वर्किंग महिलाओं के स्थितियां पुरुषों के मुकाबले और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होती है क्योंकि उन्हें घर के साथ-साथ ऑफिस में भी पूरी सजगता के साथ अपनी जिम्मेदारियां निभाने की जरूरत होती है। अगर इंदिरा नूयी की बात करें तो येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से पढ़ाई करने और देश की सबसे बड़ी फूड और बेव्रेज कंपनी पेप्सिको इंडिया की सीईओ रहने के बावजूद उनके लिए घर और ऑफिस की जिम्मेदारियां निभाना आसान नहीं था।
इंदिरा नूयी आज अपना 66वां जन्मदिन मना रही हैं। इस मौके पर हम बात करेंगे उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जिससे वर्किंग महिलाओं को सीख लेनी चाहिए। बता दें कि इंदिरा नूयी दो बेटियों की मां है और दोनों ही अब बड़ी हो चुकी हैं। जिन चुनौतियां का सामना इंदिरा नूयी ने किया, उनसे सबक लेते हुए उन्होंने महिलाओं को ऑफिस के साथ घर संभालने के लिए कुछ अचूक नुस्खे दिए हैं। अगर उनकी सलाह पर चला जाए तो वर्क लाइफ बैलेंस सही तरीके से मेंटेन किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इस विषय पर क्या हैं उनके विचार-
मां की बात में छिपी थी सीख
जब इंदिरा नूयी को पेप्सिको इंडिया के सीईओ का पद ऑफर हुआ, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने अपनी मां से कहा, मैं तुम्हें एक खुशखबरी देना चाहती हूं, इस पर मां ने कहा, वो बाद में बताना, पहले जाओ और घर के लिए दूध लेकर आओ। हालांकि इंदिरा नूयी को मां की यह बात थोड़ी अखरी जरूर, क्योंकि अगर वह पुरुष होतीं, तो शायद उनकी मां उनसे ऐसा नहीं कहतीं, लेकिन इंदिरा बताती हैं, कि उन्हें खुद को बेहतर बनाने में मदद मिली। बाद में मां ने उनसे यह भी कहा था, 'अगर तुम्हें ऐसा लगता है कि कंपनी की सीईओ बनने से घर में तुम्हारे सिर पर ताज होगा तो ऐसा नहीं है। घर पर बॉस बनने की कोशिश मत करना। जब घर पर आओ तो सीईओ का ताज ऑफिस में छोड़कर आना।'
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परिवार और बच्चे भी हैं अहम जिम्मेदारी
इंदिरा नूयी ने अपनी मां की बात का मर्म समझा। उन्हें यह समझ आया कि प्रोफेशनल कद बड़ा होने पर उसका अभिमान मन में नहीं आना चाहिए। अगर घर पर भी महिलाएं इस बात को लेकर घमंड करेंगी तो इससे उनका परिवार असहज हो सकता है। इसीलिए वह घर-परिवार में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का हर संभव प्रयास करती हैं। वह बताती हैं, 'मैं और मेरे पति, हम दोनों इस बात का ध्यान रखते हैं कि किसी पर जिम्मेदारियों का अतिरिक्त बोझ ना आ जाए। परिवार चलाने के लिए पति और पत्नी दोनों को ही जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं और त्याग करने पड़ते हैं।' अगर पति-पत्नी घर के कामों की जिम्मेदारियां बांट लें और बच्चे की देखभाल से जुड़े कामों को साथ-साथ देख लें तो वह दोनों के लिए अच्छा है।
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एडजस्टमेंट करना महत्वपूर्ण
घर-परिवार ठीक तरीके से चले, इसके लिए पति-पत्नी को आपस में एडजस्ट करना बहुत जरूरी है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'मेरी शादी एक बेहतरीन आदमी से हुई है, लेकिन हम दोनों की शादी-शुदा जिंदगी अच्छी तरीके से गुजरे, इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम दोनों एक दूसरे के सामने बराबर हों और बच्चों के लिए उनके पेरेंट्स।'
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