February 2025 Vrat Or Tyohar list: बदलेगी ऋतु और आएंगे नए त्‍योहार फरवरी में रहेगी बसंती बहार, जानें तीज त्‍योहार की तिथि और शुभ मुहूर्त

फरवरी 2025 में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, जिनका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। बसंत पंचमी से लेकर महाशिवरात्रि तक इस माह कई बड़े-छोटे त्‍योहार आने वाले हैं, इनकी तिथि और शुभ मुहूर्त जानेन के लिए पढ़ें ये लेख। 
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फरवरी का महीना अपने साथ न सिर्फ ऋतु परिवर्तन लेकर आता है, बल्कि कई महत्वपूर्ण हिंदू पर्व और व्रत भी इस महीने में आते हैं। इस माह में बसंत ऋतु का शुभारंभ होता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। फरवरी 2025 में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, जिनमें बसंत पंचमी, रथ सप्तमी, जया एकादशी, विजया एकादशी और महाशिवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण पर्व शामिल हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस माह में आने वाले सभी त्योहार और व्रतों का विशेष धार्मिक महत्व होता है। बसंत पंचमी से लेकर महाशिवरात्रि तक, हर पर्व का अलग-अलग आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। आइए, जानते हैं कि फरवरी 2025 में कौन-कौन से महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे और उनके शुभ मुहूर्त क्या होंगे।

फरवरी 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहार

तिथि वार त्‍योहार
3 फरवरी सोमवार बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
4 फरवरी मंगलवार रथ सप्‍तमी, नर्मदा जयंती
8 फरवरी शनिवार जया एकादशी
12 फरवरी बुधवार माघ पूर्णिमा व्रत
24 फरवरी सोमवार विजया एकादशी
25 फरवरी मंगलवार भौम प्रदोष व्रत
26 फरवरी बुधवार महाशिवरात्रि
27 फरवरी वार फाल्गुन अमावस्या

3 फरवरी 2025 (रविवार)- बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा

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बसंत पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। इस पर्व को न केवल घरों बल्कि ऑफिस, स्‍कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल आदि में भी मनाया जाता है। यह दिन विद्यार्थियों, कलाकारों और विद्वानों के लिए बेहद शुभ होता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने और पीले रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन करने की परंपरा होती है। ऐसी भी मान्‍यता है कि इस दिन से प्रेम ऋतु का आगाज होता है। इसलिए रिश्‍तों को बेहतर बनने के लिए भी यह दिन खास होता है।

शुभ मुहूर्त:

  • सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 07:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
  • बसंत पंचमी पूजन का समय: सुबह 06:45 बजे से दोपहर 01:20 बजे तक

4 फरवरी 2025 (सोमवार)- रथ सप्तमी

रथ सप्तमी को सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। इसे सूर्य जयंती भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन सूर्य देव का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने का विशेष महत्व होता है। साथ ही इस दिन आपको सूर्य देव को जल और लाल-पीले फूल जरूर अर्पित करने चाहिए।

शुभ मुहूर्त:

  • सूर्योदय से पहले स्नान का समय: सुबह 05:30 बजे से 06:30 बजे तक
  • पूजा का शुभ समय: सुबह 06:45 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक

8 फरवरी 2025 (शनिवार)- जया एकादशी

जया एकादशी व्रत का हिंदुओं में विशेष महत्व है। इस दिन जगतपिता भगवान विष्‍णु की पूजा की जाती है। यह व्रत रखने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे करने से व्यक्ति को भूत-प्रेत की योनि से भी मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन आपको तिल के पानी से जरूर स्‍नान करना चाहिए।

शुभ मुहूर्त:

  • व्रत प्रारंभ: सुबह 06:30 बजे से
  • पारण का समय: 9 फरवरी 2025 को सुबह 06:45 बजे से 08:30 बजे तक

24 फरवरी 2025 (सोमवार)- विजया एकादशी

विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। यह व्रत करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और उसे सफलता प्राप्त होती है। इस दिन आप व्रत रख कर शम के वक्‍त तिल और गुड़ से बनी सामग्री खा सकते हैं।

शुभ मुहूर्त:

  • एकादशी व्रत प्रारंभ: सुबह 07:00 बजे से
  • पारण का समय: 25 फरवरी 2025 को सुबह 07:15 बजे से 09:00 बजे तक

25 फरवरी 2025 (मंगलवार)- भौम प्रदोष व्रत

भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने से विशेष रूप से स्वास्थ्य लाभ मिलता है और ऋण-मुक्ति के योग बनते हैं। आपको इस दिन शिवलिंग में जल अर्पित करना चाहिए और सफेद चीज का दान करना चाहिए।

शुभ मुहूर्त:

  • व्रत का समय: सुबह 06:30 बजे से रात 08:00 बजे तक
  • प्रदोष काल में शिव पूजा का समय: शाम 06:15 बजे से रात 08:30 बजे तक

26 फरवरी 2025 (बुधवार)- महाशिवरात्रि

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महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन उपवास रखकर रात्रि जागरण करने का विशेष महत्व है। सबसे बड़ी बात है कि इस दिन 4 प्रहर की पूजा की जाती है। अगर आप इस दिन विवाह करना चाहते हैं, तो उसके लिए भी यह शुभ दिन होता है।

शुभ मुहूर्त:

  • पहला प्रहर पूजा: शाम 06:30 बजे से रात 09:30 बजे तक
  • दूसरा प्रहर पूजा: रात 09:45 बजे से 12:45 बजे तक
  • तीसरा प्रहर पूजा: रात 12:50 बजे से 03:50 बजे तक
  • चौथा प्रहर पूजा: सुबह 04:00 बजे से 06:00 बजे तक

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Image Credit- freepik

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