छोटी सी उम्र में देखा माता-पिता का तलाक, 13 साल की उम्र में उनका बलात्कार किया गया..ऐसी दर्द भरी कहानी है देश की पहली करोड़पति गायिका की जिन्हें गूगल ने 26 जून को अपना डूडल भी बनाया। यहां बात हो रही है गौहर जान की। गौहर जान का जन्म 26 जून, 1873 को आजमगढ़ में हुआ था। 26 जून को जन्मीं गौहर जान भारतीय संगीत जगत की सुपरस्टार थीं। गौहर जान की याद में गूगल ने उन्हें अपना डूडल बनाया है।
भारतीय शास्त्रीय संगीत को शिखर पर पहुंचाने वाली गौहर असल जिंदगी में शोषण का शिकार रही थीं। गौहर जान का 13 साल की उम्र में बलात्कार हुआ था और इस सदमे से उबरते हुए गौहर संगीत की दुनिया में अपना सिक्का जमाने में कामयाब हुईं।
गौहर जान की कहानी 1900 के शुरुआती दशक में महिलाओं के शोषण, धोखाधड़ी और संघर्ष की कहानी है। गौहर की कहानी को विक्रम संपथ ने सालों की रिसर्च के बाद किताब में 'माई नेम इज गौहर जान' के जरिए सबके सामने रखा।
बड़ी मलका जान के नाम से जानता था जमाना
उस समयमें मलका जान स्थाापित गायिका और नृत्यांंग्नाग बन चुकी थीं और उन्हें लोग 'बड़ी मलका जान' के नाम से जानते थे। साल 1883 में मलका जान कलकत्ता में नवाब वाजिद अलीग शाह के दरबार में नियुक्त हो गईं। फिर तीन सालों के अंदर उन्होंने कलकत्ता के 24 चितपोरे सड़क पर 40 हजार रुपये में खुद का घर खरीद लिया।
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गौहर जान का बचपन
गौहर जान का जन्म एक क्रिश्चियन परिवार में हुआ था। पहले उनका नाम एंजेलिना योवर्ड था। गौहर के दादा ब्रिटिश थे जबकि दादी हिंदू थीं। उनके पिता का नाम विलियम योवर्ड और मां का नाम विक्टोरिया था। गौहर की मां विक्टोरिया भी एक प्रशिक्षित डांसर और सिंगर थीं। दुर्भाग्य से उनके माता-पिता की शादी चल नहीं पाई और 1879 में, जब एंजलिना सिर्फ 6 साल की थीं उनका तलाक हो गया। इसके बाद विक्टोरिया ने कलकत्ता में रहने वाले मलक जान नाम के शख्स से शादी कर ली और इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। यही से एंजेलिना गौहर जान बन गईं।
सोने की गिन्नियां गाने के बदले
गौहर जान ने 1902 से 1920 के बीच बंगाली, हिन्दुेस्ताानी, गुजराती, तमिल, मराठी, अरबी, पारसी, पश्तो , फ्रेंच और अंग्रेजी समेत 10 से भी ज्याइदा भाषाओं में 600 से भी अधिक गाने रिकॉर्ड किए। गौहर जान ने अपनी ठुमरी, दादरा, कजरी, चैती, भजन और तराना के जरिए हिन्दु्स्ताअनी शास्त्री य संगीत को दूर-दूर तक पहुंचाया।
गौहर जान ने अपनी मां से डांस और गायन का हुनर सीखा। उन्होंने रामपुर के उस्ताद वजीर खान और कलकत्ता के प्यारे साहिब से गायन की तालीम हासिल की। जल्द ही वो ध्रुपद, खयाल, ठुमरी और बंगाली कीर्तन में पारंगत हो गईं। यहीं से गौहर ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
19वीं शताब्दी में गौहर जान सबसे महंगी सिंगर थीं। ऐसा कहा जाता है कि वो सोने की एक सौ एक गिन्नियां लेने के बाद ही किसी महफिल में जाती थीं और वहां गाती थीं।
गौहर जान ने बिल्ली केबच्चें होने पर दावत दी
लेखक विक्रम संपत ने अपनी किताब 'माय नेम इज गौहर जान!' में उनकी जिंदगी से जुड़े कई खुलासे किए हैं। गौहर जान ने शानदार जिंदगी जी, और अपने म्यूजिक के साथ उन्होंने बुलंदियों को छुआ लेकिन गूगल डूडल ने बहुत ही खास उद्देश्य से गौहर जान की गोद में बिल्ली दिखाई है।
यह बात उस दौर की है जब पैसे की जबरदस्त वैल्यू हुआ करती थी और तब के 20,000 रु. आज के 20 लाख रुपये से ज्यादा के होंगे लेकिन गौहर जान ने 20,000 रुपये सिर्फ अपनी बिल्ली के बच्चों के जन्म देने के मौके पर आयोजित की गई दावत पर ही खर्च कर दिए थे।
गौहर जान की बग्गी
यही नहीं कई जगह उल्लेख मिलता है कि गौहर जान के शौक भी कुछ अनोखे थे, और उन्होंने अपने शौक पूरा करने के लिए जुर्माना देने से भी कदम पीछे नहीं खींचे. गौहर जान चार घोड़ों वाली बग्गी में चलती थी. उस समय कलकत्ता में इस तरह की बग्गी की अनुमति नहीं थी. यही नहीं, अपने इस शौक को पूरा करने के लिए वे वायसराय को 1,000 रु. रोजाना का जुर्माना भी दिया करती थीं. अब इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे अपने शौक पूरी करने को लेकर कितनी दीवानी थीं.
गुमनाम मौत
गौहर जान ने बार-बार प्यार में धोखा खाया। प्रौढ़ावस्था में गौहर अपनी उम्र से आधे एक पठान से शादी तो कर ली लेकिन वो चली नहीं। मामला कोर्ट कचहरी तक पहुंच गया जिसमें गौहर को अपनी जायदाद बेचनी पड़ी। कहा जाता है कि आखिरी दिनों में वो बेहद अकेली हो गई थीं और गुमनामी की हालत में 17 जनवरी 1930 को उनकी मौत हुई।
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