर मोर शॉर्ट्स’ में नज़र आने वाली हैं। फ़िल्म ‘कसूर’ और ‘वॉटर’ में दिखाई दीं लीज़ा ने हमसे ख़ास बातचीत के दौरान यह बताया कि बेबीज़ होने के बाद उनकी लाइफ कितनी बदल गई है और वो अपने मदरहुड को कितना एन्जॉय कर रही हैं।

लीज़ा ने बताया कि कैसे वो अपने काम और पर्सनल लाइफ को हैंडल कर रही हैं और ऐसे में उनके पति जैसन उनकी कैसे मदद कर रहे हैं। बता दें कि लीज़ा इन सभीं कामों के बीच अपनी ऑटोबायोग्राफी भी लिख रही हैं जो कुछ महीनों में सबके सामने होगी।

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एक शिफ्ट में काम किया, जिससे बेबीज़ का ध्यान रख सकूं

लीज़ा ने बताया कि उनके दो ट्विन बेबी गर्ल्स हैं, सूफी एंड सोलिल! लीज़ा ने इनका ध्यान रखने की बात पर कहा कि शुरू में मुझे हर काम थोड़ा मुश्किल लग रह था क्योंकि सेरोगेसी के दौरान मैं किसी को कुछ कह नहीं सकती थी, आप नहीं कह सकते जब तक बेबीज़ जन्म नहीं ले लेते। इनके जन्म के बाद भी मुझे अपना पूरा समय इन्हें देना था। इसलिए मैंने कोशिश की कि एक शेड्यूल या एक शिफ्ट में मेरा काम खत्म हो जाए। मैं कोशिश करती थी कि अपना ज्यादातर टाइम मैं बच्चों के साथ ही बिताऊं। और इसी बीच मैं बुक लिख रही थी, मेरी ऑटोबायोग्राफी! तो यहां वहां लगी हुई थी। लोगों को लगता है कि मैं बस आराम कर आरही हूं, पर ऐसा नहीं है।

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मेरे दिल में इतना प्यार है, यह बेबीज़ होने के बाद पता चला

लीज़ा ने आगे कहा कि ट्विन्स बेबीज़ के होने के बाद सब बदल गया है, ज़िन्दगी में फन बढ़ गया है। मुझे नहीं पता था कि मेरे दिल में इतना ज्यादा प्यार भी है, यह मेरे बेबीज़ होने के बाद मुझे समझ में आया। हां, अब हमारे पास दो नैनीज़ है, मेरे पति और मैं भी मिलकर अपना काम और बच्चे दोनों संभाल लेते हैं। हमने को-पेरेंट बनने का फैसला लिया था, इसलिए हम दोनों बच्चों को संभालते हैं और हमने अपनी ज़िम्मेदारियां भी बांटी हुई हैं। मैं हांगकांग और मुंबई, दोनों जगह रह रही हूं, इसलिए सूफी और सोलिल को उनके पिता जैसन संभालते हैं। जब मैं उनके पास होती हूं तो मैं संभालती हूं। कोई मुझसे पूछता है कि लाइफ क्या है, तो मैं कहती हूं, ये जो मूमेंट हैं... यही लाइफ है, मैं अपने बच्चों को भी यही सिखाऊंगी, मुझे हैप्पी मदर बनना है, सिर्फ मदर नहीं!

मां बनने से कभी डरी नहीं लगा

लीज़ा ने बताया कि लोग पेरेंट बनने की बात से ही नर्वस हो जाते हैं। कुछ यह भी कहते हैं कि अब करियर ख़त्म लेकिन, मुझे नहीं लगता कि अब ज़माना ऐसा रहा है। क्योंकि लाइफ इसी मूमेंट में है.... तो मैं अगर इस डर में रहती कि मुझे बच्चे करने चाहिए या नहीं, तो बस डरी रहती! मैं बच्चों के आने बहुत खुश हूं।

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