हिंदू धर्म में गाय को सबसे पवित्र और मां समान पूजा जाता है। गाय की सेवा से लेकर उनकी पूजा तक, हर एक चीज का अपना अलगा फायदा और महत्व है। एक तरह से देखा जाए तो बिना गाय के किसी भी पूजा को संपन्न मानना व्यर्थ है। गाय के दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, बिना इसके कोई भी पूजा अधूरी है। इन्हीं पांच चीजों से मिलकर ही पंचगव्य और पंचामृत बनता है, जिसका उपयोग तमाम तरह की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे भी बहुत से लोग हैं, जिन्हें पंचामृत और पंचगव्य के बीच क्या अंतर है यह नहीं पता है। इसलिए आज हम आपको इसके बीच के अंतर और पूजा-अनुष्ठान में इसके महत्व के बारे में बताएंगे।
क्या है पंचगव्य और इसे कैसे तैयार किया जाता है?
गाय के दूध, दही, गोबर और गोमूत्र को ही पंचगव्य किया जाता है। इसे ही मिलाकर पंचगव्य बनाया जाता है। पूजा और अनुष्ठान में भगवान के स्नान और यजमान की शुद्धी के लिए पंचगव्य तैयार किया जाता है। विशेष मंत्रोच्चार के माध्यम से भगवान को पंचगव्य से स्नान करवाया जाता है, जिसके बाद उसे यजमान और घर के सभी जनों को पीने के लिए दिया जाता है। मान्यता है कि पंचगव्य पीने से शरीर की शुद्धी होती है, इसलिए किसी भी बड़े अनुष्ठान के पहले पंचामृत के बजाए पंचगव्य बनाया जाता है।
पंचगव्य बनाने की विधि
पंचगव्य बनाने के लिए सभी चीजें शुद्ध और पवित्र लेनी है, साथ ही ध्यान रखें कि पंचगव्यमें इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री देसी गाय की हो।
- कच्चा दूध
- दही
- घी
- गो मूत्र
- गोबर
- गुड़
- गंगाजल
- शहद
पंचगव्य बनाने की विधि
पंचगव्य बनाने के लिए एक कांसे के बाउल में एक कप दूध, गुड़, गंगाजल, शहद, 2 चम्मच दही, एक चम्मच घी, आधा चम्मच गो मूत्र और चुटकी भर गोबर डालकर सभी चीजों को मिलाएं, आपका पंचगव्य तैयार है।
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क्या है पंचामृत?
पंचामृत का उपयोग लोग रोजाना शिव स्नान और लड्डू गोपाल के स्नानके लिए करते हैं। पंचामृत पंचगव्य से बहुत अलग है, भले ही यह गाय से प्राप्त सामग्री से तैयार किया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल और महत्व पंचगव्य से बेहद अलग है। पंचामृत बनाने के लिए केवल गाय का दूध,दही और घी का उपयोग किया जाता है, लेकिन पंचगव्य बनाने के लिए इन चीजों के साथ-साथ गौ मूत्र और गोबर का उपयोग किया जाता है। पंचगव्य नियमित रूप से नहीं बल्कि किसी विशेष और बड़े अनुष्ठान जैसे श्रीमद्भागवत महापुराण जैसे अवसरों पर बनाया जाता है। वहीं आप पंचामृत को नियमित पूजा के साथ-साथ शिवपूजा और सत्यनारायण पूजा के लिए कर सकते हैं।
पंचामृत बनाने की विधि
सामग्री
- कच्चा दूध
- दही
- घी
- शक्कर
- मधुरस
- गंगाजल
एक कांसे का बाउल लें और उसमें दूध, दही, घी, शक्कर, मधुरस और गंगाजल डालकर अच्छे से मिला लें। आपका पंचामृत भगवान के स्नान के लिए तैयार है।
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Image Credit: Herzindagi, Forrest-India
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