कहते हैं कि इंसान के लिए सबसे जरूरी है कि वह पहले खुद का सबसे अच्छा दोस्त बने। जब आप खुद के साथ अच्छी बातें करना शुरू करते हों तो आपके मन को भी अच्छा लगता है और जीवन में भी सब कुछ पॉजिटिव ही होता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जीवन में बुरी परिस्थितियां आती हैं या फिर हम खुद पर ही संशय करने लग जाते हैं। इस सिचुएशन में अधिकतर लोग नेगेटिव सेल्फ टॉक करना शुरू कर देते हैं। वे खुद को सिर्फ अपनी कमियों व कमजोरियों के बारे में ही बताते हैं, जिससे उनका मनोबल और भी ज्यादा टूटने लगता है।
जब हम नेगेटिव सेल्फ टॉक करते हैं तो इससे आत्मविश्वास तो कमजोर होता ही है, साथ ही साथ व्यक्ति बहुत अधिक स्ट्रेस में भी आ जाता है। जिसका असर उसके पूरे जीवन पर पड़ता है। यहां तक कि इससे उसका करियर भी इफेक्ट होता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि नेगेटिव सेल्फ टॉक किस तरह आपका करियर बर्बाद कर सकती है-
काम में उत्साह नहीं
अगर आप लगातार नेगेटिव सेल्फ टॉक करते हैं तो ऐसे में आपका अपने काम के प्रति उत्साह कम हो जाता है। आपको ऐसा लगता है कि आप किसी भी काम के लायक नहीं हैं और आप जो भी करेंगे, उसमें कोई ना कोई गड़बड़ ही होगी। ऐसे में आपका अपने काम के प्रति प्यार, जुनून व उत्साह कम होने लगता है।
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चैलेंजेस से दूर भागना
अगर आपको अपने करियर में आगे बढ़ना है, तो यह बेहद जरूरी है कि आप नए चैलेंजेस का सामना करें। हालांकि, केवल आत्मविश्वासी लोग ही अपने जीवन में चैलेंजेस लेने के लिए तैयार रहते हैं। अगर आप अक्सर नेगेटिव सेल्फ टॉक करते हैं तो आपके भीतर वह आत्मविश्वास नहीं होगा। जिसके कारण आप उन चैलेंजेस का सामना नहीं करना चाहेंगे और आपकी ग्रोथ रूक जाएगी।
आत्मविश्वास की कमी
जो लोग नेगेटिव सेल्फ टॉक करते हैं, उनका आत्मविश्वास काफी कमजोर होता है। इसी आत्मविश्वास की कमी के चलते वे ऑफिस में सबके सामने अपनी बात नहीं रख पाते हैं। अगर ऑफिस में उनका शोषण भी होता है, तब भी वे कुछ नहीं कहते हैं और चुपचाप सब झेलते रहते हैं। जिससे उनकी करियर ग्रोथ नहीं होती है, बस वे हर गुजरते दिन के साथ और भी ज्यादा नेगेटिव होते चले जाते हैं।
खुलकर अपनी बात ना कहना
हर किसी को जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपनी जंग खुद ही लड़नी पड़ती है। इसके लिए बहुत अधिक हिम्मत की जरूरत होती है। लेकिन जो लोग नेगेटिव सेल्फ टॉक करते हैं, उनमें यह हिम्मत नहीं होती है। ऐसे में वे कभी भी खुलकर अपनी बात नहीं रख पाते हैं। यहां तक कि कई बार उनके द्वारा किए गए काम का क्रेडिट कोई और ले जाता है, लेकिन वे फिर भी कुछ नहीं कहते हैं। जिससे भी उनका करियर धीरे-धीरे बर्बाद होने लगता है।
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डिसिजन ना ले पाना
अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए समय-समय पर हमें कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं। कभी ऐसा मौका भी आता है कि जब हमें रिस्क लेना होता है, ताकि हम कुछ बहुत बड़ा कर सकें। लेकिन जो लोग नेगेटिव सेल्फ टॉक करते हैं, उन्हें अक्सर खुद पर संदेह होता है। जिसके कारण वे किसी भी तरह के निर्णय को नहीं ले पाते हैं। सही समय पर डिसिजन ना ले पाने के कारण अक्सर हम किसी बड़े अवसर से चूक जाते हैं, जो बाद में हमारे ही करियर पर काफी भारी पड़ता है (सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाने के तरीके)।
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Image Credit- freepik
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