जब सुबह-सुबह भिंडी की भुजिया या फिर सरसों मसाला से तैयार भिंडी की सब्जी पराठे के साथ खाने के लिए मिल जाए तो फिर उसका कोई जवाब ही नहीं। लगभग हर कोई भिंडी की भुजिया, सरसों मसाला या फिर भिंडी से तैयार अचार खाना ज़रूर पसंद करता है। लेकिन, ये सब्जियां और अचार तभी टेस्टी और सेहत के लिए फायदेमंद होती है, जब भिंडी केमिकल फ्री हो। आजकल बाज़ार में तरह-तरह की भिंडी आती है। उसमें से अधिकतर भिंडी केमिकल रहित होती है, जो आपको धीरे-धीरे बीमार करती है और आपको मालूम भी नहीं चलता है। इसलिए हर शुक्रवार की तरह आज आपको केमिकल फ्री भिंडी उगाने के बारे में बताने जा रहे हैं। घर पर आप गमले में आसानी से केमिकल फ्री भिंडी उगा सकती हैं। इसके लिए आपको कुछ सामानों की ज़रूरत होगी। तो बिना देर किये हुए चलिए जानते हैं कि गमले में घर पर कैसे भिंडी का पौधा उगा सकती हैं।
सामग्री की ज़रूरत
- बीज
- खाद
- गमला
- मिट्टी
- पानी
बीज कैसा होना चाहिए?
किसी भी फसल का सही होना निर्भर करता है उसके बीज पर। अगर बीज सही नहीं हो तो आप लाख कोशिश कर लीजिये कोई भी फसल अच्छे से नहीं होगी। इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि किसी भी फसल को लगाने के लिए सही बीज का चुनाव करें। जब बीज सही होगा तो फसल के साथ पैदावार भी सही होगी। भिंडी के बीज को खरदीने के लिए आप किसी भी दुकान से न ख़रीदे। बल्कि, भिंडी का बीज खरीदने के लिए आप किसी बीज भंडार का ही रुख करें। बीज भंडार में आपको अच्छे किस्म के बीज आसानी से मिल जायेंगे।
मिट्टी करें तैयार
बीज का चुनाव करने के बाद बारी है मिट्टी को तैयार करने की। गमले में मिट्टी को डालने के बाद आप मिट्टी को एक से दो बार अच्छे से खुरेंच दीजिये। मिट्टी खुरेंचने का मलतब यह कि मिट्टी जितना नरम होगा पैदावार भी उतनी ही सही होगी। मिट्टी को खुरेंचने के बाद आप उसे कुछ देर के लिए धूप में ज़रूर रखें। धूप में रखने से मिट्टी के अंदर मौजूद नमी खत्म हो जाएगी। अगर मिट्टी में नमी रहता है तो बीज मरने या सड़ने का भी डर रहता है।(घर पर उगा सकती हैं बैंगन)
जैविक खाद का करें इस्तेमाल
लेख में स्टार्ट में भी इसका जिक्र किया था कि जब भी आप बाज़ार में भिंडी खरीदते हैं, तो केमिकल रहित होता है। क्यूंकि, खाद के रूप में कई लोग रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, गमले में जब आप भिंडी का पौधा लगा रहे हैं, तो आप प्रकृतिक खाद का ही इस्तेमाल करें। जैसे-गया, भैंस आदि का गोबर या फिर जैविक खाद और कम्पोस्ट खाद ही डालें। मिट्टी खुरेंचने के समय और बीज के ऊपर से खाद को ज़रूर डालें। हां, गमले में बीज को लगभग 2 से 3 इंच गहरा ज़रूर लगाए। इससे पौधे की जड़ मजबूत होती है और फसल भी सही होती है।(आसानी से आप भी उगा सकती हैं शिमला मिर्च)
मौसम का ध्यान और सिंचाई
गमले में बीज लगाने के बाद आप उसे तेज धूप में कुछ दिन के लिए न ही रखें तो बेहतर होगा। क्यूंकि, तेज धूप के चलते कभी-कभी बीज मर जाते हैं। ऐसे में बीच अंकुरित होने तक छाया में ज़रूर रखें। जैसे ही बीज अंकुरित होने लगे आप धूप में रख सकते हैं। मौसम का ध्यान रखने के साथ-साथ पौधे की सिंचाई पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। पौधा लगाने के बाद एक से दो मग पानी ज़रूर डालें। उसके बाद जैसे ही बीज अंकुरित हो मिट्टी को खुरेंचकर एक से दो मग पानी ज़रूर डालें। ऐसे आप नियमित समय पर पानी डालते रहें।
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खर-पतवार और दवा का छिड़काव
समय के साथ गमले में बीज के अलावा कभी-कभी अतिरिक्त खर-पतवार भी जमने लगते हैं। ऐसे में ये खर-पतवार पौधे को हानि पहुंचाते हैं। इसके लिए आप नियमित समय पर पौधे में उगने वाले अतिरिक्त खर-पतवार की सफाई करते हैं। खर-पतवार निकालने के साथ-साथ आप नियमित समय पर जैविक खाद का भी छिड़काव करते हैं। आजकल केमिकल मुक्त कई दवा आसानी से बाज़ार में मिल जाते हैं। सप्ताह में एक से दो बार पौधे पर दवा का छिड़काव ज़रूर करें।
लगभग एक से दो महीने में पौधे में भिंडी होने लगती हैं। आप चाहे तो भुजिया के लिए तोड़ सकते हैं या फिर सरसों मसाला बनाने के लिए आप कुछ दिन और छोड़ सकते हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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