कोलकाता की दुर्गा पूजा को मिला सांस्कृतिक विरासत का दर्जा, जानें पूरी खबर

कोलकाता की दुर्गा पूजा की खासियत देखते हुए हाल ही में यूनेस्को ने इसे  सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया है। आइए जानें क्या है पूरी खबर। 

 

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जब भी दुर्गा पूजा का जिक्र होता है सभी के दिमाग में कोलकाता की दुर्गा पूजा आती है। वास्तव में कोलकाता की दुर्गा पूजा न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि यहां की दुर्गा पूजा वास्तव में भारतीय संस्कृति को बयां करती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूनेस्को ने 15 दिसंबर बुधवार को कोलकाता के दुर्गा पूजा उत्सव को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया है।

यह पूरे देश के लिए गौरव की बात तो है ही, इस बात की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कदम की प्रशंसा की है। आइए जानें क्या है पूरी खबर और यूनेस्को ने इस बात पर क्या कहा है।

यूनेस्को ने दिया विश्व सांस्कृतिक विरासत का दर्जा

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संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा उत्सव को विश्व विरासत का दर्जा दिया है। यूनेस्को ने ट्विटर पर दुर्गा माता की मूर्ति वाली एक तस्वीर को शेयर करते हुए कहा है 'कोलकाता में दुर्गा पूजा को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल किया गया है।' इसके लिए पूरे भारत देश को शुभकामनाएं। यह निर्णय पूरे देश के लिए गर्व का निर्णय तो है ही, इसके साथ ही दुर्गा पूजा के महत्व को पूरे विश्व में उजागर किया जा सकता है। यूनेस्को ने अपनी वेबसाइट पर लिखते हुए कहा है ' दुर्गा पूजा को धर्म और कला के सार्वजनिक प्रदर्शन के साथ-साथ सहयोगी कलाकारों और डिजाइनरों के लिए एक बड़े मौके के रूप में देखा जाता है। ' यूनेस्को ने यह भी कहा कि कोलकाता के दुर्गा पूजा पंडालों को जिस शिल्प कौशल के साथ बनाया जाता है, उसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

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किसे दिया जाता है विश्व सांस्कृतिक विरासत का दर्जा

अगर यूनेस्को के विश्व विरासत की बात की जाए तो यूनेस्को ने साल 2008 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची जारी करने का काम शुरू किया था। इसका उद्देश्य दुनियाभर की कुछ बेहतरीन सांस्कृतिक विरासतों की बेहतर सुरक्षा और उनके महत्व के बारे में दुनिया को जागरूक करना था। किसी भी विरासत को इस सूची में शामिल करने से पहले यूनेस्को उस अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के प्रस्तावों की जांच करती है और उसके बाद उसे योग्य पाए जाने पर इस सूची में शामिल किया जाता है। भारत की तरफ से इस साल कोलकाता की दुर्गा पूजा का प्रस्ताव भेजा गया था। जिसे यूनेस्को ने स्वीकार करते हुए भारत को ये सम्मान दिया है।

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प्रधानमंत्री ने कही ये बात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले की सराहना करते हुए इसे भारतवासियों के लिए गर्व और खुशी का पल बताया है। मोदी जी ने ट्वीट में कहा है 'हर एक भारतीय के लिए ये गर्व और खुशी का पल है। दुर्गा पूजा हमारी सर्वोत्तम परंपराओं को पेश करती है और कोलकाता की दुर्गा पूजा का अनुभव हर किसी को जरूर करना चाहिए।'

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की इस कदम की सराहना

इस बात पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जीट्वीट करते हुए कहा कि यह बंगाल के लिए एक गर्व का पल है 'बंगाली के लिए, दुर्गा पूजा एक त्योहार से कहीं अधिक है, यह एक भावना है जो सभी को एकजुट करती है।' आप भी देखें उनका ये ट्वीट -

वास्तव में ये भारत के लिए सम्मान का पल है और सभी भारतवासियों को इस बात पर गर्व महसूस करते हुए अपनी संस्कृति की सराहना करनी चाहिए।

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Image Credit: unsplash

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