Kartik Purnima Kab Hai 2024: इस साल कब है कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Kartik Purnima Shubh Muhurat 2024: कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हिन्दू धर्म के विशेष त्योहारों में से एक है और इसे देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप इस दिन सही मुहूर्त और विधि से पूजा करते हैं तो सदैव खुशहाली बनी रहती है। आइए जानें इस साल कब है कार्तिक पूर्णिमा और पूजा के साथ स्नान-दान का मुहूर्त क्या है?
Kartik purnima Shubh Muhurat 2024

कार्तिक पूर्णिमा, हिंदू चंद्र कैलेंडर में सबसे शुभ और पूजनीय दिनों में से एक पर्व गई। यह कार्तिक महीने के आखिरी दिन यानी कि पूर्णिमा तिथि को पड़ती है। हर साल यह पर्व बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इस दिन का अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व बढ़ जाता है, क्योंकि यह भगवान विष्णु, भगवान शिव और पवित्र नदियों से जुड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ दीपदान करने को विशेष रूप से फलदायी माजना जाता है। इस साल यह पर्व 15 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।

ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी देवता पृथ्वी पर स्थित काशी नगरी में पधारते हैं और एक साथ दिवाली मनाते हैं, इसी वजह से इसे देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इस साल कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार कब मनाया जाएगा और इस दिन किस विधि से पूजा करनी चाहिए। यही नहीं आप इस बारे में भी जानें कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का क्या लाभ होता है।

कार्तिक पूर्णिमा पूजा शुभ मुहूर्त 2024

शुभ तिथि शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा तिथि आरंभ 15 नवंबर, प्रातः 06 बजकर 19 मिनट
कार्तिक पूर्णिमा तिथि समापन 16 नवंबर, प्रातः 02 बजकर 58 मिनट
स्नान-दान शुभ मुहूर्त प्रातः 04 बजकर 58 मिनट से प्रातः 5.51 मिनट
पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 06 बजकर 44 मिनट से प्रातः 10.45 मिनट


कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

kartik purnima significance

हिंदू पौराणिक कथाओं में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत महत्व है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे देव दीपावली के रूप में भी जाना जाता है, जिसे पवित्र शहर काशी में भव्यता के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवता स्वयं पवित्र नदियों, विशेषकर गंगा में स्नान करने के लिए उतरते हैं।

यह अवसर भगवान शिव से भी निकटता से जुड़ा हुआ है और भारत के कुछ हिस्सों में इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। यह वह दिन है जब भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर को हराया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त, कार्तिक पूर्णिमा भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय के जीवन में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या है पवित्र नदी में स्नान और दान का महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को सबसे खास माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान व दान करना विशेष रूप से फलदायी होता है और ऐसा कहा जाता है कि इस अनुष्ठान से भगवान विष्णु की सदैव कृपा दृष्टि बनी रहती है।

जो व्यक्ति कार्तिक पूर्णिमा पर नदी में स्नान करता है उसे समस्त पापों से मुक्ति मिल सकती है और मोक्ष के द्वार खुलते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन आपकी आर्थिक स्थिति को ठीक कर सकता है और धन के व्यय को रोका जा सकता है।

कार्तिक पूर्णिमा की पूजा विधि

kartik purnima puja vidhi

कार्तिक पूर्णिमा के दिन यदि आप विधि-विधान से पूजन करते हैं और किसी पवित्र नदी के दर्शन करते हैं तो ये विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। आइए जानें इसकी पूजा विधि के बारे में-

  • इस दिन सूर्योदय से पहले उठें और पवित्र नदी में स्नान करें। यदि आप गंगा नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तब भी घर में स्नान करते समय पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें अवश्य मिलाएं। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और आध्यात्मिक शुद्धि होती है।
  • स्नान के बाद घर के मंदिर की सफाई करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के साफ़ चौकी पर स्थापित करें। भगवान् विष्णु का पूजन करें और मंत्रों का जाप करें।
  • शाम के समय, दीपदान करना विशेष माना जाता है। यदि आप किसी भी जलाशय के पास घी या सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं तो ये विशेष माना जाता है। आप इस दिन घर के भीतर और बाहर भी दीपक अवश्य जलाएं। अंधकार को दूर करने वाले प्रकाश का प्रतीक यह दीपक आपके जीवन में मनोकामनाओं की पूर्ति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। दीपक ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का प्रतिनिधित्व करते हैं और कहा जाता है कि वे नकारात्मक प्रभावों से रक्षा करते हैं।
  • आप इस दिन भगवान विष्णु को समर्पित सत्यनारायण कथा का पाठ भी कर सकते हैं। इसके लिए घर के सभी लोग एक साथ मिलकर इस कथा का पाठ करें और कथा के समापन पर प्रसाद वितरित करें।
  • कार्तिक पूर्णिमा का दिन दान और दूसरों की सेवा करने के लिए भी एक आदर्श दिन माना जाता है। इस दिन अन्नदान या भोजन दान करना आपके लिए शुभ हो सकता है। आप इस दिन जरूरतमंदों को वस्त्र आदि का दान भी कर सकते हैं।

यदि आप कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां बताए नियमों के अनुसार पूजन करें तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी और मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Images: Freepik.com

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP