कुछ ऐसे हुई थी आपके घर में इस्तेमाल होने वाले डेटॉल की शुरुआत

आइए जानते हैं घर-घर में इस्तेमाल होने वाले डेटॉल की शुरुआत कैसे हुई थी। 

how dettol started

खुद को स्वस्थ रखने के लिए घर और शरीर की सफाई करना बहुत जरूरी होता है। ऐसा न करने पर हमें तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में लगभग हर घर में साफ-सफाई के लिए डेटॉल का इस्तेमाल किया जाता है। फिर चाहे डेटॉल का साबुन हो या लिक्विड, लोग इस ब्रांड पर विश्वास रखते हैं। आपने कभी सोचा है कि घर-घर में इस्तेमाल किए जाने वाले डेटॉल की शुरुआत कैसे हुई थी? आज हम आपको डेटॉल के इतिहास के बारे में बताएंगे। भारत में डेटॉल का इस्तेमाल 1937 से किया जा रहा है। इस दौरान अलग-अलग कंपनियों ने डेटॉल को टक्कर देने की कोशिश की लेकिन डेटॉल के आगे कोई नहीं टिक पाया।

कुछ ऐसे बना डेटॉल

all you need to know about dettol

डेटॉल नाम मिलने से पहले यह बस एक अलग तरह का लिक्विड था। इस लिक्विड में कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता थी। यह एक ऐसा लिक्विड था जिसे लगाने से स्किन पर जलन भी नहीं होती थी। एक टीम ने इस लिक्विड को टेस्ट किया और इसके फायदों को पहचाना। यूके में 1930 में महिलाओं की बच्चों को जन्म देने के बाद ब्लड इंफेक्शन की वजह से मौत हो रही थी। इस समय के दौरान Reckitt & Sons ने इस समस्या से बचने के लिए डेटॉल के लाभ को पहचाना। इसके बाद डेटॉल के ट्रायल हुए। ट्रायल में भी डेटॉल इस्तेमाल करने के कुछ फायदे दिखे। सकारात्मक रिजल्ट मिलने के साथ-साथ ब्लड इंफेक्शन के केस भी 50 प्रतिशत तक कम हो गए थे। कुछ इस तरह डेटॉल की क्षमता पहचानी गई और डेटॉल लॉन्च हुआ। शुरुआती समय में डेटॉल फार्मेसी में मिला करता था लेकिन एक समय के बाद सामान्य सामान की तरह बेचा और खरीदा जाने लगा।

पूरी दुनिया में ऐसे हुआ डेटॉल का विस्तार

how dettol came in india

डेटॉल ने धीरे-धीरे पूरी दुनिया में विस्तार किया। शुरुआत में डेटॉल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में बेचा जाता था। इसके बाद डेटॉल अन्य देशों तक भी पहुंच गया। पहले साउथ अफ्रीका, इसके बाद कनाडा, फिर भारत और साउथ अमेरिका में भी डेटॉल ने अपनी पहचान बना ली। भारतवासियों ने भी डेटॉल पर बहुत विश्वास दिखाया। भारत में डेटॉल की पहली फैक्ट्री 1945 में लगी थी। इसके बाद भारतवासियों ने डेटॉल को अपने निजी जीवन का हिस्सा बना लिया और डेटॉल हर घर में इस्तेमाल किया जाने लगा। (साबुन के इस्तेमाल से बाथरूम की इन परेशानियों को करें दूर)

इसे भी पढ़ेंःIAS गोविंद जायसवाल के पिता चलाते थे रिक्शा फिर भी बने इतने बड़े अधिकारी

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी डिटॉल का मुख्य रूप से इस्तेमाल किया गया था। रिपोर्ट की मानें तो आज 120 देशों में डेटॉल बेचा जा रहा है। फिर चाहे किसी को चोट लगे या किसी को हाथ धोने हो, डेटॉल हर काम में लोगों की मदद कर रहा है।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Recommended Video

Picture Credit: dettolindonesia/Instagram

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP