मां बनने के बाद एक महिला की जिन्दगी काफी हद तक बदल जाती है। बच्चा चाहे छोटा हो या बड़ा, एक मां को कई चैलेंजेस का सामना करना पड़ता है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक आपको बच्चे के भी कई काम करने पड़ते हैं। इतना ही नहीं, घर-परिवार की अन्य जिम्मेदारी व ऑफिस वर्क आदि को भी करना होता है। ऐसे में महिला के पास खुद के लिए शायद ही वक्त बचता हो। हो सकता है कि आप शायद इसकी अहमियत भी ना समझती हों। लेकिन वास्तव में आपके लिए मी टाइम बेहद जरूरी है।
जिस तरह आप अपनी नन्हीं सी जान से लेकर अन्य सभी सदस्यों का ख्याल रखती हैं, ठीक उसी तरह यह भी आवश्यक है कि आप खुद का भी उतना ही ख्याल रखें और खुद से भी उतना ही प्यार करें और इसलिए मी टाइम निकालें। वैसे भी जब तक आप खुद का ख्याल रखना नहीं सीखेंगी तो अपने बच्चे व अन्य सदस्यों का ख्याल अच्छी तरह कैसे रख सकती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि एक मां के लिए मी टाइम निकालना इतना क्यों जरूरी है-
मां बनने के बाद एक महिला को मल्टीटास्किंग करनी पड़ती है। ऐसे में पूरा दिन आपके लिए बेहद थकाऊ हो जाता है, जिसके कारण दिन के अंत तक आपके भीतर की सारी ऊर्जा कहीं खो जाती है। ऐसे में अपने भीतर की ऊर्जा को संरक्षित करने के लिए आपको मी टाइम निकालना चाहिए। यह आपके मन और शरीर को रिलैक्स करेगा और अगले दिन फिर से पूरी ऊर्जा के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
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सुनने में आपको शायद अजीब लगे लेकिन मी टाइम आपको एक बेहतर मां बनाने में मदद करता है। दरअसल, जब आप पूरे दिन बच्चे व अन्य व्यक्तियों का ख्याल रखती हैं और खुद को इग्नोर करती हैं तो ऐसे में आपका शरीर व मन काफी थक जाता है, जिससे आपके भीतर एक चिड़चिड़ापन व गुस्सा पैदा होने लगता है। ऐसे में आप छोटी-छोटी बातों पर बच्चे पर चिल्लाने लगती हैं। लेकिन मी टाइम आपको हैप्पी फील करवाता है और ऐसे में आप एक बेहतर मां बन पाती हैं।
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अगर आप सोचती हैं कि मी टाइम सिर्फ आपके लिए लाभदायक है तो आप गलत है। यह आपके बच्चे को भी उतना ही फायदा पहुंचाता है। जिस तरह आपको खुद से कनेक्ट होने के लिए मी टाइम चाहिए, ठीक उसी तरह आपको बच्चे को मी टाइम देना चाहिए। उस समय वह खुद के साथ या अन्य बच्चों के खेले और आपसे दूर हो। यह आपके बच्चे को अन्य लोगों के साथ एक भावनात्मक संबंध विकसित करने में मदद करेगा। अगर बच्चा सारा दिन सिर्फ और सिर्फ आपके साथ रहता है तो ऐसे में वह पूरी तरह से आपके उपर भावनात्मक रूप से निर्भर हो जाएगा, जो उसके लिए वास्तव में ठीक नहीं है। इसलिए खुद के लिए मी टाइम निकालें और बच्चे को कुछ वक्त के लिए खुद से दूर रखें।
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