मोगरे का पौधा बहुत से लोग पसंद करते हैं और भारतीय घरों में तो इसे अधिकतर लगाया जाता है। मोगरा उन पौधों में से एक है जिन्हें ना सिर्फ जमीन पर उगाया जा सकता है, बल्कि इसे गहरे गमले में भी लगाया जा सकता है। इससे बहुत ही अच्छी तरह की फ्लावरिंग होती है। अगर आपका पौधा पुराना है और फिर भी फ्लावरिंग नहीं कर रहा है, तो हो सकता है कि उसमें कोई बीमारी लग गई हो या फिर उसे रीपॉटिंग की जरूरत हो। ऐसे मामले में क्या करना है यह हम आपको बताते हैं।
हमने नोएडा सेक्टर 27 स्थित नर्सरी के माली कमलेश कुशवाहा से बात की। उन्होंने हमें नर्सरी वालों के कुछ सीक्रेट्स बताए जो अधिकतर लोग नहीं जानते।
बिना प्रूनिंग यानी कटिंग के मोगरा सिर्फ दो-चार फूल ही देगा। प्रूनिंग हमेशा मार्च से पहले से ही करनी चाहिए, लेकिन अगर अभी तक भी आपने नहीं की है, तो एक बार फ्लावरिंग करने के बाद आप ऊपर की टहनियों को काट दें। हमेशा नोड्स (जहां तीन से अधिक पत्ते एक साथ निकलें) के ठीक ऊपर से काटना चाहिए। ऐसे में पत्तों के साइड से नई-नई ब्रांच निकलती है जिससे फूलों की पैदावार ज्यादा हो। अगर आपका पौधा बिल्कुल फ्लावरिंग नहीं दे रहा है, तो हार्ड प्रूनिंग करें। उसकी मेन ब्रांच छोड़कर आस-पास की सभी हार्ड ब्रांच में छंटाई कर दें।
ऐसा करने से पौधा लंबा होने की जगह हरा-भरा होने पर फोकस करेगा।
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पौधे की पत्तियों में अगर सफेद चकत्ते पड़ रहे हैं, तो इसका मतलब इसमें स्पाइडर माइट्स जैसे किसी कीड़े का अटैक हो गया है। यह मोगरे के पौधे की ग्रोथ नहीं होने देता और धीरे-धीरे करके पौधे की पत्तियां पीली और सफेद पड़ने लगती हैं। ऐसे में आप कितनी भी खाद इस्तेमाल कर लें, पौधा फूल नहीं देगा। आपको इसके लिए पहले फंगीसाइड और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल करना होगा। अगर कीड़े ज्यादा नहीं हैं, तो आप नीम ऑयल का प्रयोग भी कर सकती हैं।
जब भी पेस्टिसाइड या फंगीसाइड पौधे में डालें तो उसे हमेशा डाइल्यूट कर लें। सीधे दवा अगर पौधे में डाली जाए, तो यह पौधे को मार भी सकती है।
जिस तरह की दवा ले रही हैं, उसके इंस्ट्रक्शन जरूर देख लें। कई दवा सिर्फ एक या दो चम्मच ही काफी होती है पूरे गार्डन को कीड़ों से मुक्त करने के लिए।
अगर आप बाजार से दवा नहीं खरीदना चाहती हैं, तो आप घर पर सैनिटाइजर की मदद से दवा बना सकती हैं। आप सैनिटाइजर में 40% पानी मिलाएं और उसका स्प्रे पौधों में 5 दिन के अंतराल पर तीन से चार बार करें।
चाहे कोई भी मौसम हो आपको मोगरे के पौधे में दो महीने में एक बार खाद जरूर दें। सर्दियों और बरसात में डोरमेंसी पीरियड के दौरान खाद देने से पहले जड़ों को थोड़ा सा खोदकर 2-3 दिन धूप में रख दें। आपको उतना खोदना है जिससे छोटी-छोटी जड़ें दिखने लगें। ऐसा करने से जड़ों में लगने वाली फंगस खत्म होती है।
व्हाइट फूल जितने भी हैं उसमें फास्फोरस, जिंक और कैल्शियम से भरपूर खाद देने की जरूरत है। मार्केट में सिर्फ मोगरे के लिए अलग से खाद भी मिलती है, लेकिन आप चाहें तो अलग-अलग खाद का मिक्स बनाकर डाल सकती हैं जैसे- कैल्शियम पाउडर, आयरन पाउडर, लीफ कम्पोस्ट, नीम खली और गोबर की खाद मिलाकर इसमें डालें। हमेशा खाद डालने से पहले मिट्टी को खोद लें और उसके अंदर खाद डालें।
खाद डालने के बाद थोड़ा पानी डालकर पौधे को छोड़ दें।
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मोगरे के फूल कई बार गुच्छों में आते हैं और ऐसे में आपको ध्यान रखना है कि एक फूल तोड़ते समय बड्स भी टूट जाते हैं। ऐसे में पौधे का नोड डैमेज हो सकता है जिससे आगे उस नोड पर फ्लावरिंग रुक सकती है।
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