घर में रोशनी करने के लिए कई तरह के बल्ब का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें एलईडी बल्ब से लेकर सीएफएल बल्ब आदि शामिल हैं। वैसे तो मॉडर्न युग में अधिकतर बल्ब कुछ इस तरह तैयार किए जाते हैं, कि वह जल्दी खराब ना हों। लेकिन फिर भी कुछ घरों में बल्ब बार-बार और जल्दी फ्यूज़ होने लग जाते हैं। हो सकता है कि शुरूआत में आप इस पर ध्यान ना दें, लेकिन जब बार-बार बल्ब फ्यूज़ होने लगते हैं तो ऐसे में यह आपके लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं। सबसे पहले तो बार-बार बाजार जाने का झंझट और अगर हर दूसरे दिन बल्ब फ्यूज़ होने लगे तो यकीनन आपके काफी सारे पैसे यूं ही खर्च हो जाएंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा। साथ ही बार-बार बल्ब के फ्यूज़ होने से आपको काफी इरिटेशन भी होगी।
यकीनन आप इस परेशानी को झेलना नहीं चाहेंगी। हालांकि, इस समस्या से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप पहले बल्ब के बार-बार फ्यूज़ होने की असली वजह का पता लगाएं। हैवी वोल्टेज से लेकर वाइब्रेशन तक कई ऐसी वजहें हैं तो बल्ब के फ्यूज होने की वजह बनती हैं। जब आप बल्ब के फ्यूज होने की असली वजह का पता लगा पाएंगी तो अपने पैसों से लेकर परेशानी से बेहद आसानी से मुक्ति पा पाएंगी। तो चलिए जानते हैं बल्ब के बार-बार फ्यूज होने की वजहों के बारे में-
अधिक वोल्टेज
यह बल्ब के फ्यूज होने की सबसे पहली और मुख्य वजह है। अगर आप अपने बल्ब को ध्यान से देखेंगी तो आपको बल्ब के उपर यह दिखाई देगा कि बल्ब कितने वॉट का है और उसके लिए कितनी वोल्टेज सही है। उदाहरण के तौर पर, नौ वॉट के एलईडी बल्ब की वोल्टेज क्षमता 220 से 240 के बीच होती है। लेकिन अगर आपके बल्ब को लगातार अधिक वोल्टेज मिलती है तो इससे वह जल्द ही फ्यूज हो जाएंगे। हालांकि, अगर आपको अपने घर में सप्लाई होने वाली वोल्टेज के बारे में पता नहीं है तो ऐसे में आप वोल्टेज टेस्ट मीटर के जरिए इसका पता लगा सकती है। यह इलेक्ट्रिक डिवाइस मार्केट में आसानी से अवेलेबल है। आप इसे सॉकेट पर लगाएं और मीटर आपको बता देगा कि वास्तव में वोल्टेज कितनी है।
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बहुत अधिक वाइब्रेशन
आमतौर पर लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते और अपनी सुविधानुसार फिक्सर या होल्डर लगाते हैं। लेकिन अगर आपके बल्ब का होल्डर ऐसी जगह पर हैं जहां पर वाइब्रेशन लगातार व अधिक होता है, जैसे सीलिंग फैन में लगे बल्ब आदि। तो वहां पर बल्ब बार-बार व जल्दी फ्यूज़ होने लगते हैं। दरअसल, बार-बार वाइब्रेशन के कारण बल्ब के अंदर मौजूद फिलामेंट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और वह फ्यूज हो जाते हैं।
होल्डर में गड़बड़ी
कई बार ऐसा भी होता है कि हम बल्ब तो लगा लेते हैं, लेकिन उसे अच्छी तरह चेक नहीं करते। आपको देखा होगा कि होल्डर के अंदर कॉन्टैक्ट होते हैं, जिसकी मदद से बल्ब फिक्स होता है। लेकिन अगर होल्डर के अंदर के कॉन्टैक्ट लूज होते हैं या फिर अगर बल्ब अंदर ठीक तरह से फिक्स नहीं होगा तो इससे भी बल्ब के जल्दी फ्यूज होने की संभावना बनी रहती है।
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बैड क्वालिटी बल्ब
किसी भी चीज की कार्यक्षमता उसकी क्वालिटी पर काफी हद तक निर्भर करती है और यही नियम बल्ब के साथ भी लागू होता है। अक्सर हम बल्ब ले आते हैं, लेकिन वह अच्छी क्वालिटी के नहीं होते, जिसके कारण वह बार-बार फ्यूज़ होने लगते हैं। इसलिए हमेशा किसी अच्छे ब्रांड के क्वालिटी बल्ब में इनवेस्ट करें। यह थोड़े महंगे अवश्य होंगे, लेकिन लंबे समय तक आपको साथ देंगे।
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