जब भी घर में कोई आता है तो सबसे पहले वह डोरबेल बजाता है और उस डोरबेल की आवाज सुनकर हम दरवाजा खोलकर सामने वाले व्यक्ति को रिसीव करते हैं। इन दिनों मार्केट में तरह-तरह के डिजाइन की डोरबेल मिलती हैं, जिसके कारण एक बेहतरीन डोरबेल चुनने में हमें कई बार कंफ्यूशन होती है। इतना ही नहीं, मार्केट में मिलने वाली डोरबेल में कई तरह के साउंड्स भी होते हैं, जो हमें काफी अट्रैक्ट करती हैं।
लेकिन क्या आपको पता है कि डोरबेल भी वास्तु के अनुसार काम करती हैं। अगर डोरबेल को सही तरह से लगाया जाए तो इससे आपकी लाइफ की कई प्रॉब्लम्स को आसानी से दूर किया जा सकता है और उसे अधिक हैप्पी व स्मूद बनाया जाता है। जी हां, डोरबेल भी आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार कर सकती है। अब यकीनन आप यही सोच रहे होंगे कि डोरबेल आपकी लाइफ पर किस तरह प्रभाव डालती है। हो सकता है कि आपको डोरबेल से जुड़े वास्तु के नियमों के बारे में ना पता हो। तो चलिए आज इस लेख में वास्तु विशेषज्ञ डॉ. आनंद भारद्वाज आपको बता रहे हैं कि आपको डोरबेल लगाते समय वास्तु के किन नियमों का ख्याल रखना चाहिए-
म्यूजिक के आधार पर तय करें दिशा
इन दिनों मार्केट में कई तरह की डोरबेल मिलती हैं, जिनका अलग-अलग साउंड होता है। जिसमें गायत्री मंत्र से लेकर ओम् या किसी आरती या भजन के बोल होते हैं। इसलिए, अगर आप ऐसी किसी डोरबेल को अपने घर में जगह दे रही हैं, जिससे निकलने वाली ध्वनि या आवाज धर्म से जुड़ी है तो कोशिश करें कि आप उसे अपने घर के दक्षिण पूर्व के पूर्व की दीवार पर लगाएं।
सही हो बाहर का स्विच
डोरबेल लगाते समय एक स्विच बाहर मुख्य द्वार पर भी लगाया जाता है। अमूमन देखने में आता है कि मेन गेट पर लगने वाला स्विच अधिकतर लोग गलत ही लगाते हैं। जब आप मुख्य द्वार पर डोरबेल लगा रही हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप उसे ऐसे लगाएं कि आने वाला व्यक्ति हमेशा अपने सीधे हाथ से ही डोरबेल बजाएं। अगर आप उसे उल्टे हाथ की तरफ लगाती हैं और आने वाला व्यक्ति उल्टे हाथ से बेल बजाता है तो इससे वह कोई ना कोई नेगेटिव एनर्जी रिलीज करता है। इसलिए, बाहर के स्विच को लगाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी जरूरी है।
अगर धर्म से संबंधित ना हो आवाज
अगर आपने अपने घर के लिए ऐसी डोरबेल को चुनी हैं, जिसमें पंछियों की आवाज है या फिर कोई मधुर ध्वनि है। लेकिन उसका संबंध धर्म से नहीं है तो आप उसे घर के अंदर दक्षिण पूर्व की दीवार के अलावा उत्तर पश्चिम की दिशा में लगा सकते हैं। उत्तर पश्चिम वायु की दिशा होती है और इसलिए, उस दिशा में अंदर की डोरबेल को लगाया जा सकता है।
इन दिशाओं में ना लगाएं डोरबेल
जब आप घर के अंदर डोरबेल लगा रही हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप इन्हें घर के अंदर कुछ दिशाओं में बिल्कुल भी ना लगाएं। मसलन, इन्हें कभी भी घर के या फिर ड्राइंग रूम या लॉबी के ईशान कोण या नैऋत्य कोण में नहीं लगाना चाहिए। वहीं, इसके अलावा दक्षिण पश्चिम दिशा में भी डोरबेल को लगाना अच्छा नहीं माना जाता है।
आवाजों को करें चेक
जब भी आप घर के लिए डोरबेल को खरीद रही हैं तो यह बेहद जरूरी है कि आप उन्हें पहले सुनकर और अच्छी तरह चेक करके ही खरीदें। आपने भले ही पहले से किसी वॉयस या साउंड के बारे में पहले से सोचकर रखा हो, लेकिन फिर भी पहले उन्हें एक बार अवश्य सुनें। आप पाएंगे कि कुछ डोरबेल की आवाज बहुत कर्कश होती है तो कोई बहुत मधुर होती है। आप हमेशा ऐसी डोरबेल को चुनें, जिसे सुनकर आपके मन को शांति का अहसास हो।
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अन्य छोटी-छोटी बातें
- डोरबेल को हमेशा पूजा स्थान से दूर रखें। दरअसल, ऐसा होता है कि जब आप पूजा कर रही हों और एकदम से डोरबेल बजती है तो आपको ध्यान भंग हो जाता है।
- इसके अलावा, अगर बरसात में डोरबेल में पानी चला जाता है और उसमें से लगातार आवाज आती रहती है, तो आप उसे तुरंत ठीक करवाएं।
- यह भी सुनिश्चित करें कि डोरबेल में पानी ना जाएं, ताकि आने वाले व्यक्ति को करंट ना लगे। डोरबेल हमेशा अच्छी क्वालिटी की ही लेनी चाहिए।
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