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The Origins of The Word Kurla

'केकड़े' की वजह से मुंबई के इस जगह का पड़ा नाम, जानें पूरी कहानी

मुंबई का उपनगर कुर्ला के बारें में तो आप जानते ही होगे। आज हम आपको इस जगह के नाम के पीछे के बारे में कुछ विशेष बातें बताने वाले है।
Editorial
Updated:- 2023-03-16, 11:37 IST

भारत के कई शहर ऐसे है जिनके नाम के पीछे कुछ ना कुछ रहस्य जरूर है। आज हम आपको भारत मे स्थित मुंबई का उपनगर कुर्ला के नाम के पीछे का कारण बताने वाले है। सपनों की नगरी मुंबई का यह इलाका काफी ज्यादा मशहूर है। वही कई लोग ऐसे है जो कुर्ला का मतलब नही जानते है। आइए जाने इसके बारे में विस्तार से।

जब मुंबई बॉम्बे हुआ करता था तब इस इलाके में काफी पानी जमा हो जाया करता था। ऐसे में यह पूरा क्षेत्र दलदल में तब्दील हो जाता था। इस इलाके में काफी ज्यादा मात्रा में केकड़े पैदा हो जाते थे। मराठी में 'केकड़े' को कुर्ला कहा जाता है। ऐसे में इस पूरे इलाके का नाम ही कुर्ला पड़ गया था। समय के साथ ही इस पूरे इलाके को लोग 'कुर्ली' के नाम से जानने लगे थे।

पुर्तगालियों का था कब्जा

how kurla got its name from a crab fish

बता दें कि मुंबई का उपनगर कुर्ला बेहद बड़ा और खूबसूरत जगह है। 1534 में इस इलाके पर पुर्तगालियों ने कब्जा कर लिया था(पुर्तगालियों को हराने वाली साहसी रानी)। समझौते के दौरान इस 1782 की सालबाई की संधि कहा जाता है। इसके बाद कुर्ला को ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंप दिया गया था। बता दे कि कुर्ला इलाके में मुंबई का प्रसिद्ध होली क्रॉस चर्च है, जिसे पुर्तगाली शासन के दौरान बनाया गया था।

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भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन

यहां की खास बात यह है कि 1890 तक ब्रिटिश राज के दौरान बॉम्बे और ठाणे के बीच ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे का कुर्ला एक प्रमुख स्टेशन था। यही लाइन 1853 में ब्रिटिश भारत में पहली रेलवे लाइन थी। इस इतिहास को बरकरार रखते हुए कुर्ला में भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है।

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दुनिया में मशहूर मिले है यहां

उद्योगों से पहले इस इलाके में काफी अधिक पत्थर हुआ करते थे। इन पत्थरों का इस्तेमाल कर यहां कई बड़े और प्रसिद्ध विरासत इमारतों को बनाया गया है। कुर्ला इलाके में दो बड़ी कपास मिलें थीं। इन मिलों में हजारों लोग काम किया करते थे। कुर्ला की लगभग आधी आबादी इन्हीं मिलों पर निर्भर थी जबकि बाकी लोग मछली पकड़ने और नमक बनाने का काम करते थे।

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image credit: Freepik

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