Budhwar Vrat Katha Significance and Rules: हिंदू धर्म में बुधवार का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश और बुध ग्रह को समर्पित है। ऐसी प्रबल मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ व्रत रखने से भक्तों के जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और उन्हें भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही, यह व्रत कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति को भी मजबूत करता है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। जो भक्त बुधवार का व्रत करते हैं, उन्हें कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। इन नियमों में से एक महत्वपूर्ण नियम है व्रत कथा का श्रवण और पठन। यह व्रत कथा न केवल इस पावन दिन के महत्व को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सच्ची श्रद्धा और अटूट विश्वास से जीवन में कितने सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
बुधवार के दिन यदि व्रत के साथ-साथ सही विधि से बुधवार की व्रत कथा का श्रवण किया जाए, तो जीवन की सभी तरह की तकलीफें भी दूर होती हैं। आइए, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं बुधवार की पौराणिक व्रत कथा और इसके महत्वपूर्ण नियमों के बारे में, ताकि आप भी इस व्रत का पूर्ण लाभ उठा सकें।
बुधवार व्रत कथा
एक बार की बात है, मधुसूदन नाम का एक आदमी अपनी पत्नी को लेने उसके मायके गया। जिस दिन वह पहुंचा, उस दिन बुधवार था। जब मधुसूदन अपनी पत्नी को लेकर घर जाने लगा, तो उसके सास-ससुर ने उसे रोकने की कोशिश की। उन्होंने समझाया कि बुधवार को किसी शुभ काम के लिए यात्रा करना ठीक नहीं होता।
लेकिन मधुसूदन ने उनकी बात नहीं मानी और जाने के लिए तैयार हो गया। उसके सास-ससुर ने फिर उससे पूछा कि क्या उसने गणेश जी और बुध देव की पूजा की है। जल्दी में मधुसूदन ने झूठ बोल दिया कि उसने पूजा कर ली है।
यह भी पढ़ें:Mangalwar Vrat Niyam: मंगलवार का रखते हैं व्रत तो न करें नियमों से जुड़ी ये भूल
इसके बाद मधुसूदन अपनी पत्नी को लेकर घर से निकल पड़ा, लेकिन रास्ते में उसे बहुत परेशानी हुई। पहले तो उसकी बैलगाड़ी टूट गई, जिससे उसे और उसकी पत्नी को दूर तक पैदल चलना पड़ा। फिर बिना किसी गलती के उसे राजा ने गलतफहमी में आकर सज़ा सुना दी।
इन सब घटनाओं के बाद मधुसूदन को समझ आया कि बुधवार के दिन यात्रा न करने और व्रत रखने का कितना महत्व है। उसने तुरंत गणेश जी और बुध देव से अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगी और भविष्य में बुधवार का व्रत रखने का वचन दिया।
भगवान गणेश और बुध देव की कृपा से मधुसूदन और उसकी पत्नी सुरक्षित घर पहुँच गए। उसके बाद से मधुसूदन ने अपनी पत्नी के साथ पूरी श्रद्धा से बुधवार के व्रत का पालन किया।
बुधवार व्रत नियम
बुधवार के व्रत के नियम बहुत आसान हैं। इस व्रत को रखने के लिए, सबसे पहले बुधवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।स्नान के बाद, पूरे दिन नमक वाला भोजन न करें।
शाम के समय आप फलाहार का सेवन कर सकते हैं। अपने व्रत का पारण फलाहार से ही करें, क्योंकि अन्न का सेवन करने से व्रत टूट जाता है।
बुधवार व्रत कथा के फायदे
- बुधवार के दिन व्रत के साथ बुधवार की व्रत कथा पढ़ने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं। इससे आपके बिगड़े हुए काम भी बनने लगेंगे।
- मान्यताएं हैं कि बुधवार की व्रत कथा पढ़ने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। यह कथा छात्रों को जरूर सुननी चाहिए। इससे उनकी बुद्धि का विकास होगा।
- बुधवार की व्रत कथा सुनने से धन से जुड़ी समस्या से भी मुक्ति मिल सकती है। सच्चे मन से गणेश जी की पूजा करने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
- यदि आपकी कोई मनोकामना है, तो इस व्रत को रखने और बुधवार की कथा सुनने से आपकी वह इच्छा भी पूरी हो सकती है।
- बुद्धि और ज्ञान के विकास के लिए भी इस व्रत कथा को बहुत ही फलदायी माना जाता है।
यह भी पढ़ें:गणेश जी की चालीसा|गणेश जी की आरती|बुधवार की पूजा विधि
अगर आप भी बुधवार का व्रत रख रहे हैं तो इन नियमों का पालन अवश्य करें और साथ ही, आरती और कथा अवश्य पढ़ें। तभी व्रत पूर्ण होगा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: freepik, shutterstock
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों