महाकुंभ स्नान के लिए इन दिनों लाखों की संख्या में लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इस बीच, कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो वहां जाना तो चाहते तो हैं, लेकिन घबराहट की वजह से नहीं जा पा रहे। ये ऐसे लोग हैं, जिन्हें भीड़ देखकर घबराहट होती है। अगर आप भी उनमे से हैं, जिन्हें भीड़ देखकर एंजाइटी होती है यानी क्राउड एंजाइटी का शिकार हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इस स्थिति से निपट सकते हैं। नई दिल्ली के आर्टेमिस लाइट एनएफसी, वरिष्ठ सलाहकार एवं प्रमुख मनोचिकित्सा डॉ. राहुल चंडोक से इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
हालात को समझने की कोशिश करें
भीड़ देखकर घबराहट होना सामान्य बात है। ऐसा बहुत लोगों के साथ होता है। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप स्थिति को शांत मन से समझने की कोशिश करें। अगर ऐसी जगह पर जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें, जो वहां होकर आया है। उससे पूरी स्थिति को समझें और अपने मन की चिंता साझा करें। बात करने से आपको सही तस्वीर का अंदाजा होता है और घबराहट कम करने में मदद मिलती है।
लंबी सांस लेने का अभ्यास करें
जब भी आपको लगे कि आप एंजाइटी अटैक का शिकार हो रहे हैं, तो सबसे पहले रुककर गहरी सांस लेने का अभ्यास करें। घबराहट के कारण कई बार सांस उखड़ती सी अनुभव होती है और शरीर में ऑक्सीजन कम पहुंचता है। ऐसे में गहरी सांस लेने से ऑक्सीजन का स्तर सामान्य होता है और मन शांत हो जाता है। लंबी सांस लेने का अभ्यास करने और प्राणायाम व ध्यान करने से ऐसी परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलती है।
विचारों पर लगाम लगाएं
एंजाइटी अटैक की स्थिति में अक्सर मन में बुरे विचार आने लगते हैं। व्यक्ति अकारण ही अनहोनी की आशंका करने लगता है। यही आशंका स्थिति को गंभीर बनाती है। इसलिए जब भी लगे कि कुछ ऐसा हो रहा है, तो तुरंत मन को शांत करें और आसपास के हालात पर ध्यान लगाएं। आसपास जो भी आकर्षक लगे, उसे देखने लगें और मन को समझाएं कि सब कुछ सही है।
अकेले जाने से बचें
अगर आपको अक्सर ऐसे एंजाइटी अटैक आते हैं, तो भीड़ वाली जगहों पर अकेले जाने से बचें। हमेशा किसी भरोसेमंद दोस्त के साथ जाएं। दोस्त को अपनी स्थिति के बारे में पहले से ही खुलकर बताएं, जिससे किसी मुश्किल परिस्थिति में उसे आपको समझने और संभालने में परेशानी न हो। इस बारे में अपने अंदर के भय को छुपाकर रखना कई बार भारी पड़ जाता है।
इसे भी पढ़ें-
डॉक्टर की सलाह भी जरूरी
एंजाइटी होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है और न ही यह बुरी बात है। इसलिए अगर बार-बार ऐसा हो और आपको लगे कि स्थिति गंभीर है, तो डॉक्टर से मिलने में न झिझकें। अच्छे मनोचिकित्सक की सलाह से आप आसानी से स्थिति का सामना कर पाएंगे और धीरे-धीरे इस परेशानी से निजात भी पा सकेंगे।
इसे भी पढ़ें-
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ
Image credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों