साल 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों जोर आजमाइश में लगे हुए हैं। जहां बीजेपी अपनी सरकार की तरफ से लाई गई योजनाओं के बारे में बता रही है, वहीं कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो देश के 20 फीसदी गरीब परिवारों को सालाना 72,000 रुपये दिए जाएंगे। साथ ही पार्टी ने इसे अपनी न्यूनतम आय योजना से जोड़ा है, ताकि यह न्यूनतम इनकम का जरिया बन सके।
राहुल गांधी ने कहा कि इसक स्कीम के तहत पैसा सीधे देश के 5 करोड़ भारतीयों के खाते में जाएंगे। इसी बीच बीजेपी ने विपक्षी दल के गरीबी से लड़ने के रिकॉर्ड पर सवाल उठाया है।
कांग्रेस की गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक
राजस्थान में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी के इस वादे को 'गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक' का नाम दिया है। साथ ही राहुल गांधी ने कहा, 'यह कांग्रेस का गरीबी पर वार है। उन्होंने (बीजेपी) गरीबों को मिटाने के लिए काम किया, हम गरीबी मिटाएंगे। 21वीं सदी में देश में कोई भी गरीब नहीं होना चाहिए।' इस बारे में प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा कि इस कदम से महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
So happy that under the NYAY scheme, women will be the ones who receive the annual amount of Rs. 72,000 directly into their accounts. 👍 Empower a woman, empower a family.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 26, 2019
जब बीजेपी ने कांग्रेस पर देश को भ्रमित करने का आरोप लगाया तब प्रियंका गांधी का यह ट्वीट सामने आया। कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि महिलाएं रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर के बजाय हेल्थ और पानी जैसे मुद्दों पर वोट देती हैं।
रघुराम राजन ने किया सपोर्ट
राहुल गांधी का कहना था कि इस बार में देश के अर्थशास्त्रियों से बात की गई है। उन्होंने कहा, 'हमने सभी बड़े अर्थशास्त्रियों से बात की है, लेकिन हमने इस बारे में कोई चर्चा नहीं की, इस बारे में कोई भाषण नहीं दिया। हम इस काम में पिछले 6 महीने से लगे हुए थे। दुनिया की जितनी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, वहां हमने इस बारे में चर्चा की, रघुराम राजन सहित कई लोगों से एक के बाद एक चर्चा की।' यह स्कीम यूनिवर्सल बेसिक स्कीम का ही एक वर्जन होगा, जहां परिवारों को एक निश्चित रकम अदा की जाएगी, चाहें वे कामकाजी हों या नहीं हों।
गरीबी खत्म ना कर पाने के लिए बीजेपी ने की आलोचना
कांग्रेस की इस योजना पर मिले-जुले रिएक्शन्स मिले हैं। जहां कुछ ने इसे सपोर्ट किया है तो कुछ ने तरह-तरह की आशंकाएं भी जताई हैं। यूनियन मिनिस्टर निर्मला सीतारमन ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा है कि पार्टी अभी तक अपने 'गरीबी हटाओ' के नारे पर भरोसा कर रही है, जिसे 1971 में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था, जबकि वह अपने शासन में गरीबी नहीं हटा पाई।
महिलाओं को सशक्त बनाने का दावा
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को बताना चाहिए कि वे उनकी न्यूनतम आय गारंटी स्कीम को सपोर्ट करते हैं या नहीं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह शर्मनाक है कि प्रधानमंत्री मोदी दुनिया की सबसे बड़ी गरीबी हटाने की स्कीम का विरोध कर रहे हैं। हर गरीब परिवार को 72,000 रुपये सालाना देने का प्रावधान किया जाना चाहिए। यह शहरी और गांव, दोनों जगह के परिवारों पर लागू होगा। 72,000 रुपये सीधे परिवार की महिलाओं के बैंक खाते में चले जाएंगे। इसीलिए यह एक महिला केंद्रित स्कीम है।' हालांकि इस पर अलग-अलग पार्टियों का मत अलग है, लेकिन रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन का कहना था कि यह स्कीम क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।' साथ ही राजन ने ये भी कहा, 'सरकार को इसके लिए वित्त प्रबंधन भी देखना होगा। इस समय में यह काफी मुश्किल होगा। आप एक के बाद एक स्कीमें नहीं ला सकते। चुनाव के बाद यह देखा जाना चाहिए कि इस स्कीम के लिए कितनी गुंजाइश है।'
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