एक नए सर्वे में यह बात सामने आई है कि 10 में से 8 युवा इंटरकास्ट मैरिज को सपोर्ट कर रहे हैं। पुरानी सोच को पीछे छोड़ आज के युवा प्रगतिवादी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं। समाज की रूढ़ियों जात-पात और मजहब की दीवारों को तोड़ आज के युवा अपने मनपसंद साथी के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा कर रहे हैं। जाहिर है इससे भारतीय समाज प्रगतिशील बन रहा है। एक सर्वे में कहा गा हैह कि 10 में से 8 युवा इंटरकास्ट मैरिज को सपोर्ट कर रहे हैं। जून में हुई इस सर्वे में 1.3 लाख इंटरनेट यूजर्स की राय ली गई है। हालांकि इसमें एक और दिलचस्प बात सामने आई है और वह यह कि भारतीय पुरुष इस चीज में बहुत कंफर्टेबल नहीं है कि उनकी पार्टनर की आमदनी उनसे ज्यादा हो। हालांकि यह सोच भी पहले की तुलना में आगे ही मानी जाएगी, क्योंकि पुराने वक्त में महिलाओं को सिर्फ होममेकर की भूमिका में ही देखा जाता था। एक और अहम बात ये है कि वर्तमान समय में सिर्फ 16 फीसदी पुरुष सोशल प्रेशर में शादी कर रहे हैं जबकि महिलाओं पर दबाव 25 फीसदी से भी ज्यादा है।
बॉलीवुड की नई जोड़ियों ने इंटरकास्ट मैरिज कर समाज के सामने एक नया उदाहरण पेश किया। सबसे मशहूर कपल है शाहरुख खान और गौरी खान। शाहरुख और गौरी दोनों को इसके लिए काफी मुश्किलें उठानी पड़ीं, लेकिन आखिरकार उनके घरवाले राजी हो गए। इसी तरह सैफ अली खान और करीना कपूर खान की भी बात की जा सकती है, जिन्होंने अपने धर्म से बाहर जाकर शादी की। आज के समय में तैमूर के साथ करीना कपूर और सैफ एक हैप्पी मैरिड लाइफ गुजार रहे हैं। इसी तरह आमिर खान ने भी किरण राव के साथ घर बसाया और आज वे अपने नन्हें चैंपियन आजाद राव के साथ बेहद खुश हैं।
इंटरकास्ट मैरिजेज़ की बढ़ती संख्या के मद्देजनर भारतीय समाज एक बड़े बदलाव की तरफ बढ़ रहा है। लेकिन इस समय में सबसे बड़ा चैलेंज है पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी के बीच सोच के फासले को कम करना, ताकि इस तरह की शादियों को तहे दिल से स्वीकार किया जाए। एक नए सर्वे में यह बात सामने आई है कि 10 में से 8 युवा इंटरकास्ट मैरिज को सपोर्ट कर रहे हैं। पुरानी सोच को पीछे छोड़ आज के युवा प्रगतिवादी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं। समाज की रूढ़ियों जात-पात और मजहब की दीवारों को तोड़ आज के युवा अपने मनपसंद साथी के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा कर रहे हैं। जाहिर है इससे भारतीय समाज प्रगतिशील बन रहा है।
इंटरकास्ट मैरिजेज़ की बढ़ती संख्या के मद्देजनर भारतीय समाज एक बड़े बदलाव की तरफ बढ़ रहा है। लेकिन इस समय में सबसे बड़ा चैलेंज है पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी के बीच सोच के फासले को कम करना, ताकि इस तरह की शादियों को तहे दिल से स्वीकार किया जाए। बड़े शहरों में और मॉर्डन फैमिली में इंटरकास्ट मैरिज में ज्यादा परेशानियां नहीं आतीं क्योंकि इसमें लोगों में स्वीकार्यता ज्यादा होती है। शुरुआती स्तर पर कपल को एक-दूसरे को और उनके परिवार के तौर-तरीके समझने में थोड़ा वक्त लगता है, लेकिन कुछ समय के बाद स्थितियां पूरी तरह सामान्य हो जाती हैं।
परंपरावादी और रूढ़िवादी समाज आज भी इंटरकास्ट मैरिजेज़ को लेकर काफी विवाद होता है और कई मामलों में परिवार अपने समुदाय से बाहर शादी करने पर खून-खराबे पर भी उतर आते हैं। इस बारे में हमने बात रिलेशनशिप कोच पंकज दीक्षित से और उन्होंने हमें बताया कि इन चैलेंजेस के बीच इंटरकास्ट मैरिज करने पर शुरुआती मुश्किलों के बाद आगे की जिंदगी की रफ्तार कैसे कायम रखी जाए, आइए जानते हैं-
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।