इन तरीकों से करें अपने बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग डेवलप

अगर आप अपने बच्चों को भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार करना चाहती हैं तो क्रिटिकल थिंकिंग के डेवलपमेंट के लिए इन टिप्स की मदद ले सकती हैं।

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क्रिटिकल थिंकिंग को आज के समय में बहुत इम्पोर्टेन्ट माना जाता है। यह बच्चों के भविष्य निर्माण में बहुत अहम रोल निभाती है। इसके महत्व को जानने से पहले क्रिटिकल थिंकिंग है क्या! ये जानना बहुत जरूरी है। तो हम आपको बता दें कि किसी कही गयी बात को आंख मूंद कर मानने की बजाय उस बात को समझना उसके बारे में जानकारी जुटाना, एनलाइज करना और उसके बाद सच्चाई की परख कर निर्णय लेना ही क्रिटिकल थिंकिंग है। जिसको एजुकेशन और लाइफ स्किल का आधार माना जाता है। आजकल के स्टडी पैटर्न और जॉब प्रोफाइल के अनुसार बच्चों में इसका विकास होना जरूरी हो गया है। हालांकि इसकी जरूरत बच्चों को युवावस्था में पड़ती है। लेकिन इसकी नींव बचपन में ही ड़ाल दी जाए तो बच्चे जल्द ही अपने निर्णय खुद लेने में सक्षम हो जाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही टिप्स बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग का विकास कर सकें।

खेलने के लिए प्रोत्साहित करें

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हम जानते हैं कि बच्चों के लिए खेल कितने आवश्यक हैं। साथ ही गेम खेलने से बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग भी डेवलप होती है। अगर आपका बच्चा ब्लॉक से खेल रहा है या कोई पज़ल बना रहा है तो वह खुद से सीख रहा है कि चीज़ें किस तरह काम करती हैं। गेम खेलने से उसमें प्रॉब्लम सॉल्विंग की आदत का विकास होता है।

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प्रश्न पूछें

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बच्चों से प्रश्न पूछ कर उनकी सोचने की क्षमता को बढ़ाएं। ध्यान रखें कि आप ओपन एंडेड क्वेश्चन ही पूछें। इस तरह कुछ भी जवाब देने से पहले बच्चा उसके बारे में सोचेगा, वो एनलाइज करेगा उसके बाद ही आपको आंसर करेगा। इस तरह क्रिटिकल थिंकिंग उसकी आदत बन जायेगी।अपने बच्चों को इंडिपेंडेंट बनाने के लिए अपनाएं ये टिप्स


आंसर का वेट करें

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क्वेश्चन पूछे जाने के बाद बच्चे को आंसर करने के लिए पूरा समय दें। जल्दबाजी न करें क्योंकि ऐसा करने से उसको प्रॉपर सोचने का समय नहीं मिलेगा। इसलिए अपनी उम्र अनुसार उसको आंसर के बारे में सोचने दें। ताकि वह सोच विचार कर लॉजिकली आंसर करना सीखे।अपने बच्चों को इस तरह दें Covid-19 की सही जानकारी

बच्चे के विचार पूछें

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बच्चे के सामने कोई भी प्रॉब्लम रखें और उसको सॉल्व करने को कहें। अगर बच्चा आपके अनुसार हल न निकल पाएं तो उससे कोई और तरीका ढूढ़ने को कहें। बच्चे से पूछें कि क्या इसका कोई और सॉल्यूशन हो सकता है? हो सकता है कि बच्चा सोचकर कुछ ऐसा जवाब दे जिससे आप भी चौक जाएं। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप हर एक चीज़ के बारे में उसके अनेक विचारों के बारे में जाने।

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अपने विचार सांझा करें

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जब आप बच्चे को क्रिटिकल थिंकिंग सिखाने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं तो एक पेरेंट होने के नाते आप उसको बताएं कि किस तरह प्रॉब्लम या क्वेश्चन को समझ परख कर उसका जवाब दिया जा सकता है। बच्चे के साथ शेयर किये गए आपके थॉट्स अगली बार उसको प्रॉब्लम सॉल्विंग में हेल्प करेंगे। जिनका यूज कर वो अपनी लाइफ प्रॉब्लम को सॉल्व करना भी सीख जाएगा।

इस तरह आप खुद इन्वॉल्व होकर अपने बच्चे में क्रिटिकल थिंकिंग जैसी महत्वपूर्ण गुण को विकसित कर सकती हैं।

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