जब भी हमें यह जानना होता है कि शेयर बाजार का हाल क्या है, यह ऊपर जा रहा है नीचे, तो हमारी पहली नजर मार्केट इंडेक्स पर जाती है। ये इंडेक्स एक तरह से मार्केट की हेल्थ रिपोर्ट होते हैं। ये हमें संकेत देते हैं कि इन्वेस्टर्स का मूड और बाजार की चाल कैसी है। जैसे ही इंडेक्स ऊपर जाता है, तो यह बुलिश ट्रेंड को दर्शाता है और जब यह गिरता है, तो यह बियरिश ट्रेंड की तरफ इशारा करता है।
दुनिया के सभी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों की तरह, भारत में भी दो मुख्य स्टॉक इंडेक्स हैं-सेंसेक्स और निफ्टी। ये दोनों न केवल मार्केट डायरेक्शन तय करने में मदद करते हैं, बल्कि आम इन्वेस्टर्स और प्रोफेशनल ट्रेडर्स के लिए भी हर दिन मार्गदर्शन बनते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि सेंसेक्ट और निफ्टी आखिर हैं क्या, इन दोनों में क्या अंतर होता है और इनका कैलकुलेशन कैसे किया जाता है?
क्या होता है इंडेक्स और यह क्यों जरूरी है?(What Is An Index)
अगर आप शेयर मार्केट में दिलचस्पी रखते हैं या इन्वेस्ट करते हैं, तो क्या आप हर एक कंपनी के स्टॉक वैल्यू को रोज देख पाएंगे? शायद नहीं, क्योंकि इंडियन शेयर मार्केट में हजारों कंपनियां लिस्टेड हैं। इसी मुश्किल को आसान बनाने के लिए इंडेक्स बनाया गया। यह कुछ चुनी हुई कंपनियों का ग्रुप होता है, जिन्हें मार्केट के अलग-अलग सेक्टर्स से चुना जाता है। इन कंपनियों का प्रदर्शन देखकर एक आंकड़ा तैयार होता है, जो यह दिखाता है कि शेयर मार्केट ऊपर जा रहा है या नीचे।
आमतौर पर इन्वेस्टर्स अपने पोर्टफोलियो की तुलना इंडेक्स से करते हैं ताकि वे जान सकें कि उनका इन्वेस्टमेंट मार्केट से बेहतर कर रहा है या नहीं। वहीं, फंड मैनेजर इंडेक्स को बेंचमार्क तरह देखते हैं यानी यह तय करने के लिए कि कौन-सा स्टॉक या फंड कितना अच्छा परफॉर्म कर रहा है।
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भारत के प्रमुख स्टॉक इंडेक्स कौन से हैं?(Sensex and Nifty)
भारत के दो प्रमुख स्टॉक इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी हैं।
सेंसेक्स क्या है?(What is Sensex)
सेंसेक्स का पूरा नाम सेंसिटिव इंडेक्स है, दरअसल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स है।इसे साल 1986 में शुरू किया गया था और इसका ऑफिशियल नाम S&P BSE Sensex है। सेंसेक्स भारत की 30 सबसे बड़ी और मजबूत कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन दर्शाता है, जो BSE पर लिस्टेड हैं। इन कंपनियों का चुनाव उनकी मार्केट वैल्यू, ट्रेडिंग वॉल्यूम और विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता के आधार पर किया जाता है।
सेंसेक्स का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है?(How to Calculate Sensex)
अगर सेंसेक्स ऊपर जाता है, तो आमतौर पर इसका मतलब होता है कि बाजार में इन्वेस्टर्स का भरोसा मजबूत है। वहीं, अगर सेंसेक्स गिरता है, तो चिंता की बात होती है। सेंसेक्स को एक खास तरीके से कैलकुलेट किया जाता है, जिसे फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन मेथड कहते हैं।
- सबसे पहले उन 30 टॉप कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन निकाला जाता है। यह होता है कंपनी के एक शेयर की कीमत × कुल शेयरों की संख्या।
- अब हर कंपनी के मार्केट कैप को उसके फ्री-फ्लोट फैक्टरसे मल्टीप्लाई किया जाता है। फ्री-फ्लोट का मतलब है कि वो शेयर जो आम लोगों के लिए खुले बाजार में खरीदने-बेचने के लिए उपलब्ध होते हैं।
- जब सभी कंपनियों का फ्री-फ्लोट मार्केट कैप मिल जाए, तो उन्हें जोड़ दिया जाता है। इससे आपको टोटल फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन मिल जाता है।
सेंसेक्स =वर्तमान फ्री-फ्लोट मार्केट कैप /(100x बेस मार्केट कैप)
निफ्टी क्या है?(What is Nifty)
निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख इंडेक्स है और इसे ऑफिशियल तौर पर NIFTY 50 कहा जाता है। इसमें 50 सबसे बड़ी और सक्रिय रूप से ट्रेड होने वाली कंपनियों को शामिल किया गया है। इन कंपनियों को उनके मार्केट कैपिटलाइजेशन, ट्रेडिंग वॉल्यूम और विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता के आधार पर किया जाता है।
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निफ्टी का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है?(How to Calculate Nifty)
निफ्टी का कैलकुलेशन फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन मैथड द्वारा ही किया जाता है, जो कि सेंसेक्स की तरह ही है। इस मैथड में केवल उन्हीं शेयरों को गिना जाता है, जो आम जनता के लिए खुले बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं।
Nifty = वर्तमान फ्री-फ्लोट मार्केट कैप /(1000x बेस मार्केट कैप)
निफ्टी और सेंसेक्स में अंतर(Difference Between Sensex and Nifty)
- सेंसेक्स का नाम Sensitive Index से लिया गया है, जिसका मतलब है कि मार्केट की चाल को दर्शाना। जबकि, निफ्टी शब्द National Fifty से बना है, जो इसके 50 प्रमुख शेयरों को दर्शाता है।
- सेंसेक्स का संचालन BSE (Bombay Stock Exchange) करता है, जबकि निफ्टी का संचालन IISL (India Index Services and Products Ltd.) करती है, जो नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज की सहायक कंपनी है।
- सेंसेक्स में 30 सबसे बड़ी और भरोसेमंद कंपनियाँ शामिल होती हैं, जो अलग-अलग सेक्टर्स से आती हैं, जबकि निफ्टी में 50 प्रमुख कंपनियाँ शामिल होती हैं, जो इंडियन इकोनॉमी के अलग-अलग सेक्टर्स को रिप्रेजेंट करती हैं।
- सेंसेक्स के कैलकुलेशन का आधार साल 1978-79 है और इसका इंडेक्स वैल्यू 100 है, जबकि निफ्टी कैलकुलेशन 1995-96 के आंकड़ों पर आधारित है और इसका इंडेक्स वैल्यू 1000 है।
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Image Credit - freepik, jagran
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