जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो वो उसके जीवन का सबसे खूबसूरत दौर होता है। वहीं, ऐसे में नए मेहमान के आने की खुशी में पूरा परिवार उसके स्वागत की तैयारी में जुट जाता है। वहीं, बच्चे के जन्म से पहले कुछ पारंपरिक रस्में भी निभाई जाती हैं, जिनमें से एक है गोद भराई। हम आज आपको बताने वाले है कि गोद भराई की रस्म क्यों और किस लिए मनाई जाती है। लेकिन इसके लिए हमें सबसे पहले ये जानना होगा कि आखिर गोद भराई है क्या।
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गोद भराई को इंग्लिश में 'बेबी शॉवर' कहते है। गोद भराई का मतलब होता 'गोद को प्रचुरता से भरना'। यह एक पारंपरिक भारतीय रस्म है, जिसमें आने वाले बच्चे और गर्भवती को ढेरों शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिए जाते हैं और होने वाले बच्चे और मां के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है। भारत के तकरीबन हर राज्य और क्षेत्र में इस रस्म को मनाया जाता है लेकिन सभी जगहों में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता हैं। बंगाल में इसे 'शाद', केरल में 'सीमंथाम' और तमिलनाडु में इसे 'वलकप्पू' कहा जाता है।गोद भराई से पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस से लें फैशन टिप्स।
गोद भराई की रस्म कब की जाती है:
कुछ जगहों में गोद भराई की रस्म गर्भावस्था के सातवें महीने में की जाती है। बंगाल में भी गोद भराई की रस्म सातवें महीने में की जाती है। हालांकि, गोद भराई के महीना इस बात पर भी निर्भर करता है कि गर्भवती महिला किस राज्य, क्षेत्र या समुदाय से है। हर समुदाय के लोग अलग-अलग महीने में इस रस्म को निभाते हैं। कुछ समुदाय में गर्भावस्था के आठवें महीने में इस रस्म का मनाया जाता है। वहीं, कुछ स्थानों में गोद भराई की रस्म होती ही नहीं है, जैसे की बिहार में इसका चलन नहीं है। वहां इसकी जगह शिशु के जन्म के बाद ही पूजा या कोई और रस्म निभाई जाती है। सातवें महीने में इसका आयोजन करने के पीछे वैसे यह मान्यता है कि इस माह में मां और गर्भ में पल रहा बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित होता है।प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने आसपास रखनी चाहिए ये 5 चीजें।
गोद भराई की रस्म कैसे की जाती है:
हर क्षेत्र में गोद भराई करने का तरीका अलग-अलग होता है। लेकिन उद्देश्य होने वाले बच्चे और मां को शुभकामनाएं और आशीर्वाद देना होता है। इस दौरान गर्भवती को गिफ्ट भी देने का चलन है। हालांकि, यह गिफ्ट केवल गर्भवती के लिए ही होते हैं। होने वाले बच्चे के लिए गिफ्ट उसके जन्म के बाद ही दिए जाते हैं। इस अवसर पर कुछ परिवारों में घर की बुज़ुर्ग महिलाएं खास तेल से गर्भवती का अभिषेक करती हैं और उसकी झोली में फल और मिठाईयां डालती है। इस दिन गर्भवती महिला को अच्छे से सजाया-सवारा जाता है। गोद भराई के समारोह में पूजा भी की जाती है। इस समारोह में सिर्फ महिलाएं ही शामिल होती हैं। नाच-गाना, हंसी मजाक अन्य रीति-रिवाज गोद भराई समारोह का हिस्सा होती है।
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अपनी गोद भराई के लिए कैसे मेकअप करें:
गोद भराई के लिए तैयार होते समय सबसे इस बात का ध्यान रखें कि आप ऐसा कुछ भी न पहनें, जो आपको असहज महसूस कराएं। ज्यादा भारी साड़ी या लहंगा न पहनें। साथ ही, अगर आप इंडियन ड्रेस पहन रही हैं तो आप हल्के मेकअप के साथ बालों में गजरा लगा सकती हैं। वहीं, आजकल गर्भवती महिलाओं के लिए लॉन्ग पार्टी गाउन बहुत फैशन में है।प्रेग्नेंसी में करेंगी 5 योग तो डिलीवरी में लेबर पेन हो जाएगा कम।
Photo courtesy- instagram.com(@surveenchawla, reddysameera)
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