इशिता दत्ता की शादी के बाद पहली दुर्गा पूजा, सिंदूर खेला के लिए हैं एक्साइटेड

शादी के बाद इशिता दत्ता की ये पहली दुर्गा पूजा है। इशिता ने बताया कि कैसे वह गुजराती खाना बनाना सीख रही हैं और कैसे वत्सल को अब बंगाली स्वीट्स ज्यादा पसंद आने लगी हैं।

 
  • Shikha Sharma
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-10-18, 16:26 IST
ishita dutta durga pooja celebration main

अभिनेत्री इशिता दत्ता ने इसी साल फरवरी में अभिनेता वत्सल सेठ से शादी करके सभी को चौंका दिया था। बंगाली बाला इशिता दत्ता की शादी गुजराती मूल के वत्सल के साथ हुई है और अब दोनों बंगाली और गुजराती का बेजोड़ संगम बन गए हैं और यह कहना है खुद इशिता दत्ता का। इशिता ने हमसे बताया कि कैसे वो गुजराती खाना बनाना सीख रही हैं और कैसे वत्सल को अब बंगाली स्वीट्स ज्यादा पसंद आने लगी हैं। इशिता ने शादी एक बाद अपनी पहली दुर्गा पूजा के बारे में भी हमसे खुलकर बात की, आइये जानते हैं-

सिंदूर खेला के लिए बेहद एक्साइटेड हैं इशिता

ishita dutta durga pooja celebration inside

इशिता ने कहा शादी के बाद यह मेरी पहली दुर्गा पूजा है और मैं सिंदूर खेला की रस्म के लिए बेहद एक्साइटेड हूँ। यह एक ऐसी रस्म है जिसे मैंने बचपन से देखा है, पर इसमें शादीशुदा महिलाएं ही हिस्सा लेती हैं। इस बार मैं इसे अपनी माँ के साथ मनाऊंगी, जिसमें महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर से रंगती हैं और मुझसे ज्यादा मेरी माँ एक्साइटेड है। इससे भी ख़ास बात यह है कि मेरे ससुराल वाले भी सिंदूर खेला में हमारे साथ होंगे।

कोलकाता से इशिता के लिए आई है बंगाली साड़ी

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इशिता दत्ता ने बताया कि हम सभी ये पांच दिन नए कपड़े पहनते हैं और ट्रेडिशनल कपड़ों से मुझे बेहद लगाव है। इस बार मेरी मासी ने कोलकाता से मेरे लिए कुछ कपड़े और बंगाली साड़ी भेजी है जो मैं अष्टमी, नवमीं और दशमीं पर पहनने वाली हूँ। मैं हमेशा से कोलकाता में दुर्गा पूजा सेलिब्रेट करना चाहती हूँ मगर, हर साल ऐसा नहीं हो पाता। माँ दुर्गा हमेशा से मेरे साथ रही हैं, उन्होंने मुझे बिना मांगे बहुत कुछ दिया है और मुझे यकीन है कि आगे भी मुझ पर और मेरे परिवार पर उनकी कृपा बनी रहेगी। हम सभी इन दिनों के लिए बहुत उत्साहित हैं और सभी लोग पंडाल में पुजारियों द्वारा बनाए गए भोग खाएँगे जिसमें खिचड़ी, चटनी और खीर शामिल होती है, यह बहुत टेस्टी होता है।

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वत्सल को पसंद आईं ये ख़ास बंगाली मिठाई

इशिता कहती हैं कि शादी के बाद वत्सल जब भी मेरे पेरेंट्स के घर गए हैं तो उन्हें ढ़ेरों मिठाइयाँ मिली हैं और अब ये उन्हें बहुत पसंद आने लगी हैं। खीर कदम और मलाई चमचम, वत्सल और मुझे दोनों को ही बहुत पसंद है। हम दोनों डाइट पर हैं मगर दुर्गा पूजा के दौरान डाइट से छुट्टी ले रखी है। वहीं, अब मैं भी गुजराती खाना बनाना सीख रही हूँ। मैं अब तक ढोकला, उन्धियाँ और थेपला बना पा रही हूँ।

साफ है इस बार की दुर्गा पूजा इशिता के लिए बेहद खास है क्योंकि वह अपने पति और ससुराल वालों के साथ यह उत्सव मना रही हैं। बंगाली रीति रिवाजों के साथ गुजराती संस्कृति का मेल उन्हें बहुत कुछ नया सिखाएगा, जिसे वह जीवनभर सहेज कर रख सकती हैं।

Image Courtesy : Instagram (@ ishidutta)

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