बाबर से लेकर जहांगीर तक मुगल शासक कैसे मनाते थे होली का त्योहार? जानिए रोचक इतिहास

मुगल काल में भी होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता था। कुछ मुगल शासकों ने इस त्योहार की परंपरा को जारी रखा था लेकिन औरंगजेब जैसे क्रूर शासक ने रंगों के इस त्योहार पर प्रतिबंध लगा दिया था। 
holi in the mughal era how babur to jahangir celebrated the festival of colors

होली का त्योहार हमेशा से भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है। इसे हिंदू परंपरा से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन मुगल शासनकाल में रंगों के त्योहार को मुगल शासकों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता रहा। बाबर से लेकर बहादुर शाह जफर तक कई मुगल सम्राटों ने रंगों के त्योहार होली को दरबार में मनाने की परंपरा शुरू की थी। होली का जश्न मुगल शासक भव्य तरीके से मनाते थे, जहां, रंग, संगीत और उत्सव का माहौल होता था। इतना ही नहीं, सूफी कवियों ने भी होली के त्योहार को ईद-ए-गुलाबी नाम दिया था और सूफी मठों में इस त्योहार को सलीके से मनाया जाता था।

मुगल सल्तनत के आखिरी सम्राट इब्राहिम आदिल शाह और वाजिद अली शाह ने होली पर मिठाइयां और ठंडाई बांटने का प्रचलन शुर किया था। आइए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि बाबर, हुमायूं से लेकर बहादुर शाह जफर तक होली कैसे मनाते थे।

बाबर (1526-1530)

मुगल साम्राज्य का संस्थापक बाबर 16वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत आया था। पहली बार भारत में होली का त्योहार देखकर वह चौंक गया था। 19वीं सदी के इतिहासकार मुंसी जकाउल्ला ने अपनी किताब तारीख-ए-हिंदुस्तान में लिखा है कि बाबर ने पहली बार हिंदुस्तानियों को होली खेलते हुए देखा, जहां लोग एक-दूसरे को उठाकर रंगों से भरे हौद में फेंक रहे थे। यह नजारा उसे इतना पसंद आया कि उसने मजे के लिए उसी तरह अपने हौद को शराब से भरवा दिया था।

हुमायूं (1530-1540, 1555-1556)

अपने पिता के विपरीत मुगल सम्राट हुमायूं ने हिंदू परंपराओं और त्योहारों का सम्मान किया। होली के त्योहार पर मुगल दरबार में रंग, संगीत और उल्लास का माहौल होता था।

अकबर(1556–1605)

mughal history and holi festival

अकबर के नवरत्नों में से एक अबुल फजल ने अपनी किताब आइन-ए-अकबरी में होली का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि अकबर को होली का त्योहार बेहद पसंद था। उनके फेतहपुर सीकरी स्थित दरबार में हिंदू-मुसलमान मिलकर रंगों का त्योहार मनाते थे। अकबर जोधाबाई के साथ होली खेलते थे। होली के अवसर पर, फूलों की वर्षा होती थी, रंगीन पानी से भरी पिचकारियां चलाई जाती थीं और गुझिया-ठंडाई जैसी मिठाइयां बांटी जाती थीं। अकबर के शासनकाल के दौरान होली से जुड़ी तस्वीरें समाने आती हैं।

जहांगीर (1605-1627)

मुगल बादशाह जहांगीर ने अपनी आत्मकथा तुजुक-ए-जहांगीरी में लिखा है कि होली एक ऐसा दिन है जिसे साल के आखिरी दिन मनाया जाता है। होली से एक दिन पहले अलाव जलाया जाता है। अगले दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, जो देखने में बहुत मजेदार होता है। बता दें कि जहांगीर को आम लोगों के साथ होली खेलने से परहेज था, लेकिन वह अपनी प्रजा के लिए इस त्योहार पर विशेष आयोजन करवाता था। वह महल के झरोखे से रंग में सराबोर लोगों को देखना पसंद करता था।

शाहजहां (1628-1658)

ताजमहल का निर्माण कराने वाले मुगल सम्राट शाहजहां ने होली की परंपरा को जारी रखा। इस दिन महलों को फूलों से सजाया जाता था, सुंगधित रंगों का इस्तेमाल किया जाता था और संगीत सभाएं आयोजित की जाती थीं। रानियां और हरम की महिलाएं महल के अंदर रंग खेलती थीं। शाहजहां के शासनकाल में इसे ईद-ए-रंग और आब-ए-पाशी कहा जाता था।

बहादुर शाह जफर (1837-1857)

holi in the mughal era

मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर ने होली के त्योहार का जिक्र अपनी कविताओं में किया है। उन्होंने होरी नाम का खास गीत भी लिखा था। उनका एक दोहा है कि क्यों मो पे रंग की मारी पिचकारी, देखो कुंवरजी दूंगी मैं गारी. उनके शासनकाल में होली के रंगों को टेसू के फूलों से बनाया जाता था और मगुल सम्राट अपने परिवार के साथ रंगों का त्योहार होली मनाते थे।

इसे भी पढ़ें - किस देश से आए थे मुगल और भारत आकर क्यों रुक गए?

नवाब भी होली धूमधाम से मनाते थे

दिल्ली ही नहीं लखनऊ में भी नवाब सआदत अली खान और असिफुद्दौला होली की तैयारियों में बहुत खर्चा करते थे। होली के दिन नवाब नर्तकियों को बुलाते थे और शानदार महफिलें सजती थीं। नवाब सोने के सिक्के और रत्नों को नर्तकियों पर लुटाते थे।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- wikipedia, jagran



HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP