World Environment Day 2019: जब कटता है कोई पेड़ तो रो देती हैं डायना पेंटी

मुंबई के ज्यादातर बीच पर कचरा देखने को मिल जाता है। मगर डायना पेंटी रास्ते में किसी को कचरा फैलाते हुए देखती हैं तो उसे डांट कर कुड़ा उठवाती हैं।   

Diana Penty travel story of kuala lampur  ()

पर्यावरण को लेकर जागरूकता साल दर साल बढ़ती जा रही है। चाहें आम महिलाएं हों या बॉलीवुड एक्ट्रेस, हर कोई पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक हैं और पर्यावरण को बचाने की मुहिम में लगी हुई हैं। आज World Environment Day के मौके पर हम अपने पर्यावरण को बचाने के प्रयासों के बारे में चर्चा करेंगे। हर साल 5 जून को World Environment Day मनाया जाता है। जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि साल 1972 में अमेरिका द्वारा मानव पर्यावरण विषय पर महासभा का आयोजन किया गया था। इसी चर्चा के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस का सुझाव भी दिया गया और इसके दो साल बाद, 5 जून 1974 से इसे मनाना भी शुरू कर दिया गया। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के बारे में हमसे बात की बॉलीवुड एक्ट्रेस डायना पेंटी ने, जो कहती हैं कि वो पर्यावरण को लेकर passionate हैं और कैसे उन्हें बचपन से ही उन्हें पर्यावरण को साफ़ रखना सिखाया गया है। आइये जानते हैं कि डायना ने पर्यावरण को बचाने से जुड़ी और क्या-क्या बातें कहीं।

Diana Penty travel story of kuala lampur  ()

प्लास्टिक बैन से बहुत खुश हूँ

डायना पैंटी ने कहा कि उनके पिता आर्मी से हैं और पर्यावरण को लेकर वो भी काफी स्ट्रिक्ट हुआ करते थे, उन्हें बचपन सिखाया गया था कि यहाँ वहाँ कचरा नहीं फैलाना चाहिए। नेचर से हमेशा जुड़े रहना चाहिए और यही वजह है कि डायना पर्यावरण को लेकर काफी सीरियस रहती हैं।

डायना पैंटी कहती हैं कि मैं प्लास्टिक बैन के इस फैसले से बहुत ही खुश हूँ। मैं अपने साथ एनवायरनमेंट-फ्री या रीसायकल होने वाली वाटर-बोटल रखती हूँ। हमेशा पेपर बैग्स इस्तेमाल करती हूँ और आसपास के लोगों को भी यही सलाह देती हूँ।

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जब पेड़ कटता है तो रो देती हैं डायना

डायना ने कहा कि वो पेड़ लगाने में विश्वास रखती हैं और कहती हैं कि मुझे बहुत बुरा लगता है जब कोई पेड़ काटता है। पेड़ कटता हुआ देखती हूँ तो कई बार मुझे रोना भी आ जाता है कि लोग कैसे ऐसी चीज़ को काट सकते हैं जो आपको इतना कुछ देता है। बढ़ते pollution को देखकर भी लोगों को यह बता समझ में नहीं आती कि पेड़ हमारे लिए कितने ज़रूरी हैं? अगर इतना ही ज़रूरी है तो एक पेड़ काटकर दूसरा लगाएं, इसे बैलेंस करें।

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सफाई को लेकर भी लोग नहीं हुए हैं सीरियस

डायना ने कहा कि हम आए दिन अपने आस-पास लोगों को कचरा फैलाते हुए देखते हैं। मुंबई के किसी भी बीच पर चले जाओ, आपको वहाँ का पानी इतना गन्दा लगेगा कि अप वापस वहाँ जाना पसंद नहीं करेंगे। मैं रास्ते में किसी को कचरा फैलाते हुए देखती हूँ तो उस पर खूब चिल्लाती हूँ।

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