एक मां के तौर पर आप अपने बच्चों को अच्छी आदतें सिखाती हैं, मूल्यों का अहसास कराती हैं। इन चीजों के साथ-साथ आपको अपने बच्चों को व्यावहारिक जिंदगी के लिए भी तैयार करना चाहिए। रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसी बहुत सी चीजों की जरूरत होती है, जिसके लिए हम बच्चों को तैयार नहीं करते या फिर यह सोचते हैं कि अभी से इन्हें बड़ों वाली चीजें क्या सिखाना। लेकिन बच्चों को सही समय पर एक एडल्ट के तौर पर उठाई जाने वाली जिम्मेदारियों के लिए शिक्षा देना बहुत जरूरी है। इससे बच्चे खुद को लेकर कॉन्फिडेंट होते हैं और स्वाभाविक रूप से बड़ी जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार रहते हैं। आइए जानें कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में-
सही तरीके से बात करना सिखाएं
बच्चे किस तरह से बड़ों से किसी भी चीज पर जानकारी ले सकते हैं, इसके बारे में बच्चों को उदाहरण देकर समझाइए। कब और किस तरह से बच्चों को बात करनी चाहिए, इस बारे में विस्तार से बच्चों को बताएं। उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि आप उनकी हर शंका का समाधान करेंगी और उनके हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। जब बच्चे आपसे उत्सकुतावश कुछ ऐसे सवाल पूछ लें, जो आपको अटपटे लगें तो बच्चों को डांटने के बजाय संतुलित तरीके से उसके बारे में बताने का प्रयास करें। साथ ही बच्चों को निडर होकर अपनी बात रखना सिखाएं। बच्चे को बताएं कि जब भी वे किसी से बात करें तो उन्हें विनम्र तरीके से पेश आना चाहिए।
सिखाइए घर के काम
बच्चों को अगर आप घर के छोटे-छोटे काम जैसे कि साफ-सफाई, घर व्यवस्थित करना, बाजार से सब्जी लाना, जरूरत के सामान खरीदना, कपड़े धोना, पौधों का ध्यान रखना आदि सिखाती हैं तो बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर महसूस करते हैं। अगर उन्हें अपनी पढ़ाई या काम के सिलसिले में कहीं और जाने की जरूरत पड़े तो उन्हें किसी तरह का संकोच नहीं होता।
यौन शिक्षा है ज़रूरी
बच्चों को सही तरीके से यौन संबंधों के बारे में बताना जरूरी है क्योंकि आपके इस विषय में बात नहीं करने पर वे अन्य स्रोतों से इस बारे में जानकारी पाते हैं। खासकर जब बच्चे पोर्न साइट्स या अपने दोस्तों से इस बारे में सुनते हैं, तो उन्हें सही-गलत की जानकारी नहीं होती। ऐसे में उनके लिए चीजों को गलत संदर्भ में समझ लेना बहुत आसान होता है। संबंध बनाने में सहमति और गर्भनिरोध के तरीकों के बारे में बताना भी महत्वपूर्ण है।
सेल्फ डिफेंस सिखाएं
बच्चों को उनके व्यवहार के लिए टोका-टाकी करने के बजाय उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग दें। इससे बच्चे खुद को भीतर से मजबूत महसूस करेंगे।
टैक्स भरने के बारे में बताएं
बच्चों को 10-12 साल की उम्र से ही टैक्स देने की अहमियत के बारे में बताएं। बच्चों को समझाएं कि टैक्स किस तरह कैलकुलेट होता है और किस तरह फाइल किया जा सकता है। इससे आपके बच्चे सही समय पर अपना टैक्स फाइल करने की आदत डालेंगे और टैक्स भरने की आखिरी तारीख बीतने से पहले ही अपने टैक्स अदा कर देंगे। 10वीं के सिलेबस में टैक्स के बारे में बच्चों को पढ़ाया जाता है। मैथ्स से जुड़े सवालों के जरिए भी आप बच्चों के टैक्सेशन की प्रक्रिया के बारे में समझा सकते हैं।
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