डिजिटल युग में हर काम स्मार्टफोन पर चुटकियों में हो जाता है। फिर चाहे वह नेट बैंकिंग हो या मिनटों में पैसा उधार पर लेना। जी हां, आजकल बाजार में फटाफट लोन देने वाले ऐप्स की भरमार देखने को मिल रही है। ये ऐप्स तुरंत पैसा, बिना डॉक्यूमेंट्स के लोन और सिर्फ 5 मिनट में कैश जैसी अट्रैक्टिव ऐड्स देते हैं और उन लोगों को टारगेट करते हैं, जिन्हें अचानक पैसे की जरूरत होती है। लेकिन, यह ऐप्स जितनी तेजी से पैसा देने का दावा करते हैं उतनी ही तेजी से आपकी जेब भी खाली करवा सकते हैं।
इंस्टेंट लोन वाले यह ऐप्स पहली नजर में लुभावने तो लगते हैं, लेकिन ये आपको मोटे ब्याज से लेकर मानसिक परेशानियों के जंजाल में फंसा सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी किसी इंस्टैंट ऐप से लोन लेने के बारे में सोच रही हैं, तो थोड़ा रुक जाइए और इस आर्टिकल में बताई बातों का ध्यान रखें। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन ऐप्स के अट्रैक्टिव ऑफर्स के पीछे की एक काली दुनिया होती है जो आपको हजारों-लाखों का चूना लगा सकती है।
इंस्टेंट लोन ऐप्स से उधार लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
प्रोसेसिंग फीस
इंस्टेंट लोन ऐप्स से पैसा उधार पर लेने से पहले प्रोसेसिंग फीस की पूरी डिटेल्स लें। ऐसा इसलिए, क्योंकि कई ऐप्स लोन तो फटाफट देते हैं लेकिन, प्रोसेसिंग फीस इतनी लेते हैं कि कई बार तो एक चौथाई रकम कटकर ही हाथ में आती है। उदाहरण के तौर पर अगर 10 परसेंट प्रोसेसिंग फीस है और आपने 10 हजार रुपये का लोन लिया है तो 1 हजार रुपये तो कट ही जाएंगे और हाथ में सिर्फ 9 हजार रुपये आएंगे।
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हिडन चार्ज
प्रोसेसिंग फीस के अलावा कई बार इंस्टेंट लोन पर हिडन चार्ज भी होता है। इन हिडन चार्जस में GST, प्लेटफॉर्म फीस, डॉक्यूमेंटेशन चार्ड, क्रेडिट स्कोर चेक फीस और तरह-तरह के चार्ज लगा देते हैं। ऐसे में अगर इंस्टेंट ऐप से पैसा उधार लेने के बारे में सोच रही हैं, तो पहले सभी डिटेल्स जान लें।
रेट ऑफ इंटरेस्ट
इंस्टेंट लोन वाले ऐप्स जब भी अपना विज्ञापन देते हैं तो यह 10 से 12 परसेंट सालाना का दिखाते हैं और लोगों को अपनी तरफ लुभाते हैं। लेकिन, जब आप लोन ले लेते हैं तो किसी न किसी तरह डॉक्यूमेंटेशन में फंसाकर यह रेट ऑफ इंटरेस्ट 20 से 30 परसेंट या उससे भी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में आपका छोटा-सा लोन भी बड़ी रकम में बदल जाता है।
मोटा फाइन
अगर आप इंस्टेंट ऐप से लोन लेती हैं, तो आपको मानसिक तौर पर मोटे फाइन के लिए पहले ही तैयार होना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर आप किस्त चुकाने या पैसा लौटाने में एक भी दिन की देरी करेंगी तो मोटा फाइन देना पड़ सकता है। ये ऐप्स नियमों को ताक पर रखकर इंटरेस्ट और पेनल्टी वसूलते हैं।
नकली और असली की पहचान
बाजार में इन दिनों कई इंस्टेंट लोन ऐप्स आ गए हैं। इनमें से कई तो RBI से रजिस्टर्ड भी नहीं हैं। ऐसे में इन ऐप्स से पैसा लेना आपको भारी पड़ सकता है और कर्ज के जंजाल में फंसा सकता है। इसलिए, जब भी इंस्टेंट ऐप्स से पैसा उधार पर लेने के बारे में सोचें तो असली और नकली के बीच पहचान जरूर कर लें।
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मानसिक तौर पर परेशानी
कई प्राइवेट इंस्टेंट लोन ऐप्स पैसा वसूलने के लिए गैर-कानूनी तरीकों को भी अपनाते हैं। ऐसे में सिर्फ पैसा ही जेब से नहीं जाता है, बल्कि मानसिक परेशानी भी मिलती है।
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