Ganesh Ji Sthapana Vidhi Mantra 2023: इन मंत्रों के साथ करेंगी गणेश जी की स्थापना तो पूरी होगी मनोकामना

Ganesh Ji Sthapana Vidhi Mantra 2023: अगर इस गणेश चतुर्थी आप अपने घर में गणेश जी प्रतिमा की स्थापना करने वाले हैं तो आपको इन खास मंत्रों के साथ उनकी स्थापना करनी चाहिए। 

Ganesh Sthapana

Ganesh Ji Sthapana Vidhi Mantra on Ganesh Chaturthi 2023: अगर इस गणेश चतुर्थी आप अपने घर में गणेश जी प्रतिमा की स्थापना करने वाले हैं तो आपको इन खास मंत्रों के साथ उनकी स्थापना करनी चाहिए। सालभर के लंबे इंतजार के बाद गणेश चतुर्थी का त्योहार फिर से आ गया है। इस त्योहार को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। इस पर्व में भगवान गणेश जी अपने भक्तों के घर अतिथि बन कर जाते हैं और भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार भगवान गणेश को 1 से लेकर 11 दिन तक अपने घर में रखते हैं। मगर, भगवान गणेश को यदि आपको अपने घर ला रही हैं तो आपको उनकी स्थापना बेहद सावधानी और पूरे मंत्र उच्चराण के साथ करनी चाहिए। आचार्य पंडित दयानंद शास्त्री भगवान गणेश की स्थापना और पूजा विधि से जुड़े कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण मंत्र बताते हैं ।

Ganesh Sthapana Vidhi In Gujarati Pdf

आवाहन मंत्र

सबसे पहले भगवान गणेश का आवाहन करें और उस दौरान यह मंत्र दोहराएं।

गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं।

उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।।

आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।

यावत्पूजा करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव।।

प्राण प्रतिष्ठा मंत्र

आवाहन के बाद आपको गणेज जी की प्राण प्रतिष्ठा करनी होगी और इस दौरान आपको यह मंत्र दोहराना होगा।

अस्यैप्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा क्षरन्तु च।

अस्यै देवत्वमर्चार्यम मामेहती च कश्चन।।

आसान में बैठाने का मंत्र

अब आप गणेश जी को आसान पर बैठा सकती हैं और इस दौरान आप यह मंत्र दोहराएं।

रम्यं सुशोभनं दिव्यं सर्व सौख्यंकर शुभम।

आसनं च मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः।।

स्नान का मंत्र

गणेश जी की प्रतिमा को स्नान करवाएं। साथ ही यह मंत्र दोहराएं।

गंगा सरस्वती रेवा पयोष्णी नर्मदाजलै:।

स्नापितोSसी मया देव तथा शांति कुरुश्वमे।।

पहले दूध् से स्नान कराएं और यह मंत्र दोहराएं।

कामधेनुसमुत्पन्नं सर्वेषां जीवन परम।

पावनं यज्ञ हेतुश्च पयः स्नानार्थं समर्पितं।।

दही से स्नान कराते वक्त यह मंत्र दोहराएं

पयस्तु समुदभूतं मधुराम्लं शक्तिप्रभं।

ध्यानीतं मया देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यतां।

घी से स्नान कराते वक्त यह मंत्र दोहराएं।

नवनीत समुत्पन्नं सर्व संतोषकारकं।

घृतं तुभ्यं प्रदास्यामि स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।।

शहद से स्नान करते वक्त यह मंत्र दोहराएं।

तरु पुष्प समुदभूतं सुस्वादु मधुरं मधुः।

तेजः पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।

पंचामृत से स्नान कराते वक्त यह मंत्र दोहराएं।

पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं।

पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।

आखिर में शुद्ध जल से स्नान कराएं और यह मंत्र दोहराएं।

मंदाकिन्यास्त यध्दारि सर्वपापहरं शुभम।

तदिधं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।

Ganesh Ji Sthapana Vidhi Mantra For Ganesh Chaturthi

वस्त्र पहनाने का मंत्र

जब आप गणेश जी की प्रतिमा को स्नान करवा लें उसके बाद आपको उनको वस्त्र पहनाने होंगे और वक्त आपको यह मंत्र दोहराना होगा।

