इन 4 चीजों से गुड़हल के पौधे में खिलेंगे फूल ही फूल, माली की बताई ये ट्रिक्स आएंगी काम

गुड़हल का पौधा अपने खूबसूरत और चटख रंगों के फूलों के लिए जाना जाता है। यह न सिर्फ बगीचे की शोभा बढ़ाता है, बल्कि धार्मिक और औषधीय दृष्टि से भी बेहद खास होता है। लेकिन कई बार सही देखभाल न होने की वजह से पौधे में पत्तियां तो खूब आती हैं, मगर फूल नहीं खिलते।
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घर में खिले हुए रंग-बिरंगे फूल न सिर्फ सुंदरता में चार चांद लगाते हैं, बल्कि माहौल को भी खुशनुमा बना देते हैं। हर फूल की अपनी एक खासियत होती है, लेकिन जब बात वाइब्रेंट और एनर्जी से भरपूर माहौल की हो, तो गुड़हल का चटख लाल रंग सबसे अलग नजर आता है।

यह न सिर्फ देखने में खूबसूरत होता है, बल्कि वास्तु और धार्मिक दृष्टि से भी शुभ माना जाता है। लेकिन कई बार सही देखभाल न मिलने से गुड़हल के पौधे में फूल कम दिखते हैं या बिल्कुल भी नहीं खिलते। अगर आप चाहते हैं कि आपका गुड़हल हर मौसम में खिलखिलाता रहे, तो सेक्टर 26 में नर्सरी में काम करने वाले और फूलों का गहन ज्ञान रखने वाले अशोक प्रजापति से बढ़िया टिप्स जान सकते हैं।

1. सरसों खली

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गुड़हल के पौधे को अधिक फूलों से भरने के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करना सबसे बेहतर तरीका है। सरसों खली (Mustard Cake Fertilizer) गुड़हल के लिए एक शानदार टॉनिक साबित हो सकती है। यह पौधे को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसी जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती है, जिससे फूलों की संख्या बढ़ती है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • 100 ग्राम सरसों खली को 1 लीटर पानी में भिगोकर 24 घंटे तक छोड़ दें।
  • इस घोल को हर 15 दिन में एक बार पौधे की जड़ों में डालें।
  • इससे पौधा स्वस्थ रहेगा और ज्यादा फूल देगा।

2. केले के छिलके

केले के छिलकों में भरपूर मात्रा में पोटैशियम और फॉस्फोरस होता है, जो पौधे को फूलने-फलने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक उर्वरक है, जिससे गुड़हल का पौधा तेजी से बढ़ता है और उसकी जड़ों को मजबूती मिलती है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • केले के छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और मिट्टी में मिला दें।
  • चाहें तो छिलकों को पानी में भिगोकर 24 घंटे बाद उस पानी से पौधे की सिंचाई करें।
  • यह तरीका फूलों की संख्या को बढ़ाने में मदद करेगा।

3. चायपत्ती और गुड़ का घोल

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अगर आप चाहते हैं कि आपके गुड़हल के पौधे में हर मौसम में फूल आते रहें, तो चायपत्ती और गुड़ का घोल इसका बेहतरीन समाधान है। चायपत्ती मिट्टी में आयरन की मात्रा को बढ़ाती है, जिससे पौधे की पत्तियां हरी-भरी रहती हैं और उसकी जड़ें मजबूत बनती हैं। वहीं, गुड़ मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है, जिससे फूलों की वृद्धि होती है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • इस्तेमाल की गई चायपत्ती को धोकर सुखा लें और इसे मिट्टी में मिला दें।
  • 1 चम्मच गुड़ को 1 लीटर पानी में घोलें और हर 15 दिन में एक बार पौधे की जड़ों में डालें।
  • यह मिश्रण मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारकर पौधे को ज्यादा फूलने में मदद करेगा।

4. ऐस्पिरिन घोल

शायद यह सुनने में अजीब लगे, लेकिन ऐस्पिरिन का हल्का घोल पौधों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उसमें ज्यादा फूल खिलाने में मदद करता है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • 1 गोली ऐस्पिरिन को 2 लीटर पानी में घोलें।
  • इस घोल को महीने में एक बार पौधे की जड़ों में डालें या स्प्रे करें।
  • यह पौधे के विकास को तेज करता है और फूलों की संख्या में इजाफा करता है।

गुड़हल के पौधे की देखभाल में होने वाली गलतियां और उनसे बचाव

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  • अधिक पानी देने से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं। सुनिश्चित करें कि मिट्टी में जल निकासी सही हो।
  • बहुत ज्यादा नाइट्रोजन देने से पौधा सिर्फ पत्तियां बढ़ाएगा, फूल नहीं देगा। जैविक खाद का संतुलित इस्तेमाल करें।
  • गुड़हल के पौधे को कम से कम 6-8 घंटे की धूप जरूर मिले। छायादार जगहों पर रखने से फूलों की संख्या कम हो जाती है।
  • पत्तों पर कीड़े या फंगस दिखे, तो नीम का तेल मिलाकर स्प्रे करें। हर 15 दिन में पौधे का निरीक्षण करें।

इन आसान ट्रिक्स को अपनाकर आपका गुड़हल हर मौसम में खिलखिलाता रहेगा। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहेंगे हरजिंदगी के साथ।

Image Credit: Freepik

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