सर्वभूषाधिके सौम्ये लोक लज्जा निवारणे।

मयोपपादिते तुभ्यं वाससी प्रतिगृह्यतां।।

जनेऊ मंत्र

गणेश जी को वस्त्र पहनाने के बाद जनेऊ जरूर पहनाएं और उस दौरान यह मंत्र दोहराएं।

नवभिस्तन्तुभिर्युक्त त्रिगुण देवतामयम |

उपवीतं मया दत्तं गृहाणं परमेश्वर : ||

चन्दन चढ़ाने का मंत्र

भगवान गणेंश की माथे पर जब आप चंदन चढ़ाएं तब आपको यह मंत्र बोलना होगा।

रक्त चन्दन समिश्रं पारिजातसमुदभवम।

मया दत्तं गृहाणाश चन्दनं गन्धसंयुम।।

रोली लगाने का मंत्र

इसके बाद रोली चढ़ाते वक्त यह मंत्र दोहराएं।

कुमकुम कामनादिव्यं कामनाकामसंभवाम ।

कुम्कुमेनार्चितो देव गृहाण परमेश्वर्:।।

सिन्दूर चढ़ाने का मंत्र

रोली के बाद सिंदूर चढ़ाएं और यह मंत्र दोहराएं।

सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।

शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यतां।।

अक्षत चढ़ाने का मंत्र

भगवान गणेश को चावल चढ़ाते वक्त यह मंत्र दोहराएं।

अक्षताश्च सुरश्रेष्ठं कुम्कुमाक्तः सुशोभितः।

माया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरः।।

पुष्प चढ़ाने का मंत्र

इसके बाद आपको गणेश प्रतिमा को पुष्प चढ़ाने होंगे और साथ ही यह मंत्र दोहराना होगा।

पुष्पैर्नांनाविधेर्दिव्यै: कुमुदैरथ चम्पकै:।

पूजार्थ नीयते तुभ्यं पुष्पाणि प्रतिगृह्यतां।।

बेल का पत्र चढ़ाने का मंत्र

भगवान शिव की तरह गणेश प्रतिमा पर भी बेल पत्र चढ़ाएं और यह मंत्र दोहराएं।

त्रिशाखैर्विल्वपत्रैश्च अच्छिद्रै: कोमलै: शुभै:।

तव पूजां करिष्यामि गृहाण परमेश्वर :।।

दूर्वा चढ़ाने का मंत्र

भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय है। इसे चढ़ाते वक्त यह मंत्र जरूर दोहराएं।

त्वं दूर्वेSमृतजन्मानि वन्दितासि सुरैरपि।

सौभाग्यं संततिं देहि सर्वकार्यकरो भव।।


आभूषण चढ़ाने का मंत्र

इन सबके बाद भगवान गणेश को आभूषण पहनाएं और यह मंत्र दोहराएं।

अलंकारान्महा दव्यान्नानारत्न विनिर्मितान।

गृहाण देवदेवेश प्रसीद परमेश्वर:।।

यह मंत्र भी हैं खास

सुगंध तेल चढ़ाएं- चम्पकाशोक वकु ल मालती मीगरादिभि:। वासितं स्निग्धता हेतु तेलं चारु प्रगृह्यतां।।

धूप दिखाए - वनस्पतिरसोदभूतो गन्धढयो गंध उत्तम :। आघ्रेय सर्वदेवानां धूपोSयं प्रतिगृह्यतां।।

दीप दिखाएं- आज्यं च वर्तिसंयुक्तं वहिन्ना योजितं मया। दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम।।

मिठाई अर्पण करें- शर्कराघृत संयुक्तं मधुरं स्वादुचोत्तमम। उपहार समायुक्तं नैवेद्यं प्रतिगृह्यतां।।

आरती करें- चंद्रादित्यो च धरणी विद्युद्ग्निंस्तर्थव च। त्वमेव सर्वज्योतीष आर्तिक्यं प्रतिगृह्यताम।।

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FAQ

  • गणेश चतुर्थी के दौरान गणेश जी को क्या अर्पित नहीं करना चाहिए?

    गणेश जी को इस पर्व के दौरान सफेद वस्तुएं अर्पित नहीं करनी चाहिए।
  • 10 दिनों का ही क्यों होता है गणेश उत्सव?

    श्री गणेश ने 10 दिनों में महाभारत ग्रंथ संपूर्ण लिखा था। 10 दिनों तक लगातार एक ही अवस्था में लिखने से उनके शरीर पर धुल-मिट्टी जमा हो गई थी, जिसके बाद सभी देवी-देवताओं ने उन्हें स्नान कराया था। तभी से गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाने लगा।